“डोंगफ़ांगहोंग-1” से “जूरोंग” तक चीन का अंतरिक्ष सपना कभी नहीं रुका

2021-04-24 19:36:34

“डोंगफ़ांगहोंग-1” से “जूरोंग” तक चीन का अंतरिक्ष सपना कभी नहीं रुका_fororder_news 1

इस 24 अप्रैल को छठा चीनी अंतरिक्ष दिवस है। चीन के अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण उपयोग का लगातार उद्देश्य का परिचय करने, चीन के अंतरिक्ष उद्योग में उपलब्धियां मनाने और चीन की अंतरिक्ष भावना को आगे बढ़ाने के लिये चीन में यह दिवस स्थापित हुआ। इस बार के दिवस का विषय “नौकायन शुरू करना और अंतरिक्ष के अन्वेषण स्वप्न के लिये प्रयास” है। इसी दिन चीनी राष्ट्रीय अंतरिक्ष ब्यूरो से मिली खबर के अनुसार विश्व भर के चयन, विशेषज्ञ समीक्षा और ऑनलाइन वोटिंग के बाद चीन के पहले मार्स रोवर को आखिरकार “जूरोंग” नाम दिया गया है।

परिचय के अनुसार जूरोंग को चीन की परंपरागत संस्कृति में सबसे पुराना अग्नि देव कहा गया है। यह जाहिर है कि हमारे पूर्वजों ने आग से पृथ्वी को रोशनी दी। इस बार मार्स रोवर को यह नाम दिया गया जिसका मतलब है कि वह चीन के अंतरिक्ष अध्ययन में रोशनी दे सकेगा।

52 वर्ष के पहले यानी वर्ष 1970 के 24 अप्रैल को चीन के पहला उपग्रह “डोंगफ़ांगहोंग-1” को लॉन्च किया गया और चीन के अंतरिक्ष इतिहास का नया युग शुरू हुआ। चीन दुनिया भर में पांचवां ऐसा देश बन गया है, जो सोवियत संघ, अमेरिका, फ्रांस और जापान के बाद स्वतंत्र उपग्रह लॉन्च कर सकता है।

उस समय, लॉन्च के पूरा होने के बाद, दुनिया भर के लोगों को यह बताने के लिए कि "डोंगफ़ांगहोंग-1" उपग्रह को सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया था। जब यह निर्धारित कक्षा में पहुंच गया, तो उपग्रह ने "डोंगफ़ांगहोंग" नामक एक प्रसिद्ध चीनी गीत को लॉन्च करने के लिए 20.009 मेगाहर्ट्ज आवृत्ति संकेत का उपयोग किया। ग्राउंड रिसीविंग स्टेशन द्वारा प्राप्त किए जाने के बाद और फिर आम लोगों के रेडियो पर प्रसारित होने के बाद, सभी ने "डोंगफ़ांगहोंग-1" से "ध्वनि" सुना।

"डोंगफ़ांगहोंग-1" की सफलता से चीनी लोगों को लगातार अंतरिक्ष का रहस्य खोजने और मानव जाति के कल्याण को बढ़ावा देने की प्रेरणा मिलती है। वर्ष 1975 चीन ने अपना पहला पुनर्प्राप्त करने योग्य उपग्रह का लॉन्च किया। वर्ष 1981 चीन में यह बार है कि एक रॉकेट के जरिये तीन उपग्रहों को सफलता रूप से लॉन्च किया गया। वर्ष 1988 चीन ने ध्रुवीय परिक्रमा मौसम संबंधी पहले उपग्रह का लॉन्च किया। वर्ष 2003 चीनी अंतरिक्ष यात्री यांग लीवेई ने “शेनजोउ-5” अंतरीक्ष यान में सवार करने से चीन की पहली मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन पूरा किया। वर्ष 2007 चीन के चंद्र अन्वेषण कार्यक्रम में चंद्रमा की परिक्रमा करने वाला पहला उपग्रह “छांगअ-1” ने चंद्र की परिक्रमा में प्रवेश करके च्रंद अन्वेषण सफलता रूप से किया। वर्ष 2008 चीन में पहली बार है कि चीनी अंतरिक्ष यात्री जाई जीगांग ने अंतरिक्ष में असाधारण गतिविधि की।

