डब्ल्यूएचओ के वायरस ट्रेसबिलिटी कार्य को राजनीतिकरण की छाया दी गई है- चीन में मिस्र के पूर्व राजदूत

2021-08-09 14:08:45

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चीन में स्थित मिस्र के पूर्व राजदूत अली हेफ़्नी ने हाल ही में काहिरा में चीनी समाचार एजेंसी शिनहुआ को दिए एक इन्टरव्यू में कहा कि अमेरिका के दबाव और हस्तक्षेप के तहत विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के नए कोरोना वायरस पर ट्रेसबिलिटी कार्य को राजनीतिकरण की छाया दी गई है।

उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ के संबंधित विशेषज्ञ दल ने चीन में दीर्घकालिक और गहन शोध किया है और पुष्टि की है कि नए कोरोनावायरस को प्रयोगशालाओं के माध्यम से मनुष्यों में पेश किए जाने की "बहुत कम संभावना" है। जहां तक ​​​​वे जानते हैं कि चीन ने हमेशा संबंधित विशेषज्ञों का बहुत अच्छा सहयोग किया है, इस दौरान चीन ने धैर्य, आत्मविश्वास और बहुत खुले विचार दिखाए हैं।

अमेरिका में फोर्ट डेट्रिक बायोलैब की जांच के लिए हाल ही में डब्ल्यूएचओ से चीनी नेटिज़न्स द्वारा की गई अपील की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि चीनी नेटिज़न्स ने फोर्ट डेट्रिक बायोलैब की जांच के लिए 2 करोड़ से अधिक सह-हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने इसके प्रति अपना समर्थन भी व्यक्त किया।

हेफ़्नी के विचार में डब्ल्यूएचओ सचिवालय ने हाल ही में दूसरे चरण की वायरस ट्रेसबिलिटी कार्य-योजना इसलिए पेश किया, क्योंकि उस पर कुछ बड़े देशों का दबाव पड़ रहा है, और इसमें कुछ राजनीतिक तत्व भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि कुछ पश्चिमी देशों ने डब्ल्यूएचओ पर दबाव डाला है, जिनका मूल उद्देश्य चीन द्वारा सार्वजनिक किये जाने वाली महामारी से संबंधित सूचना की पारदर्शिता के बारे में जनमत जगाना है, और फिर चीन की अंतरराष्ट्रीय छवि को प्रभावित करना है।

उन्होंने कहा कि महामारी के मुकाबले की लड़ाई में चीन और कुछ पश्चिमी देशों से अलग है। चीन महामारी को नियंत्रित कर चुका है, और दुनिया भर के कई देशों को चिकित्सा सहायता दी। इसके साथ ही चीन ने चीनी वैक्सीन के स्थानीय उत्पादन को बखूबी अंजाम देने के लिए मिस्र सहित देशों के साथ सहयोग किया, जिससे महामारी के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में मदद मिली।

हेफ़्नी ने यह भी कहा कि अमेरिका सहित कुछ पश्चिमी देशों की कार्रवाइयों ने न केवल देशों के बीच मतभेद और टीकाकरण के बारे में लोगों की चिंताओं का कारण बनाया है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय में आपसी संदेह का माहौल भी बनाया है। अगर ऐसा ही चलता रहा, तो दुनिया की महामारी से लड़ने की कोशिशें काफी कम हो जाएंगी।

(श्याओ थांग)

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