अंतर्राष्ट्रीय रेड क्रॉस के पूर्वी एशिया के अधिकारी से ख़ास बातचीत
2021-03-16 19:47:44

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इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ रेड क्रॉस और रेड क्रिसेंट सोसाइटीज़ (आईएफआरसी) के पूर्वी एशिया के प्रोग्राम संचालक गोपाल मुखर्जी ने चाइना मीडिया ग्रुप (सीएमजी) के साथ ख़ास बातचीत में कहा कि आईएफआरसी एक वैश्विक मानवीय संगठन है, जो दुनिया 192 देशों की राष्ट्रीय संस्था से जुड़ा हुआ है। यह संगठन गैर-संघर्ष स्थितियों में प्राकृतिक और मानव निर्मित आपदाओं में अंतर्राष्ट्रीय सहायता का समन्वय और निर्देशन करता है। इसका मिशन मानवीय जिन्दगी व सेहत को बचाना है, साथ ही मानवता की शक्ति को जुटाकर कमजोर लोगों के जीवन को बेहतर बनाना है।

चीन की राजधानी बीजिंग में कार्यरत गोपाल मुखर्जी ने बताया कि रेड क्रॉस की स्थापना साल 1863 में हेनरी ड्यूनेन्ट ने जेनेवा में की थी। आज आईएफआरसी का मुख्यालय जेनेवा (स्विट्ज़रलैंड) में है। उनकी संस्था दुनियाभर के विभिन्न देशों की राष्ट्रीय संस्था के साथ मिलकर वहां की सरकार के बीच समन्वय का कार्य करती है। जब चीन में कोरोनावायरस महामारी फैली थी, तब उन्होंने चाइना रेड क्रॉस सोसाइटी और चीन सरकार के साथ मिलकर कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। 

उन्होंने यह भी कहा कि चीन ने कोरोना महामारी को नियंत्रण में जो कुछ किया है वो बेमिसाल है। शुरूआत में वायरस ने चीन को नेस्तनाबूद करने की कोशिश की लेकिन चीन ने दिखा दिया कि वह वायरस को नेस्तनाबूद कर सकता है। चीन ने कोरोना महामारी का निवारण, रोकथाम, और प्रबंधन पर अच्छे से काम किया है।

आईएफआरसी के अधिकारी गोपाल मुखर्जी ने ख़ास बातचीत में यह भी कहा कि कोरोना महामारी के खिलाफ चीन ने जो मॉडल अपनाया है, यदि उसे पूरी दुनिया में लागू कर दिया जाए तो न केवल कोरोनावायरस महामारी, बल्कि आने वाले समय में अगर कोई और महामारी आती है तो उस पर काफी तगड़ा नियंत्रण पाया सकता है। सही मायने में चीन का मॉडल उपयोगी है।

उनका मानना है कि वैक्सीन के आने से पूरी दुनिया को जरूर फायदा होगा। चीन और भारत दो बड़े देश पूरी दुनिया को वैक्सीन पहुंचा रहे हैं, इससे कोरोना महामारी पर लगाम लगाने में जरूर सफलता मिलेगी। चीन ने लगभग 45 देशों को 50 करोड़ के आसपास वैक्सीन की खुराक दे चुका है।

उन्होंने कहा कि चीन और भारत की वैक्सीन का रखरखाव करना आसान है, और जिन देशों की स्वास्थ्य सुविधाएं व क्षमता मजबूत नहीं है, वहां उन लोगों को ज्यादा से ज्यादा लाभ मिलेगा। इन देशों की वैक्सीन से वैक्सीन इक्विटी (न्याय संगतता) लाने में भी मदद मिल सकती है।

बकौल मुखर्जी, आईएफआरसी और चीन के बीच सहयोग बहुआयामी हैं। उनके सहयोग में राहत कार्यों को विकास कार्यों के साथ जोड़ा जाता है, जिसमें आपदा की तैयारी के कार्यक्रम, स्वास्थ्य और देखभाल की गतिविधियां, और मानवीय मूल्यों को बढ़ावा देना शामिल है।

गोपाल मुखर्जी ने यह भी कहा कि चीन की अनेक अकादमियां, मीडिया, संस्थाओं आदि के साथ जुड़कर चाइना रेडक्रॉस सोसाइटी की क्षमता को बढ़ाने के लिए प्रयास किया जा रहा है, साथ ही चीन की सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षमता, आपदा प्रबंधन आदि को भी मजबूत किया जा रहा है।

(अखिल पाराशर)