वर्ष 2010 “छांगअ-2” उपग्रह सूर्य और पृथ्वी के बीच लैगरेंज एल-2 पॉइंट के ट्रैक पर अन्वेषण और टुटेटिस क्षुद्रग्रह का अन्वेषण किया। वर्ष 2012 चीन में पहले बार के हाथ से नियंत्रित अंतरिक्ष यान का मिलनसार और डॉकिंग हासिल हुआ। वर्ष 2013 “छांगअ-3” उपग्रह ने 'य्वीथु' नामक प्रथम चंद्र-वाहक लेकर चंद्रमा पर सफल लैडिंग की। वर्ष 2016 चीन की पहली वास्तविक अंतरिक्ष प्रयोगशाला “थ्यानगोंग-2” को लॉन्च किया गया। वर्ष 2017 चीन का पहला मालवाहक अंतरिक्ष यान “थ्यानजोउ-1” को लॉन्च किया और “थ्यानगोंग-2” से स्वचालित से मिलनसार और डॉकिंग किया। वर्ष 2018 चीन के वाहक रोकेट के वार्षिक प्रक्षेपण की संख्या 37 तक पहुंच गई, जो पूरी दुनिया में प्रथम है। वर्ष 2019 “छांगजेंग-3-सी” वाहक रोकेट को लॉन्च किया। इसीलिये चीन के छांगजेंग वाहक रोकेट के प्रक्षेपण की कुल संख्या 300 पहुंच चुकी। वर्ष 2020 छांगअ-5 चंद्रमा से नमूने प्राप्त कर पृथ्वी पर वापस लौटा। चीन की चंद्र अन्वेषण परियोजना ने निश्चित समय पर 'चंद्रमा की परिक्रमा, चंद्रमा पर लैंडिंग, चंद्रमा से वापसी' तीनों कदमों को पूरा किया। इससे चीन विश्व में चंद्रमा से नमूने लेकर वापस लौटने वाला तीसरा देश बन चुका है।

14वीं पंचवर्षीय परियोजना के दौरान चीन की एयरोस्पेस परियोजना क्षेत्र में मुख्य कार्यों में मानव निर्मित अंतरिक्ष इंजीनियरिंग के अंतरिक्ष स्टेशन की तैनाती, मंगल ग्रह का पता लगाने की तैनाती, भारी रॉकेट व दोहराने योग्य रॉकेट आदि क्षेत्रों का अध्ययन और आवेदन उपग्रहों के अनुसंधान व विकास की प्रक्रिया शामिल हैं। लंबे समय में चीन में एयरोस्पेस विकास की गति बहुत तेज है। अब तक कुछ क्षेत्रों में चीन की प्रौद्योगिकी विश्व स्तर पर अग्रणी रही है। चीन अपनी विशेषताओं के साथ एयरोस्पेस उद्योग के क्रॉस-ग्रेटिंग रास्ते पर चल रहा है।

मानव जाति की अंतरिक्ष खोज अंतहीन है, लेकिन खोज के दौरान प्रारंभिक इरादा नहीं भूलना चाहिए यानी कि इसका उद्देश्य मानव जाति के ज्यादा अच्छे जीवन के लिए है। इस प्रारंभिक इरादे के आधार पर चीन चंद्र अन्वेषण भावना सहित लगातार प्रयास करता रहेगा, अंतरराष्ट्रीय सहयोग मजबूत करेगा, ताकि बाह्य अंतरिक्ष के क्षेत्र में मानव जाति के साझे भाग्य समुदाय की स्थापना के लिए ज्यादा चीन का योगदान दिया जा सके।

वर्ष 2021 न केवल सीपीसी की स्थापना की 100वीं वर्षगांठ है, बल्कि चीन की 14वीं पंचवर्षीय परियोजना का शुरुआत वर्ष भी है। साथ ही चीनी अंतरिक्ष स्टेशन के निर्माण के लिये भी सबसे महत्वपूर्ण साल है। चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के भाषण के मुताबिक यह चीनी जनता की अंतरिक्ष सपना ब्रह्मांड का अन्वेषण, अतंरिक्ष कार्यों का विकास और एयरोस्पेस क्षेत्र में शक्तिशाली देश का निर्माण हैं। “डोंगफ़ांगहोंग-1” से “जूरोंग” तक चीन की अंतरिक्ष सपना कभी नहीं रुका है। चीनी अंतरिक्ष कार्यों का और शानदार भविष्य शुरू हो चुका है।

(हेया)

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