27 मई 2021

2021-05-27 09:04:49

अनिलः दोस्तो, हम आपको यह सूचित करना चाहते हैं कि यह हमारा आखिरी प्रोग्राम है। इसके बाद शायद कुछ पुराने कार्यक्रम रिपीट किए जाएंगे। हालांकि हम आप सभी के साथ फेसबुक, व्हट्सएप आदि के जरिए जुड़े रहेंगे। हम भी नहीं चाहते कि हम आपसे दूर जाएं, लेकिन संस्थान का फैसला कि अब सोशल मीडिया व वीडियो कार्यक्रमों पर ज्यादा ध्यान दिया जाय। हम उम्मीद करते हैं कि आप हमेशा की तरह वहां भी हमारा साथ देते ऱहेंगे।  

इंसान की किस्मत कब पलट जाए इसके बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है। कभी-कभी लोगों के हाथ कुछ ऐसा लग जाता है, जो उन्हें एक झटके में अमीर बना देता है। कुछ इसी तरह किस्मत बदली यूके के कॉट्सवोTल्ड्स के ग्रामीण इलाके में भेड़ चराने वाले एक चरवाहे की। इस चरवाहे को भेड़ चराने के दौरान अचानक ऐसे दो पत्थर हाथ लगें, जिसकी कीमत करोडों में आंकी गई।

दरअसल, ये पत्थर उल्कापिंड के टुकड़े थे। लेकिन देखने में ये सामान्य पत्थर लग रहे थे। उल्कापिंड के ये टुकड़े बीते 4 बिलयन सालों स्पेस में तैर रहे थे, लेकिन इस साल फरवरी के महीने में ये पृथ्वी पर गिर गए थे। उल्कापिंड के इन टुकड़ों की कीमत करोड़ रुपये आंकी गई। हालांकि, इसे पाने वाले चरवाहे ने 'नेचुरल हिस्ट्री म्यूजियम' को दान कर दिया।

बता दें कि म्यूजियम के द्वारा इस पत्थर को डिस्प्ले पर लगाया जाएगा। स्पेस से गिरे इस पत्थर का नाम 'विंचकॉम्ब उल्कापिंड' रखा गया है। उल्कापिंड का ये टुकड़ा काफी दुर्लभ है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीते 30 सालों में यूके में मिला ये पहला पत्थर है। आसमान से नारंगी और हरे रंग के आग के गोले की तरह गिरता ये उल्कापिंड सिक्युरिटी कैमरे में कैद हुआ था। इससे पहले ये पत्थर कभी जमीन पर नहीं पाया गया था।

बता दें कि इस साल फरवरी महीने में ये पत्थर यूके के कॉट्सवोल्ड्स इलाके में गिरा था। 57 वर्षीय विक्टोरिया बांड नामक चरवाहे को इस पत्थर के गिरने की तेज आवाज सुनाई दी। पत्थर के गिरने के थोड़ी देर बाद पांच से सात वैज्ञानिक विक्टोरिया बांड के घर पहुंचे और पत्थर के बदले 1 करोड़ रुपये देने की पेशकश की। लेकिन चरवाहे को जब पता चला कि ये पत्थर स्पेस की अहम जानकारियां दी सकता है, तो उसने इसे दान कर दिया।

नीलमः अब एक जानकारी ब्रिटेन से। वहां एक महिला को कंपनी ने नौकरी से केवल इस वजह से निकाल दिया, क्योंकि वो गर्भवती हो गई थी। इसके बाद ये महिला कंपनी के खिलाफ जब कोर्ट पहुंची, तो कोर्ट ने महिला को 14 हजार पाउंड्स यानी लगभग साढ़े 14 लाख रुपयों का भुगतान करने का आदेश दिया। आपको बता दें कि ये घटना ब्रिटेन के कैंट शहर से सामने आई है।

बताया जाता है 'की प्रमोशन्स लिमिटेड' नाम की एक कंपनी में यूलिया किमिचेवा मैगजीन फिनिशर के तौर पर काम करती थी। ये कंपनी किताबों और मैगजीन्स की पैकिंग का काम संभालती है। यूलिया किमिचेवा ने अपनी मैनेजर कैरोलिन एडवर्ड्स को बताया कि वे गर्भ से हैं और ऐसे में उन्हें कुछ समय के लिए ऑफिस से छुट्टी लेनी पड़ेगी।

