रेगिस्तान में एक "पेड़"

2021-06-15 16:14:06

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चीन के भीतर मंगोलिया स्वायत्त प्रदेश के ऑर्डोस पठार के उत्तर में खुपुछी रेगिस्तान बॉलस्ट्रिंग की तरह चीन की पीली नदी की चीज़ी खाड़ी के दक्षिण किनारे पर स्थित है। मंगोलिया भाषा में खुपुछी का मतलब होता है "धनुष की तार" । 18 हजार 6 सौ वर्ग किलोमीटर वाले इस रेगिस्तान का 10 हजार वर्ग किलोमीटर हिस्सा ऑर्डोस शहर के हांगचिन जिले में है। हवा के साथ चलने वाली पीली रेत ने पहले समय में स्थानीय लोगों की यात्रा और जीवन को बुरी तरह प्रभावित किया था और वहां के उद्योगों के विकास में बाधाएं भी डाली थी। आज के समय में स्थानीय रेगिस्तान के एक तिहाई हिस्से को पूरी तरह से नियंत्रित कर लिया गया है। विस्तारित हो रहे नखलिस्तान जेड की तरह "सुनहरी बॉलस्ट्रिंग" पर जड़ा हुआ है। आज हमारे रिपोर्टर के साथ जांग चीशू के पास गये और उनकी कहानी सुनी, जिन्होंने इस बॉलस्ट्रिंग को हरे रंग से सजाया है।

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हांगचिन जिले के उत्तर-पूर्व स्थित दुगुइताला टाउन से रवाना होकर लगभग 10 मिनट की ड्राइव के बाद संवाददाता "खुपुछी रेतिस्तान पारिस्थितिक प्रौद्योगिकी केंद्र" के पूर्वी द्वार पर पहुंचे। चिनार के पेड़ों के नीचे खुशबू भरे गुलाब के फूल और पौधों की क्यारी दिखी। चिनार के पेड़ों के बीच पत्तियों और मृत शाखाओं के ढेर नजर आ रहे हैं। चार ऋतुओं की इस सामान्य प्रक्रिया में एक नया पारिस्थितिकी तंत्र धीरे-धीरे संपन्न हो रहा है।

गली के पेड़ों के नीचे पौधों के अंकुरों ने अपना सिर बाहर निकाल लिया। जांग चीशू नीचे बैठकर जमीन से एक मृत शाखा को उठाकर जमीन को कुरेदा। उन्होंने कहा,"आप देखिए, मिट्टी बदल गई है। शैवाल और सूक्ष्मजीवों के साथ साथ जैविक पोषक तत्व धीरे-धीरे उपलब्ध हो रहे हैं। यह मिट्टी का प्राकृतिक सुधार है। नीचे फिर भी रेत है, लेकिन ऊपर मिट्टी की जैविक परत संपन्न हो गई है। यह मिट्टी बनने की प्रक्रिया ही है, जिसमें कुछ हिस्से स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन कुछ हिस्से काले हो गए हैं।"

जांग चीशू वर्तमान में यीली रेतिस्तान अनुसंधान संस्था के उप प्रमुख हैं। वे कभी एक दल का नेतृत्व करते हुए रेत नियंत्रण की नई तकनीकों का विकास करने से प्रसिद्ध थे। लेकिन रेगिस्तान के साथ उसका बंधन तब शुरू हुआ था जब उनका जन्म हुआ था। जांग चीशू का जन्म पूर्वी भीतर मंगोलिया के होर्किन सैंडी भूमि के किनारे पर स्थित एक गाँव में हुआ था। बचपन में उन्होंने अपनी आंखों से पीली रेत से अपने घर के खेत नष्ट हुए देखा। 1985 में उन्हें भीतर मंगोलिया के वानिकी कॉलेज के रेगिस्तान प्रबंधन आनर्स में दाखिला कराया गया। वे अपने गांव में पहला कॉलेज छात्र बने। 2000 में जांग चीशू ने अपना वानिकी कार्य छोड़ कर नव स्थापित यीली ग्रुप के खुपुछी पारिस्थितिक संसाधन परियोजना विभाग में प्रवेश किया। और विशेष रूप से रेत नियंत्रण कार्य करने लगे।

