चीन, अमेरिका और संयुक्त अरब अमीरात ने मानव के अंतरिक्ष अनुसंधान का नया इतिहास बनाया
स्थानीय समयानुसार 18 फ़रवरी की दोपहर बाद अमेरिका के दृढ़ता नामक मार्स रोवर ने सफलतापूर्वक मंगल ग्रह पर लैंडिंग की, जो मंगल पर सफल लैंडिंग करने वाला नासा का पांचवां मार्स रोवर बन गया। कुछ दिनों पहले संयुक्त अरब अमीरात के आशा नामक मार्स रोवर और चीन के थ्येनवन-1 नामक मार्स रोवर ने भी क्रमशः मंगल की चारों ओर के कक्षा में प्रवेश किया है।
हालांकि तीनों देशों के मार्स रोवर का प्रक्षेपण समय और मंगल कक्षा में प्रवेश करने का समय बराबर है। पर वास्तव में उनके कर्तव्य भिन्न-भिन्न हैं। अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष संघ के अंतरिक्ष परिवहन कमेटी के उपाध्यक्ष, चीनी अंतरिक्ष विज्ञान और उद्योग के दूसरे अनुसंधान प्रतिष्ठान के शोधकर्ता यांग यूक्वांग ने परिचय देते हुए कहा कि संयुक्त अरब अमीरात के आशा मार्स रोवर का मुख्य मिशन है कक्षीय उपकरण का डिटेक्शन। इसलिये जब उसने मंगल कक्षा में प्रवेश किया, तो उस के लिये सब से खतरनाक प्रक्रिया तो खत्म हो गयी। चीन के थ्येनवन-1 मार्स रोवर का मिशन यह है सब से पहले उसने मंगल कक्षा में प्रवेश किया, फिर मंगल की खूब डिटेक्शन के बाद वह मंगल पर लैंडिंग करेगा। उधर अमेरिका के दृढ़ता मार्स रोवर के लिये सब से मुश्किल मिशन तो मंगल पर लैंडिंग है।
चंद्रिमा