हालांकि, यूलिया की मैनेजर कैरोलिन ने कहा फिलहाल मैं काफी व्यस्त हूं और तुम इससे पहले भी प्रेग्नेंट होने की वजह से छुट्टियां ले चुकी हो। इसके कुछ ही दिनों के बाद कैरोलिन ने ईमेल के माध्यम से यूलिया को बर्खास्त करने का फैसला सुनाया। कैरोलिन ने लेटर में ये भी कहा कि यूलिया का काम काफी औसत था और उनकी ऑफिस में अटेंडेंस भी काफी कम हो चुकी थी। इस वजह से कंपनी ने यूलिया किमिचेवा को निकालने का फैसला लिया है।

यूलिया किमिचेवा कंपनी के खिलाफ कोर्ट में स्टेटमेंट देते हुए कहा कि गर्भवती होने के कारण मैं काम करने में असमर्थ थी, लेकिन इस बारे में कैरोलिन ने कहा कि हम कोई चैरिटी संस्था नहीं हैं जो बिना काम के वेतन दें और हमें काम की परफॉर्मेंस के आधार पर लोगों को रखने या निकालने का हक है।

कोर्ट में इस मामले पर बात करते हुए एंप्लायमेंट जज ने कहा कि कैरोलिन को यूलिया किमिचेवा की गर्भवती होने के बारे में जानकारी थी। लेकिन कंपनी ने यूलिया को जिस तरह से निकाला है, वो काफी अनुचित है और इस मामले में कोर्ट आदेश देती है कि कंपनी महिला को करीब 14 लाख 50 हजार रुपये का भुगतान करे।

अनिलः अब एक और जानकारी.... दुनियाभर में सनकी बादशाहों के तरह-तरह के किस्से खूब मशहूर हुए हैं। कोई राजा अपने क्रूरता के लिए जाना जाता है, तो कोई उदारता के लिए। लेकिन दुनिया में एक ऐसा भी बादशाह था, जो अपने अजीबोगरीब सनक के लिए जाना जाता है। इस बादशाह को लंबे सैनिकों को अपने सेना में रखने और मोटा वेतन देने का काफी शौक था। हालांकि, वेतन पाने के लिए सैनिकों को खासी बेइज्जती भी सहनी होती थी।

यह कहानी उस समय की है, जब प्रशा एक राज्य हुआ करता था। हालांकि, साल 1932 में इसका जर्मनी में विलय हो गया। यहीं का एक राजा था फ्रेडरिक विलियम प्रथम, जिसने 1713 से लेकर 1740 तक प्रशा पर राज किया। वैसे तो फ्रेडरिक विलियम प्रथम शांत और दयावान स्वभाव का राजा था, लेकिन उसे अपने सेना में लंबे कद के सैनिकों को रखने का काफी शौक था। ऐसा कहा जाता है कि उसके राजा बनने से पहले प्रशा की सेना में करीब 38 हजार सैनिक होते थे, जिसे बढ़ाकर उसने करीब 83 हजार कर दिया।

राजा फ्रेडरिक को लंबे सैनिकों से काफी लगाव था। उसके राज्य में लंबे सैनिकों की एक अलग रेजिमेंट थी, जिसे 'पॉट्सडैम जाएंट्स' कहते हैं। इस रेजिमेंट में सारे सैनिक छह फीट से ज्यादा के थे। राजा फ्रेडरिक की सेना में जो लंबा सैनिक था, उसका नाम जेम्स किर्कलैंड था। जेम्स किर्कलैंड की लंबाई सात फीट एक इंच थी।

सबसे मजेदार बात ये है कि इन लंबे सैनिकों को किसी युद्ध के लिए तैयार नहीं किया जाता था, बल्कि वे सिर्फ दिखावे के लिए थे। कभी-कभी राजा इन सैनिकों से मनोरंजन का काम भी करवाता था। उदास होने पर फ्रेडरिक विलियम प्रथम इन सैनिकों को महल में बुलवा लिया करता और उन्हें नाचने को कहता था। इतना ही नहीं कभी-कभी महल में ही इन सैनिकों से मार्च करवाया करता था।

31 मई 1740 को 51 साल की उम्र में राजा फ्रेडरिक की मौत हो गई। कहते हैं कि उस समय उसके 'पॉट्सडैम जाएंट्स' रेजिमेंट में लंबे सैनिकों की संख्या 3,000 के आसपास हो गई थी। उसकी मौत के बाद भी कई सालों तक यह रेजिमेंट सक्रिय रहा, लेकिन 1806 में राजा फ्रेडरिक के बेटे फ्रेडरिक ग्रेट ने उस रेजिमेंट को ही भंग कर दिया और सभी सैनिकों को आम सैनिकों में मिला दिया।