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उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि उसी वर्ष, पारिस्थितिक बहाली और स्वच्छ ऊर्जा व पर्यावरण संरक्षण उद्योगों में लगे एक चीनी निजी उद्यम के रूप में यीली ग्रुप को हांगचिन जिले की सरकार द्वारा रेत नियंत्रण के लिए भूमि के रूप में 8 हजार हेक्टेयर का चलता-फिरता रेतीला टीला आवंटित किया गया। यह यीली ग्रुप के लिए बड़े पैमाने पर रेगिस्तानी पारिस्थितिक बहाली करने का पहला मोर्चा है। "खुपुछी रेगिस्तान पारिस्थितिक प्रौद्योगिकी केंद्र" यहां स्थापित हुआ है। हालाँकि यहां प्रारंभिक रेत नियंत्रण में छोड़े गये छिटपुट अति-परिपक्व पेड़ अभी भी हैं, लेकिन पहले के चलते-फिरते रेतीले टीले का दृश्य अभी नहीं रहा। उसकी जगह जीवन शक्ति से भरे जंगलों ने ले ली थी, जो कि उनकी 20 साल की कड़ी मेहनत का भी प्रतीक है। उन्होंने कहा,"शुरुआत में, हालात बहुत कठिन थे। कार नहीं थी, पैसे भी नहीं थे। तो पैदल से ही नापना पड़ा था। मापने की रस्सी और दोपहर भोजन के लिए कुछ पानी व रोटी लेकर हर दिन सुबह निकलकर रात को वापस लौटते थे। जीवन की कठिनाई के अलावा कोई आध्यात्मिक जीवन नहीं है। समाचार पत्र नहीं पढ़ सकते, रेडियो नहीं सुन सकते, फोन कॉल नहीं कर सकते या टीवी भी नहीं देख सकते। इंटरनेट के बिना जानकारी की जांच भी नहीं कर पाये।"

साइट का सर्वेक्षण करना, योजना बनाना, रेत नियंत्रण केंद्र के सहयोगी के साथ एक मोटरसाइकिल चलाना, पौधे देखना और पेड़ उगाना, ये पहले के दो वर्षों में जांग चीशू और उनके सहयोगियों के सभी काम थे। उन्होंने कहा,"हर शरदकाल में पेड़ के बीज इकट्ठा करते हैं, गर्मियों में सड़क के दोनों किनारों पर रेत अवरोधों का निर्माण करते हैं, और फिर रेत अवरोधों के पूरा होने के बाद घास के बीज बोते हैं। सर्दियों में, पौधों को बंडलों में बांधकर छद्म रोपण करते हैं, ताकि अगले वसंत वनरोपण की तैयारी की जा सके। हर दिन बहुत से काम हैं। मैं इस कार्य पर कायम रह सकता हूं क्योंकि मैं इस आनर्स का अध्ययन करता हूं। हालांकि यह बहुत कठिन है, मुझे रेगिस्तान में चलना भी पसंद है।"

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2010 में यीली ग्रुप ने हरितकरण की तकनीक को और बेहतर बनाने के लिए एक प्रौद्योगिकी केंद्र की स्थापना की। उसकी कई जाने-माने वृक्षारोपण तकनीक की मानकीकृत संचालन प्रक्रिया को जांग चीशू के नेतृत्व वाले दल द्वारा कई परीक्षणों के बाद निर्धारित किया गया है और पेटेंट प्राधिकरण भी प्राप्त किये गये। जांग चीशू ने संवाददाताओं से कहा कि अब तक उनके दल के रेगिस्तान नियंत्रण संबंधी 20 से अधिक पेटेंटों को प्राधिकरण मिला। इनमें से 2009 से 2020 तक लगभग 1 लाख 7 हजार हेक्टेयर के रेगिस्तानी हरियाली में उन की तकनीक का उपयोग किया गया जिससे पेड़ उगाने की दक्षता और जीवित रहने की दर में काफी सुधार हुआ है।

जांग चीशू ने कहा कि इतिहास में, घास के मैदान के रूप में खुपुछी के पास प्रचुर मात्रा वाले जल व घास संसाधन और अच्छी पारिस्थितिकी थी। उन्होंने संवाददाताओं से कहा,"मुझे उम्मीद है कि रेगिस्तानी नखलिस्तान और बड़ा हो जाएगा, पर्यावरण बेहतर हो जाएगा, और लोगों के जीवन की गुणवत्ता लगातार सुधरती रहेगी। साथ ही, मुझे यह भी उम्मीद है कि हमारे उद्योग का विकास भी बेहतर हो जाएगा, अच्छे चक्र हो पाएगा, और लोग अधिक से अधिक समृद्ध होंगे।"

(मीनू)

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