वैश्विक स्तर पर शैक्षिक चुनौतियों से निपटने के लिए आगे आया चीन

2021-06-24 19:31:24

कोरोना महामारी के चलते विश्व भर के शैक्षणिक संस्थान व छात्र भारी चुनौती का सामना कर रहे हैं। लगभग डेढ़ साल से कई देशों में स्कूल, कॉलेज बंद हैं और छात्रों की पढ़ाई भी व्यापक रूप से प्रभावित हुई है। हालांकि अध्ययन जारी रखने के लिए ऑनलाइन तरीके का सहारा लिया जा रहा है। लेकिन वह क्लासरूम में जाकर सीधे शिक्षक से रूबरू होने जैसा तो कतई नहीं कहा जा सकता। इस बीच चीन ने उक्त चुनौती से निपटने की दिशा में बड़ी पहल करते हुए वैश्विक स्तर पर काम करने का फैसला किया है। अंतर्राष्ट्रीय पटल पर एक बड़ा देश व शक्ति होने के नाते चीन की भूमिका अहम हो सकती है। चीन ने इसके लिए जी-20 देशों के समूह के साथ घनिष्ठ संपर्क व सहयोग करने की घोषणा की है।

चीनी शिक्षा मंत्री छन बाओशंग ने पिछले दिनों जी-20 देशों के शिक्षा मंत्रियों की बैठक में चीन की जिम्मेदारी व भूमिका का उल्लेख किया। जैसा कि हम जानते हैं कि कोविड-19 महामारी के कारण दुनिया भर की स्कूली व कॉलेज शिक्षा पर बहुत असर पड़ा है। ऐसे में चीन ने इस बड़े व प्रभावशाली समूह के साथ सहयोग करने का वादा किया है। चीन का कहना है कि वह शिक्षा क्षेत्र में सुधार व खुलापन जारी रखेगा और महामारी से पैदा चुनौतियों का सामना करने के लिए भी जी-20 देशों के साथ काम करेगा। ताकि शिक्षा की गुणवत्ता को बनाए रखने में मदद दी जा सके।

गौरतलब है कि चीनी नेताओं ने बार-बार गरीबी उन्मूलन पर जोर दिया है। उनका मानना है कि लोगों को बेहतर शिक्षा प्रदान करना भी गरीबी के खात्मे के लिए बड़ा कदम है। कोरोना संकट की वजह से तमाम देशों में शिक्षा व्यवस्था बुरी तरह चरमराई हुई है। यूनीसेफ ने भी हाल में कहा था कि अगर संबंधित सरकारों द्वारा उचित उपाय नहीं किए गए तो लाखों बच्चे स्कूली पढ़ाई से वंचित हो सकते हैं। जो कि उनके गरीबी के दलदल में फंसने का कारण बन सकता है।

अब चीन द्वारा जी-20 को इस संदर्भ में आश्वासन दिया गया है। इससे पता चलता है कि चीन महामारी के इस दौर में अपनी ओर से हरसंभव कोशिश कर रहा है। बात वैक्सीन वितरण की हो या फिर जरूरी राहत सामग्री की। चीन ने आगे आकर नेतृत्वकारी भूमिका निभाई है। हम यह भी जानते हैं कि चीन द्वारा तैयार दो वैक्सीन, साइनोवैक व साइनोफार्म को पहले ही डब्ल्यूएचओ ने आपात इस्तेमाल की इजाजत दे दी है। जो कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इस स्वास्थ्य संकट से लड़ने में अहम साबित हो सकता है। क्योंकि चीन विश्व स्वास्थ्य संगठन की कोवाक योजना में मुख्य हिस्सेदार है।

अनिल पांडेय 

रेडियो प्रोग्राम