चीन में यौन उत्पीड़न सहने वाले नाबालिगों की सहायता मजबूत

2021-04-28 16:30:39

चीन में यौन उत्पीड़न सहने वाले नाबालिगों की सहायता मजबूत_fororder_性侵未成年人

दोस्तों, वर्ष 2021 के जनवरी में चीनी सर्वोच्च जन अदालत ने《नये युग में नाबालिगों से जुड़े मुकदमों की सुनवाई कार्य को मजबूत करने की राय》जारी की। इस राय के अनुसार नाबालिगों के प्रति बलात्कार व छेड़छाड़ के मुकदमों और हत्या, चोट, अपहरण, तस्करी, दुर्व्यवहार, परित्याग आदि नाबालिगों के अधिकारों का उल्लंघन करने वाले गंभीर मुकदमों की सुनवाई बाल अदालतों द्वारा की जा सकेगी।

इस वर्ष के जून में नये संस्करण वाले नाबालिगों के संरक्षण पर कानून और किशोर अपराधों की रोकथाम पर कानून औपचारिक रूप से लागू किये जाएंगे। जिनमें यह आग्रह किया गया है कि विशेष संस्थाएं या विशेष व्यक्ति ही नाबालिगों से जुड़े मुकदमों की जिम्मेदारी संभालेंगे। इसलिये चीनी सर्वोच्च जन अदालत ने《नये युग में नाबालिगों से जुड़े मुकदमों की सुनवाई कार्य को मजबूत करने की राय》बनाकर जारी की। जिसमें बाल अदालत में मुकदमों के दायरे को फिर एक बार निश्चित किया गया है। किशोरों के अधिकारों व हितों की रक्षा और किशोरों से संबंधित अपराधों की रोकथाम से जुड़े आपराधिक, नागरिक और प्रशासनिक मुकदमों को इस दायरे में शामिल किया गया है। साथ ही केवल वे न्यायाधीश नाबालिगों से जुड़े मुकदमों की सुनवाई कर सकेंगे, जिनकी उच्च राजनीतिक गुणवत्ता और शक्तिशाली व्यावसायिक क्षमता हो। साथ ही वे नाबालिगों की शारीरिक व मानसिक विशेषता से खूब परिचित हों।

सर्वोच्च जन अदालत के अध्ययन कार्यालय के उपाध्यक्ष चो च्याहाई ने कहा कि नाबालिगों की विशेषता से परिचित न्यायाधीशों द्वारा संबंधित मुकदमों की सुनवाई से कार्य प्रभाव की सुनिश्चितता की जा सकेगी। इस की चर्चा में उन्होंने कहा, नाबालिगों के अधिकारों व हितों का उल्लंघन करने वाले मुकदमों की सुनवाई में हमें न सिर्फ़ प्रतिवादियों की सज़ा को निश्चित करने में मौजूद समस्याओं का समाधान करना होगा, बल्कि किशोर पीड़ितों को सहायता देने व बचाने के कार्य पर भी बड़ा ध्यान देने की जरूरत है। जन अदालत को सरकार के संबंधित विभागों, जन समूहों और सामाजिक संगठनों के साथ संपर्क व सहयोग को मजबूत करना चाहिये, और अपराध से पीड़ित किशोर पीड़ितों तथा उनके परिजनों के प्रति आवश्यक मनोवैज्ञानिक हस्तक्षेप, आर्थिक सहायता, कानूनी समर्थन और स्थानांतरण आदि रक्षात्मक कदम उठाने चाहिये। ताकि नाबालिग जल्द ही शांत होकर सामान्य जीवन में वापस लौट सकें।

कुछ समय में 14 वर्ष से कम किशोरों द्वारा हत्या, चोट, बलात्कार आदि अपराध किए गए हैं। जिस पर लोगों का ध्यान केंद्रित हुआ है। इसलिये विधान निर्माण संस्थाओं ने बारी बारी अध्ययन व बहस के बाद कुछ समायोजन किया है। यानी किशोर अपराधों के प्रति जवाबदेही की उम्र को 12 वर्ष तक कम किया गया है। चो च्याहाई ने कहा कि अदालत कारगर कदम उठाकर गंभीरता व व्यापक रूप से 12 वर्ष से 14 वर्ष तक उम्र वाले किशोर अपराधों को सज़ा देने की शर्त व औपचारिक्ता पर ध्यान देगा। उन्होंने कहा, अगर सज़ा देनी हो, तो ज़रूर कानून के आधार पर सज़ा दी जाएगी। पर इस के दौरान कानून के दुरुपयोग की रोकथाम भी की जाएगी। इस के साथ सक्रिय रूप से सामाजिक शासन में भाग लेना होगा। ताकि स्रोत से समस्या किशोरों की संख्या को कम की जा सके। उन के अलावा किशोर अपराधों, खास तौर पर कम उम्र वाले किशोर अपराधों के प्रति सज़ा देने के साथ शिक्षा, परिवीक्षा, बचाव व सुधार कार्य भी अच्छी तरह से करने की आवश्यकता है।

सर्वोच्च जन अदालत के अध्ययन कार्यालय के अध्यक्ष च्यांग छीबो ने बल देकर कहा कि नाबालिगों का संरक्षण कार्य एक जटिल सामाजिक कार्यक्रम है। इसमें परिवार, स्कूल, सामाजिक संगठन, उद्यम, न्यायतंत्र व सरकार को एक साथ मिलकर कोशिश करनी होगी। अदालतें संबंधित पक्षों के साथ सहयोग को मजबूत करेंगी, सक्रिय रूप से नाबालिगों के अधिकारों व हितों की रक्षा और अपराधों की रोकथाम व्यवस्था के निर्माण में भाग लेंगी, और नाबालिगों के स्वस्थ विकास को सुनिश्चित करने के लिये एक साथ कोशिश करेंगी।

चंद्रिमा

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