"महामारी-रोधी समय दुनिया का नंबर एक अशांत देश" मानवाधिकारों को बुरी तरह रौंदता है

2021-08-17 20:01:46

अमेरिका खुद को मानवाधिकार रक्षक मानता है। वह कभी-कभी मानवाधिकार की आड़ में दूसरे देशों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करता है। लेकिन नए कोरोना वायरस निमोनिया की महामारी से अमेरिका में बिगड़ती, उथल-पुथल स्थिति और संकट का पर्दाफाश हुआ है। अमेरिकी शैली वाला मानवाधिकार का मुखौटा उतर गया है। हाल ही में तीन चीनी थिंक टैंक द्वारा संयुक्त रूप से जारी "’अमेरिका नंबर एक’?" ! अमेरिका की महामारी-रोधी सच्चाई" शीर्षक रिपोर्ट में अमेरिका को "महामारी-रोधी समय में दुनिया का नंबर एक अशांत देश" कहा गया, जिसमें इस सच्चाई को उजागर किया गया कि अमेरिका मानवाधिकारों को रौंदता है, जहां स्थिति बहुत खतरनाक है।

पिछले एक साल से अधिक समय में अमेरिका में हिंसक अपराध की लगातार घटनाएं हुई हैं। वर्तमान में इस देश में अपराध दर विकसित देशों में पहले स्थान पर है और कई विकासशील देशों की तुलना में ज्यादा है। आज तक, अमेरिका में अल्पसंख्यकों के मानवाधिकारों के सभी पहलुओं का अभी भी उल्लंघन किया जा रहा है, अमेरिका में राजनीतिक अराजकता बहुत चिंताजनक बात है। 

महामारी से लड़ने में अमेरिकी सरकार की विफलता, कमजोर आर्थिक बहाली, और सामाजिक उथल-पुथल में वृद्धि ... कई कारकों ने अमेरिका के निचले हिस्से में लोगों के जीवन को एक अभूतपूर्व प्रभाव डाला है। जैसे-जैसे चिंता और शक्तिहीनता बढ़ती है, बड़ी संख्या में अमेरिकी लोगों को मनोवैज्ञानिक समस्याएं होती हैं।

लेकिन अमेरिकी राजनीतिज्ञ अपने देश में नागरिकों की पीड़ा को अनदेखी करते हैं, और इसके बजाय आधिपत्य सोच के तहत दुनिया को उथल-पुथल का निर्यात कर वैश्विक लोगों को नुकसान पहुंचाता है। ईरान, विनेजुएला, क्यूबा आदि देशों पर लगातार बढ़ाते प्रतिबंध, यूक्रेन स्थिति में हस्तक्षेप से हांगकांग, शिनच्यांग और थाईवान आदि चीन के आंतरिक मामले में हस्तक्षेप तक अमेरिका महामारी के दौरान एकतरफा प्रतिबंध लगाता रहा है। यह न केवल विश्व शांति को क्षति पहुंचाता है, और दूसरे देशों के मानवाधिकार को पैरों तले रौंदता है, बल्कि महामारी-रोधी वैश्विक सहयोग को गंभीर रूप से नष्ट करता है। इससे मानवाधिकार संकट को बढ़ाया जाता है और वैश्विक संकट का स्रोत भी बन गया है।

तथ्यों से जाहिर है कि तथाकथित“मानवाधिकार रक्षक”के रूप में अमेरिका मानवाधिकार का उल्लंघन करने वाला सबसे बड़ा देश है। "महामारी-रोधी समय में दुनिया का नंबर एक अशांत देश" होने के नाते अमेरिका के पास दूसरे देशों के मानवाधिकारों पर उंगली उठाने के लिए क्या योग्यताएं हैं?उसे मानवाधिकार का मुखौटा हटा कर महामारी से लड़ने के लिए वास्तविक प्रयास करना चाहिए। महामारी को हराने के लिए दुनिया भर के देशों के लिए उचित अंतरराष्ट्रीय नैतिकता और जिम्मेदारी का प्रदर्शन करना चाहिए।

(श्याओ थांग)

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