चीन-पाक आर्थिक गलियारे के दूसरे चरण से कृषि व उद्योग संबंधी द्विपक्षीय सहयोग आगे बढ़ेगा

2021-03-22 10:36:43

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वर्ष 2021 चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे का निर्माण दोनों पक्षों के बीच उद्योग व कृषि सहयोग पर केंद्रित रहेगा। जबकि ग्वादर बंदरगाह का प्रचालन क्षेत्रीय व्यापारिक विकास को आगे बढ़ाने में मददगार होगा। चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा मामला समिति के अध्यक्ष असीम बाजवा ने सीएमजी के पत्रकार के साथ इन्टरव्यू में यह बात कही।

बाजवा ने कहा कि हालांकि 2020 में पाकिस्तान ने कोविड-19 का सामना किया, फिर भी विभिन्न विभागों की प्रबल गारंटी में चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे का निर्माण सही ढंग से आगे बढ़ रहा है। पहले चरण में कई प्रमुख परियोजनाएं पूरी की जा चुकी हैं। इस वर्ष सिलसिलेवार नई परियोजनाएं पूरी की जाएंगी।

उन्होंने कहा कि चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के निर्माण के पहले चरण में पाकिस्तान के बुनियादी संस्थापनों में रिक्त स्थान को भर दिया गया है। इसलिए इस चरण का महत्व पाकिस्तान में ऊर्जा और सड़क, राजमार्ग और संचार बुनियादी संस्थापनों पर है। यह लक्ष्य काफी हद तक हासिल किया जा चुका है और अभी भी जारी है। 2021 में, हमारे पास पाकिस्तान में सबसे बड़ा बुनियादी संस्थापन यानी नंबर 1 रेलवे लाइन है, जिससे पेशावर से कराची तक के रेलवे का आधुनिकीकरण किया जाएगा। इस के अलावा हम कोहाला और आजाद पट्टन पन बिजली घर परियोजनाएं शुरू करने के लिए भी तैयार   हैं।

असीम बाजवा ने कहा कि हाल में चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे का निर्माण दूसरे चरण में प्रवेश कर चुका है, जो मुख्यतः उद्योग और कृषि के सहयोग पर केंद्रित होगा। इस ढांचे में विशेष आर्थिक क्षेत्रों की स्थापना से पाकिस्तान में औद्योगिकीकरण की प्रक्रिया में तेज़ी आएगी।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने 9 विशेष आर्थिक क्षेत्रों का निर्माण करने की पुष्टि की। इन विशेष आर्थिक क्षेत्रों में चीन से स्थानांतरित होने वाले कारखाने होंगे। अपने देश के उद्योगों के अलावा, पाकिस्तान विश्व के निवेशकों को आर्थिक क्षेत्रों में कारखाने स्थापित करने के लिए आमंत्रित करेगा। इसलिए, हमारा औद्योगिक उत्पादन बहुत बढ़ जाएगा, जो हमारे निर्यात को बढ़ाने, हमारी अर्थव्यवस्था को विकसित करने, पाकिस्तान के लोगों के लिए अधिक रोजगार पैदा करने और युवाओं को अधिक रोजगार देने में मददगार होगा।

असीम बाजवा ने कहा कि पाकिस्तान एक कृषि प्रधान देश है, इसलिए चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के ढांचे में कृषि सहयोग से पाकिस्तान के कृषि उत्पादन को उन्नत किया जाएगा, ताकि व्यापक पाकिस्तानी किसानों को लाभ मिल सके।

असीम बाजवा ने कहा कि हमारा सहयोग कृषि क्षेत्र में विस्तार करेगा, जिसमें पशुपालन भी शामिल है। हमने चीनी सहकर्मियों के साथ सहयोग मॉडल पर विचार-विमर्श किया। हमारी अर्थव्यवस्था कृषि पर आधारित है। इसलिए, यह पाकिस्तानी किसानों को कई लाभ पहुंचाएगा और कृषि उत्पादन बढ़ाएगा। इससे छोटे किसानों के साथ-साथ बड़े किसानों को भी फायदा होगा।

असीम बाजवा का विचार है कि चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे का निर्माण न सिर्फ पाकिस्तानी जनता के लिए, बल्कि क्षेत्रीय व्यापार के विकास के लिए भी हितकारी है। ग्वादर बंदरगाह में शुरू किए गए पुनः निर्यात व्यापार को लेकर ज्यादा से ज्यादा विदेशी निवेशक रूचि दिखा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि अगर हम पड़ोसी देशों जैसे अफगानिस्तान और यहां तक ​​कि मध्य एशिया के साथ संपर्क स्थापित करते हैं, तो चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे का वास्तविक लाभ पूरे क्षेत्र को लाभान्वित करेगा। वर्तमान में, जैसे ही हम ग्वादर पोर्ट का संचालन शुरू करते हैं और बढ़ाते हैं, अधिक माल ग्वादर पोर्ट और अफगानिस्तान में प्रवेश करेगा। कुछ मध्य एशियाई देश पाकिस्तान से वार्ता कर रहे हैं। वे चाहते हैं कि उनके कार्गो को ग्वादर बंदरगाह के जरिए परिवहन करने की अनुमति मिले। इसलिए हमारा विचार है कि क्षेत्रीय कनेक्टिविटी के साथ, यह चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के लिए द्वार खोलेगा और ग्वादर पोर्ट के संचालन को बढ़ावा देगा।

(वनिता)

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