अमेरिका तथाकथित चीनी हैकर की झूठ बना रहा है
हाल ही में अमेरिका ने कुछ पश्चिमी देशों को एकत्र कर बयान जारी कर चीन पर तथाकथित हैकिंग हमला बोलने का आरोप लगाया। अमेरिका ने साइबर जासूसी के नाम पर चार चीनी व्यक्तियों पर मुकदमा भी चलाया। लेकिन अमेरिका का आरोप एकदम निराधार है। वह फिर राजनीतिक खेल खेल रहा है, जो कि उल्टा चोर कोतवाल को डांटे जैसा है।
वास्तव में अमेरिका विश्व का सबसे बड़ा हैकर साम्राज्य है। लंबे समय से वह साइबर सुरक्षा में अपने प्रौद्यौगिकी लाभ का सहारा लेकर पूरे विश्व में बड़े पैमाने पर टैपिंग करता है और अन्य देशों की संवेदनशील सूचनाएं और नागरिकों की निजी सूचनाएं चुराता है।
चीन की एक मशहूर साइबर सुरक्षा कंपनी ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा था कि सीआईए के साइबर हैकर संगठन एपीटी-सी-39 ने चीन के अंतरिक्ष, उड्डयन, तेल, बड़ी आईटी कंपनियों व सरकारी संस्थाओं पर 11 सालों तक हैकिंग की, जिसने चीन की राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक सुरक्षा को गंभीर हानि पहुंचायी है।
चीन के पास पूरा सबूत है कि अमेरिका चीन पर साइबर हमला करने वाला सबसे बड़ा स्रोत देश है।
पिछले साल चीन ने वैश्विक आंकड़ों की सुरक्षा का प्रस्ताव रखा, जिसने व्यापक विकासशील देशों का समर्थन प्राप्त किया। लेकिन पश्चिमी जगत ने इस पर ठंडी प्रतिक्रिया दी। इसका मुख्य कारण है कि वे साइबर क्षेत्र में अपना प्रभुत्तववाद नहों खोना चाहते हैं। (वेइतुंग)