अफ्रीका में प्रमुख शक्तियों के बीच प्रतिस्पर्धा से अफ्रीका के हितों को होगा नुकसान
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता चाओ लीच्येन ने 28 अप्रैल को आयोजित नियमित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अगर अमेरिका अफ्रीका में प्रमुख शक्तियों के बीच प्रतिस्पर्धा करते हुए विशिष्टता में संलग्न रहे और दोनों में से एक को चुनें पर ज़ोर देगा। तो इससे अफ्रीकी देशों के हितों को नुकसान पहुंचेगा।
रिपोर्ट के अनुसार 27 तारीख को अमेरिकी विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकेन ने केन्या के राष्ट्रपति और विदेश मंत्री, नाइजीरिया के राष्ट्रपति और विदेश मंत्री के साथ मुलाकात की, साथ ही अमेरिका की मदद वाले फील्ड अस्पतालों और नवीकरणीय ऊर्जा कंपनियों का दौरा किया। नाइजीरिया के राष्ट्रपति मुहम्मदु बुहारी ने कहा कि अफ्रीका में सुरक्षा चुनौतियां बढ़ रही हैं, अमेरिका को चाहिए कि वह अमेरिकी सेना के अफ्रीकी कमान मुख्यालय को अफ्रीका में स्थानांतरित करने पर विचार करे। अफ्रीकी मामलों के लिए अमेरिकी सहायक विदेश मंत्री रॉबर्ट गॉडेक ने कहा कि अमेरिका अफ्रीकी लोगों को दिखाएगा कि अमेरिकी मॉडल अफ्रीका के आर्थिक विकास मॉडल की तुलना में अफ्रीका के हितों पर अधिक ध्यान देता है जिसे चीन अफ्रीका में बढ़ावा देता है।
चाओ लीच्येन ने कहा कि चीन और अफ्रीका समान भाग्य साझा करने वाले अच्छे दोस्त और साझेदार हैं। अफ्रीकी देशों के साथ मैत्रीपूर्ण सहयोग संबंधों का विकास हमेशा चीन की राजनयिक नीति की प्राथमिकता रही है। चीनी विदेश मंत्री ने लगातार 31 वर्ष तक नए साल में अफ्रीकी देशों को अपनी पहली यात्रा के लिए चुना है। चीनी कूटनीति में यह बहुत अच्छी परंपरा बन चुकी है। अफ्रीका के साथ चीन के सहयोग ने हमेशा अफ्रीकी लोगों की इच्छाओं का सम्मान किया है और यह अफ्रीकी देशों की जरूरतों पर आधारित है। चीन अफ्रीका सहयोग मंच ने अफ्रीका के साथ अंतर्राष्ट्रीय सहयोग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस मंच की स्थापना से अब तक के 20 सालों में चीन और अफ्रीका के बीच व्यापार 20 गुना बढ़ गया है। अफ्रीका में चीन का प्रत्यक्ष निवेश 100 गुना अधिक हो चुका है। चीन और अफ्रीका के लोगों को इससे वास्तविक हासिल हुआ है।
(वनिता)