फिलिस्तीन-इज़राइल संघर्ष में अमेरिका की कार्यवाही पर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की गहरी निराशा
अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को फिलिस्तीन और इज़राइल के बीच युद्धविराम और हिंसा बंद करने का आह्वान करने वाले बयान को अपनाने से रोका है। इस पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता चाओ लीच्येन ने 18 मई को आयोजित नियमित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अमेरिका ने फिलिस्तीनी-इजरायल संघर्ष में जो किया है, उससे अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के बीच गहरी निराशा है। अमेरिका सुरक्षा परिषद में अभूतपूर्व अलगाव में गिर गया है, मानव विवेक और नैतिकता के विपरीत पक्ष पर खड़ा है।
वर्तमान में फिलीस्तीनी-इजरायल की स्थिति लगातार बढ़ती जा रही है। लेकिन अमेरिका ने 16 मई को तीसरी बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को एक संयुक्त बयान पारित करने से रोका, जिसमें फ़िलिस्तीन और इज़राइल से युद्धविराम, हिंसा रोकने और नागरिकों की रक्षा करने का आह्वान किया गया था। एक अन्य सूत्र के अनुसार, अमेरिका इजरायल को 73 अरब 50 करोड़ अमेरिकी डॉलर मूल्य की सटीक निर्देशित मिसाइलें बेचने पर सहमत हो गया है।
चाओ लीच्येन ने कहा कि 16 मई को आयोजित फिलिस्तीन-इजरायल संघर्ष पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपातकालीन सार्वजनिक बैठक में, अधिकांश सदस्यों का मानना था कि सुरक्षा परिषद को फिलिस्तीनी-इजरायल शांति वार्ता को निष्पक्ष रूप से आगे बढ़ाने के लिए सर्वसम्मति से आवाज उठानी चाहिए। हालांकि, अमेरिका फिलीस्तीनी-इजरायल संघर्ष को रोकने के लिए सक्रिय रूप से काम नहीं कर रहा है, बल्कि वह आग में घी डालने की तैयारी भी कर रहा है।
चाओ लीच्येन ने कहा कि संघर्ष की स्थिति में, अधिक से अधिक निर्दोष नागरिक अपनी जान गंवाते हैं, इस पर अमेरिका को उचित ज़िम्मेदारी उठानी चाहिए, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के अधिकांश सदस्यों के साथ, स्थिति को आसान बनाने, विश्वास के पुनर्निर्माण और राजनीतिक रूस से इस मुद्दे के समाधान को बढ़ावा देने में अपनी उचित भूमिका निभाने में सुरक्षा परिषद का समर्थन करना चाहिए।(वनिता)