नीलमः अब दूसरी जानकारी से रूबरू कराते हैं...वहीं दुनिया में ऐसी कई खतरनाक झीलें हैं, जिनके रहस्य को आज तक कोई नहीं जान पाया है। कुछ इसी तरह का ही एक खतरनाक झील उत्तरी तंजानिया में है, जिसे नेट्रॉन झील के नाम से जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस झील के पानी को जो भी छूता है, वो पत्थर का बन जाता है। इस झील के आसपास कई पशु-पक्षियों की पत्थर की मूर्तियां मौजूद है। अब आपको इसके बारे में बताते हैं।

नेट्रॉन झील के दूरदराज तक कोई भी आबादी नहीं है। इस झील के आसपास पत्थर के जानवर और पक्षियों की मूर्तियां पड़ी हैं, जिसे देखकर झील के जादुई होने की बात सच भी लगती हैं। दरअसल, इन सब के पीछे वैज्ञानिक वजह भी है। बता दें कि नेट्रॉन एक अल्केलाइन झील है, जहां के पानी में सोडियम कार्बोनेट की मात्रा काफी ज्यादा है। पानी में अल्केलाइन की मात्रा और अमोनिया की मात्रा एक समान है। ये सबकुछ ठीक वैसा ही है, जैसा इजिप्ट में लोग ममी को सुरक्षित करने के लिए करते थे। यही कारण है कि यहां पंक्षियों के शरीर सालों सुरक्षित रहते हैं।

हालांकि, नेट्रॉन झील ही दुनिया में अकेला नहीं है, जिसमें खतरनाक रासयनिक तत्व पाए जाते हैं। अफ्रीकी देश कांगो की कीवू झील दुनिया के सबसे खतरनाक झीलों में से एक है। इसे 'विस्फोटक झील' के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल, इसके पानी में कार्बन डाई-ऑक्साइड और मीथेन गैस मौजूद है। कहा जाता है कि इस झील के पास अगर हल्का सा भी भूकंप आ जाए तो झील में एक बड़ा विस्फोट हो जाएगा।

अमेरिका की सबसे बड़ी झीलों में से एक 'लेक मिशिगन' जितना खूबसूरत है, उतना ही खतरनाक भी। बताया जाता है कि इस झील के पास जानलेवा गैस का बादल छा गया था, जिसकी वजह से वहां मौजूद सारे जीव-जंतु मर गए थे। वैज्ञानिकों का मानना था कि झील के नीचे एक ज्वालामुखी है, जिसकी वजह से कार्बन डाई-ऑक्साइड गैस पानी में मिल गई होगी और गैस का स्तर बढ़ने से वह बादल में तब्दील हो गए होंगे।

उत्तरी अमेरिकी महाद्वीप के कैरेबियन क्षेत्र में स्थित एक देश है डोमिनिका, जहां एक उबलती हुई झील है। इस झील के पास जाना मौत को दावत देने के समान है। दरअसल, इसके पानी का तापमान 92 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है और इसकी वजह है इस झील के पास एक ज्वालामुखी का होना, जो पानी को हमेशा गर्म रखता है।

अनिलः इसी के साथ प्रोग्राम में जानकारी देने का सिलसिला यही संपन्न होता है।

अब बारी है श्रोताओं की टिप्पणी की ...

अब बारी है श्रोताओं के पत्रों की। पहला पत्र हमें भेजा है, खंडवा, मध्य प्रदेश से दुर्गेश नागनपुरे ने। लिखते हैं हमें पिछला टी टाइम कार्यक्रम बहुत अच्छा लगा।

कार्यक्रम में आपके द्वारा इंडिगो फ्लाइट, सर्कस, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ मे मनाये जाने वाले पोला त्यौहार के बारे में दी गई जानकारी बहुत पसंद आई । वैसे मैं आपको यह बता दूं कि हमारे निमाङ क्षेत्र में भी पोला पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जाता है, इस दिन बैलों को बहुत ही अच्छे ढंग से सजाया जाता है और उनकी पूजा-अर्चना करके उन्हें खीर-पूरी आदि व्यंजन खिलाये जाते हैं। साथ प्रोग्राम में 18 साल के ओवेन कैरी जी और फेसबुक के बारे में बताया गया । मजेदार जोक्स सुनकर बहुत हंसी आई । धन्यवाद

