जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने से 2040 तक लाखों लोगों की जान बचाई जा सकती है

2021-02-20 19:47:41

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लैंसेट प्लैनेटरी हेल्थ के एक विशेष अंक में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, पेरिस जलवायु परिवर्तन समझौते और बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के तहत निर्धारित जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने के प्रयासों से नौ देशों में हर साल 1 करोड़ से अधिक लोगों की जान बचायी जा सकती है।

साल 2040 तक ब्राजील, चीन, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, नाइजीरिया, दक्षिण अफ्रीका, ब्रिटेन और अमेरिका में अकेले बेहतर आहार से 60.4 लाख लोगों की जान बचाई जा सकती है, स्वच्छ हवा से 10.6 लाख, और नियमित शारीरिक गतिविधियों से अन्य 20.1 लाख लोगों की जान बचाई जा सकती है।

दरअसल, इन देशों में दुनिया की कुल आबादी का आधे से भी बड़ा हिस्सा है और कुल वैश्विक उत्सर्जन में उनका हिस्सा 70 प्रतिशत के लगभग है। जीवाश्म ईंधन पर चलने वाले उद्योगों, परिवहन, कृषि और ताप प्रणाली से विषाक्त उत्सर्जन हवा को प्रदूषित करता है और ग्लोबल वार्मिंग में योगदान देता है।

स्वास्थ्य और जलवायु परिवर्तन पर लैंसेट काउंटडाउन के प्रमुख लेखक और कार्यकारी निदेशक इयान हैमिल्टन का कहना है कि उनकी रिपोर्ट जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए महत्वपूर्ण है। इससे न केवल हर साल लाखों लोगों को समय से पहले मरने से रोका जाएगा, बल्कि बेहतर स्वास्थ्य के माध्यम से लाखों लोगों के लिए जीवन की गुणवत्ता भी बेहतर होगी।"

हालांकि, पेरिस जलवायु समझौते के तहत, बड़ी संख्या में देशों ने 2 डिग्री सेल्सियस के भीतर वैश्विक तापमान वृद्धि को सीमित करने के लिए उत्सर्जन स्तर पर अंकुश लगाने का वादा किया। लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित प्रतिबद्धता (एनडीसी) के तहत सरकारों द्वारा घोषित उत्सर्जन की वर्तमान दर पर, दुनिया में 3 डिग्री सेल्सियस से अधिक के तापमान में वृद्धि देखी जा सकती है।

देखा जाए तो अध्ययन के निष्कर्ष एक ऐसे महत्वपूर्ण क्षण में आये हैं जब 170 से अधिक देशों के नीति निर्माता इस साल नवंबर में वार्षिक जलवायु परिवर्तन सम्मेलन के लिए ग्लासगो में मिलेंगे। सरकारें पेरिस जलवायु परिवर्तन समझौते को पूरा करने के लिए अपने संशोधित एनडीसी को सौंपेगीं।

जलवायु समझौते में फिर से शामिल होने की अमेरिका की घोषणा और साल 2060 तक कार्बन तटस्थ बनने की चीन की प्रतिज्ञा के मद्देनजर इस साल की जलवायु वार्ता भी महत्वपूर्ण होगी। उन सभी देशों को ग्लासगो में आयोजित होने वाले संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन से पहले अपनी महत्वाकांक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए कहा जा रहा है।

यकीनन, आने वाले महीने जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण रहेंगे। इतना ही नहीं, उनके पास वैश्विक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने का अवसर भी है। अगर कार्रवाई को प्रेरित करने के लिए एक समय सीमा की आवश्यकता है, तो वो है नवंबर, 2021।

(अखिल पाराशर)

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