चीन के अंतरराष्ट्रीय पेटेंट आवेदन की संख्या विश्व में सबसे अधिक

2021-03-09 14:40:29

विश्व बौद्धिक संपदा अधिकार संगठन द्वारा 2 मार्च को जारी ताजा रिपोर्ट के अनुसार कोविड-19 महामारी के बावजूद वर्ष 2020 में विश्व बौद्धिक संपदा अधिकार संगठन से प्रस्तुत अंतरराष्ट्रीय पेटेंट आवेदनों की संख्या में वृद्धि बनी रही। चीन 68720 पेटेंट के आवेदनों से विश्व के पहले स्थान पर रहा। विशेषज्ञों के विचार में चीन के अंतरराष्ट्रीय पेटेंट आवेदनों की बढ़ोत्तरी चीन के मजबूत आर्थिक विकास और बौद्धिक संपदा अधिकार व्यवस्था के सुधार से अलग नहीं हो सकती है।

विश्व बौद्धिक संपदा अधिकार संगठन की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2020 में इस संगठन की पेटेंट सहयोग संधि (पीसीटी) के तहत प्रस्तुत अंतरराष्ट्रीय पेटेंट आवेदनों की संख्या 4 प्रतिशत बढ़कर 2 लाख 75 हजार 900 हो गयी है, जो एक नया ऐतिहासिक रिकार्ड है। पीसीटी के तहत चीन ने 68720 पेटेंट का आवेदन किया, जो विश्व में सर्वाधिक रहा। वहीं, अमेरिका और जापान अलग-अलग तौर पर दूसरे व तीसरे स्थान पर रहे।

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पेइचिंग बौद्धिक संपदा अधिकार अध्ययन संघ के सदस्य यांग चिंगआन ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय पेटेंट आवेदन में चीन की बढ़त का एक बड़ा कारण है कि कोविड-19 महामारी के अच्छे नियंत्रण के बाद चीनी अर्थव्यवस्था तेजी से बहाल हुई। उन्होंने यह भी कहा कि बौद्धिक संपदा अधिकार के आवेदन की संख्या समग्र अर्थव्यवस्था का संकेतक है। गतवर्ष कोविड-19 महामारी से चीनी अर्थव्यवस्था पर गंभीर प्रभाव पड़ा, फिर भी चीन विश्व के मुख्य आर्थिक समुदायों में सकारात्मक वृद्धि करने वाला एकमात्र देश था। चौथी तिमाही में चीनी आर्थिक वृद्धि 6.5 प्रतिशत थी, जो महामारी के पहले स्तर पर बहाल हो चुकी है। आर्थिक विकास से यह तय हुआ है कि हमारे जैसे विशाल बाजार को बौद्धिक संपदा की बड़ी मांग है। यह हमारे पेटेंट आवेदनों की संख्या में झलकता है।

विश्व बौद्धिक संपदा अधिकार संगठन की रिपोर्ट से यह भी जाहिर होता है कि पिछले वर्ष पेटेंट आवेदन की दृष्टि से शीर्ष 10 उद्यमों में से तीन चीनी उद्यम हैं। पीसीटी के तहत चीनी कंपनी हुआवेइ ने 5464 पेटेंट का आवेदन किया, जो लगातार चार साल तक पहले स्थान पर रही। इसके अलावा शीर्ष 10 विश्वविद्यालयों में 5 चीनी विश्वविद्यालय हैं।

नवाचार विकास बढ़ाने वाला पहला इंजन है। बौद्धिक संपदा अधिकार की रक्षा करना तो नवाचार की रक्षा करना है। विश्व बौद्धिक संपदा अधिकार संगठन के प्रमुख अर्थशास्त्री कार्स्टेन फिंक ने कहा कि पिछले 20 साल के इतिहास से चीन के नवाचार के विकास की प्रक्रिया देखी जा सकती है। नवाचार के क्षेत्र में चीन की अपार संभावना है।

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उन्होंने आगे कहा कि पिछले दस साल या इससे अधिक लंबे समय से देखा जाए, तो चीन के अंतरराष्ट्रीय पेटेंट आवेदन की संख्या में तेज वृद्धि बनी रही। मैंने देखा है कि चीन में अंतरराष्ट्रीय पेंटेंट आवेदन का आधार निरंतर विस्तृत हो रहा है। 8 या 9 साल पहले सिर्फ एक या दो चीनी कंपनियां अंतरराष्ट्रीय पेटेंट का आवेदन करती थीं, लेकिन अब विश्व की शीर्ष 50 में 12 या 13 चीनी कंपनियां शामिल हैं। उन चीनी कंपनियों ने अनुसंधान और विकास में बड़ी पूंजी लगायी है और उनको अपने आविष्कार की अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा खोजने की बड़ी इच्छा भी है। इससे जाहिर है कि चीन की नवाचार अर्थव्यवस्था का समृद्ध विकास हो रहा है।

चीन में बौद्धिक संपदा अधिकार व्यवस्था के सुधार ने अंतरराष्ट्रीय सहयोग तथा प्रतिस्पर्द्धा के लिए मजबूत नींव भी डाली है। यांग चिंगआन ने कहा कि बौद्धिक संपदा अधिकार की सुरक्षा चीनी आर्थिक विकास की जरूरत है। वह न सिर्फ अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्द्धा में भाग लेने और समान खेल नियमों का पालन करने वाला मुद्दा है, बल्कि वह हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण भी है। पेटेंट आवेदन की संख्या की वृद्धि से यह साफ है कि चीनी उद्यमों की बौद्धिक संपदा अधिकार की उन्नत चेतना है। इसके साथ विदेशी पेटेंट और मानकों को चीन में पर्याप्त सुरक्षा भी मिली है। (वेइतुंग)     

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