चीन के दो सत्रों में घरेलू हिंसा के विरोध पर ध्यान केंद्रित

2021-03-12 18:16:01

चीन के दो सत्रों में घरेलू हिंसा के विरोध पर ध्यान केंद्रित_fororder_反家暴

दोस्तों, हाल ही में कुछ भारतीय मीडिया ने यह रिपोर्ट दी कि भारत के महाराष्ट्र राज्य के उस्मानाबाद क्षेत्र में एक आश्चर्यजनक घटना हुई। एक महिला अपने पति के साथ झगड़ा करने के बाद घर से चली गयी। चार दिनों बाद जब वे घर में वापस लौटीं, तो बताया कि उनका अपहरण हो गया था। लेकिन अपहरणकर्ता ने उनके साथ कोई कुकृत्य नहीं किया।

आश्चर्यजनक बात यह है कि उनके पति ने उनसे नंगे हाथों से गर्म तेल में से सिक्का उठाने का आग्रह किया। ताकि इस महिला की शुद्धता को साबित किया जा सके। गौरतलब है कि पति ने मोबाइल द्वारा इस प्रक्रिया को शूट भी किया। फिर यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।

सूत्रों के अनुसार यह एक स्थानीय रीति-रिवाज़ है। अगर इस महिला ने झूठ बोला, तो गर्म तेल से सिक्का उठाते समय उनका हाथ पर जल जाएगा। बहुत पहले भारतीय विधायकों ने इस सामंती अंधविश्वास का विरोध किया था। महाराष्ट्र राज्य के विधान समिति के अध्यक्ष ने भारतीय गृह मंत्रालय से कदम उठाकर महिलाओं को चोट पहुंचाने वाली इस कार्रवाई को बंद करने का सुझाव दिया। लेकिन अभी तक इस पुरातन रीति-रिवाज़ की आड़ में घरेलू हिंसा की स्थिति मौजूद है।

वास्तव में केवल भारत ही नहीं, घरेलू हिंसा एक वैश्विक मुश्किल समस्या है। लोग कैसे कानून के माध्यम से इसका विरोध करते हैं, और अपने अधिकारों व हितों की रक्षा कर सकते हैं?इस मामले पर ज्यादा से ज्यादा लोगों का ध्यान केंद्रित हुआ है। अब हम देखिये कि भारत का पड़ोसी देश चीन इस मामले को कैसे देखता है और कैसे इसका समाधान करता है।

4 मार्च और 5 मार्च को चीन में सीपीपीसीसी और एनपीसी क्रमशः पेइचिंग में उद्घाटित हुए। घरेलू हिंसा का विरोध तो इस वर्ष के दो सत्रों में एक ध्यानाकर्षक मुद्दा बन गया है। चीनी राष्ट्रीय महिला संघ ने《सार्वजनिक सुरक्षा संस्थाओं में घरेलू हिंसा का विरोध करने के लिये विशेष सांख्यिकी की स्थापना》नामक प्रस्ताव पेश किया। इस प्रस्ताव में यह सुझाव दिया गया कि सार्वजनिक सुरक्षा विभाग को 110 अलार्म सिस्टम में“घरेलू हिंसा”के प्रति विशेष सांख्यिकी स्थापित करनी चाहिये, ताकि इससे जुड़े मुकदमों के पंजीकरण को अच्छी तरह से किया जा सके।

गौरतलब है कि वर्ष 2015 में चीन ने घरेलू हिंसा-रोधी कानून पारित किया और वर्ष 2016 के 1 मार्च से इसे लागू किया गया। लोगों का मानना है कि इस कानून का महत्व मील का पत्थर जैसा है, क्योंकि घरेलू हिंसा चीन में केवल एक पारिवारिक घटना नहीं है। वह एक गंभीर सामाजिक मामला भी बन गया है। इस कानून के लागू से यह जाहिर हुआ है कि चीन किसी तरह के घरेलू हिंसा का विरोध करता है। लेकिन इस कानून को लागू करने में कुछ कठिनाइयां सामने आयीं।

एनपीसी की प्रतिनिधि फ़ांग येन के विचार में उच्च छिपाव, साक्ष्य प्राप्त करना मुश्किल, और स्पष्ट परिभाषा का अभाव, घरेलू हिंसा के विरोध में तीन मुख्य मुश्किलें हैं। उन्होंने कहा कि क्योंकि घरेलू हिंसा की पुष्टि स्पष्ट नहीं है, इसलिये मुकदमा दर्ज करना मुश्किल है। घरेलू हिंसा से जुड़े कुछ अपराधों को नागरिक विवाद या सार्वजनिक सुरक्षा प्रबंधन के उल्लंघन के रूप में निपटारा किया गया है। और कुछ न्यायिक अधिकारी घरेलू हिंसा को पारिवारिक घटना मानते हैं, और इसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहते हैं।

उक्त सभी मामलों के प्रति महिला संघ द्वारा पेश इस प्रस्ताव में घरेलू हिंसा के प्रति विशेष सांख्यिकी करने का सुझाव दिया गया, जिससे घरेलू हिंसा-रोधी कानून को लागू करने की व्यापक स्थिति जानने के साथ शीर्ष-स्तरीय डिज़ाइन के लिये आधार भी प्रदान किया जा सकेगा। उनके अलावा ऐसे करके जमीनी-स्तर पर न्यायिक अधिकार भी घरेलू हिंसा के विरोध पर ज्यादा ध्यान देंगे, और संबंधित कानून के आधार पर काम करेंगे।

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