दुर्गेश जी पत्र भेजने के लिए शुक्रिया।

नीलमः अब समय हो गया है अगले पत्र का। जिसे भेजा है, केसिंगा उड़ीसा से सुरेश अग्रवाल ने। लिखते हैं, दिनांक 20 मई को पेश साप्ताहिक 'टी टाइम' सुना, जिसमें कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण श्रोताओं के पत्रों को शामिल न किये जाने के कारण सब कुछ फ़ीका-फ़ीका लगा, फिर चाहे ऐसा एक सप्ताह के लिये ही क्यों न किया गया हो। पेइचिंग के दक्षिण-पूर्व में स्थित एवं कोई 120 हेक्टेयर में फैले यूनिवर्सल पेइचिंग रिजॉर्ट के इसी वर्ष खुल जाने सम्बन्धी जानकारी काफी उत्साहवर्ध्दक लगी। क्योंकि पर्यटन में रुचि रखने वालों के लिये यह एक अच्छी ख़बर है।वहीं 15 सितम्बर 2019 को दिल्ली से इस्तांबुल जा रही इंडिगो फ्लाइट द्वारा अपने साथ सवारियों का सामान ले जाना भूलना, निश्चित तौर पर एक बड़ी विस्मयकारी घटना है, परन्तु अब लगभग दो साल बाद उक्त घटना की क्या प्रासंगिकता रह गयी है, समझ से परे है। सर्कस में जानवरों के साथ दुर्व्यवहार के चलते जानवरों के प्रदर्शन पर रोक लगाये जाने सम्बन्धी जानकारी महत्वपूर्ण है। जानकारी में बीबीसी के हवाले से यह भी बतलाया गया कि डेनमार्क सरकार द्वारा आखिरी 4 सर्कस के हाथियों को खरीदा गया है और इन हाथियों के लिए सरकार ने सरकुस ऐरेना और सरकुस ट्रापेज को 11 मिलियन डेनिस क्रोनर (11 करोड़ रुपए से ज्यादा) अदा किये हैं। यह घटना कितनी पुरानी है, इस बात का भी ज़िक्र किया जाता, तो बेहतर होता।

वहीं पोला त्योहार सम्बन्धी जानकारी के तहत महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के रायटे वाघापुर गांव में बाबूराव शिंदे की पत्नी द्वारा रीति रिवाज का पालन करते हुये अपना 1.5 लाख रुपए मूल्य के सोने के मंगलसूत्र को बैल के सिर पर लगाया जाना और फिर उसे भूल से मीठी चपाती की प्लेट में रख दिया जाना -मेरी जानकारी में यह जानकारी वर्षों पुरानी है और इसी कार्यक्रम में प्रसारित भी हो चुकी थी। आपसे गुज़ारिश है कि किसी भी सामग्री के पुनर्प्रसारण की सूचना अवश्य दी जाये। फेसबुक द्वारा अपने मंच पर हानिकारक कंटेंट को सीमित करने हेतु उठाये जाने वाले कदमों सम्बन्धी जानकारी अच्छी है। 

वहीं जापानी स्वास्थ्य, श्रम व कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार वहां 100 साल के महिलाओं की संख्या पुरुषों से ज्यादा है, जो कुल 71,238 में से 88.1 फीसदी है तथा इससे सम्बन्धी तमाम जानकारी भी पुरानी, परन्तु महत्वपूर्ण कही जायेगी। बॉलीवुड एक्टर अमिताभ बच्चन की नातिन नव्या नवेली नंदा के फोटो और वीडियो इंटरनेट पर अकसर वायरल होने की बात समझ में आती है, क्योंकि वह सदी के महानायक की नातिन जो है। कार्यक्रम में पेश जोक्स अच्छे लगे। धन्यवाद आज की प्रस्तुति के लिये।

