अमेरिका के सामने सबसे बड़ी धमकी चीन से नहीं: रॉबर्ट लेक
ब्रिटिश अख़बार द गार्जियन ने 20 जून को लेख जारी कर कहा कि अमेरिकी श्रम मंत्रालय के पूर्व मंत्री रॉबर्ट लेक ने कहा कि अमेरिका के सामने सबसे बड़ी धमकी चीन से नहीं आयी। धमकी यही है कि अब अमेरिका आदिम फासीवाद की प्रवृत्ति में गिर रहा है। अमेरिका को चीन को बदनाम नहीं करना चाहिए। जिससे नेटिविज़्म और ज़ेनोफ़ोबिया बहुत बढ़ गए हैं। वर्तमान में अमेरिका का मुख्य मामला और एक दुश्मन बनाने के बजाय अपने को अच्छी तरह से समझना और अपनी जिम्मेदारी उठाना है।
लेक ने पूर्व सोवियत संघ व जापान के उदाहरण लेकर कहा कि अमेरिका विभिन्न युगों में हमेशा दुश्मन बनाने का इच्छुक रहा है। विश्व द्वितीय युद्ध के बाद अमेरिका कई क्षेत्रों में पूर्व सोवियत संघ के साथ प्रतिस्पर्धा करता रहा। बाद में जब पूर्व सोवियत संघ का विघटन हुआ और जापान में बड़ा विकास हुआ, तो अमेरिका जापान को अपने दुश्मन को समझे।
रिपोर्ट में लेक ने यह भी कहा कि हालांकि वर्तमान में चीन व अमेरिका के बीच भू-राजनीतिक प्रतिस्पर्धा होती है, लेकिन अमेरिकी कंपनी व पूंजी-निवेशक चीन में कारखाने की स्थापना करते हैं, चीनी सहयोग साझेदारों को तकनीक बेचते हैं, जिससे खूब पैसे कमाये गये हैं। इसके अलावा अमेरिका के बैंक व उद्यम पूंजीपति भी चीन में अपना व्यापार करने में व्यस्त हैं।
लेक ने यह अपील की कि अमेरिका को चीन को बदनाम नहीं करना चाहिये। क्योंकि इस रवैये से अमेरिका सही रास्ते पर आगे नहीं बढ़ सकेगा।
चंद्रिमा