सुरेश जी, पत्र भेजने के लिए शुक्रिया।

अनिलः अब पेश है अगला खत। जिसे भेजा है, खुर्जा यूपी से तिलक राज अरोड़ा ने। लिखते हैं, कार्यक्रम में जानकारियो के क्रम में आपने बताया कि ब्रिटेन 31 अक्टूबर को यूरोपीय संघ को छोड़ देगा। यह जानकारी पसंद आयी।दिल्ली से इस्तांबुल जा रही इंडिगो फ्लाइट सवारियों का सामान ही ले जाना भूल गयी। यह तो घोर लापरवाही ही कही जायेगी। डेनमार्क की सरकार ने सर्कस के हाथियों को 11 करोड़ रुपये में खरीद कर सराहनीय कार्य किया है। पोला त्योहार पर बैल की पूजा करते वक्त किसान की पत्नी का 1:50 लाख रुपये के जेवर बैल ने खा लिए । यह जानकारी सुनी और पसंद आयी। कार्यक्रम में इसके अलावा अन्य जानकारियां भी प्रंशसा योग्य लगी। कार्यक्रम में फिल्मी गीत दीदी तेरा देवर दीवाना सुनकर दिल खुशी से झूम उठा। कार्यक्रम में जोक्स ने चार चाँद लगा दिये। कार्यक्रम में श्रोता बंधुओ के पत्र शामिल नही किये गए। यह कमी महसूस हुई।

अरोड़ा जी पत्र भेजने के लिए शुक्रिया।

नीलमः अब पेश है, दरभंगा बिहार से शंकर प्रसाद शंभू का पत्र। लिखते हैं कि सुना कि पेइचिंग के दक्षिण-पूर्व में स्थित 120 हेक्टेयर में फैला हुआ "यूनिवर्सल पेइचिंग रिजॉर्ट" कुछ समय  में आधिकारिक रूप से खुल जायेगा। कार्यक्रम से हमें ज्ञात हुआ कि 'पेइचिंग यूनिवर्सल स्टूडियो' दुनिया का पांचवाँ और एशिया का तीसरा यूनिवर्सल स्टूडियो है। उसे दुनिया में सबसे बड़ा 'यूनिवर्सल स्टूडियो थीम पार्क' बनाने की योजना है, जिसमें हॉलीवुड, जुरासिक पार्क, वॉटर वर्ल्ड, कुंगफू पांडा, हैरी पॉटर का मैजिक वर्ल्ड, ट्रांसफॉर्मर्स और मिनियन पार्क शामिल होंगे।

अगली जानकारी में इंडिगो की भूल बिल्कुल हास्यास्पद लगा। दिल्ली से इस्तांबुल जा रही इंडिगो फ्लाइट सवारियों का सामान ले जाना भूल गई, जिससे एयरप्लेन में बैठे यात्रियों ने जमकर सोशल मीडिया पर अपना गुस्सा निकाला और शायद इंडिगो के स्टाफ को शर्मिन्दा होना पड़ा।

मनोरंजन हेतु बजाया गया हिन्दी गीत- दीदी तेरा देवर दीवाना, हाय राम गुड़ियों को डाले दाना--- मधुर एवं कर्णप्रिय लगा। श्रोताओं की टिप्पणियाँ शामिल नहीं होने से कार्यक्रम में कुछ कमी महसूस हुआ, किन्तु तीनों जोक्स गुदगुदाने वाले लगे।

शंभू जी पत्र भेजने के लिए शुक्रिया।

अनिलः आप सभी श्रोताओं का धन्यवाद। पत्र भेजने के लिए ।

अनिलः आप सभी श्रोताओं का धन्यवाद। पत्र भेजने के लिए ।

अब पेश करते हैं जोक्स ..

पहला जोक

एक दोस्त दूसरे दोस्त से...

बुलेट ट्रेन तो उन देशों के लिए बनी है,

जहां लोगों के पास समय की कमी है...!

हमारे यहां तो अगर कहीं जेसीबी लगी हो, तो

आधा गांव तो उसे ही देखने चला जाता है...!

दूसरा जोक

एक मोटी औरत डॉक्टर के पास गई और बोली -

डॉक्टर साहब, आपने तो कहा था कि खेलने से मोटापा कम होता है,

लेकिन मेरा तो बिल्कुल कम नहीं हुआ।

.डॉक्टर - कौन सा खेल खेलती हो...?

.मोटी औरत - कैंडी क्रश

.डॉक्टर बेहोश...!

तीसरा जोक..

पप्पू अपने एक दोस्त से कह रहा था...

.

किसी महापुरुष ने कहा था कि

आप जिस विषय में ज्यादा सोचते हो,

वैसे ही बन जाते हो...!

.

अब मुझे ये डर है कि

किसी दिन मैं अंबानी न बन जाऊं...!

रेडियो प्रोग्राम