तिब्बत में जैव विविधता संरक्षण में फलदायी उपलब्धियां प्राप्त
तिब्बती जंगली यार्क
तिब्बती एंटीलोप
हाल में आयोजित“ट्रांस हिमालय अंतर्राष्ट्रीय सहयोग मंच”शीर्षक ऑनलाइन संगोष्ठी के अनुसार, तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में विभिन्न स्तरीय सरकारों और नागरिकों द्वारा दिये गये महत्व, समर्थन और प्रयास से तिब्बत पठार में जैव विविधता संरक्षण में फलदायी उपलब्धियां प्राप्त हुई हैं।
बताया गया है कि तिब्बत में सबसे सख्त पारिस्थितिकी संरक्षण नीति लागू की जा रही है। पूरे स्वायत्त प्रदेश में 50 प्रतिशत भूमि को पारिस्थितिक संरक्षण लाल रेखा के रूप में शामिल किया गया है, कुछ खास पठारीय दुर्लभ जंगली जानवरों की प्रजाति और संख्या काफी हद तक बहाल हो चुकी है।
तिब्बती जंगली गधे
तिब्बती हिरण
वर्तमान में तिब्बत में जंगली यार्कों की संख्या 40 हज़ार से अधिक तक पहुंच गई, जो साल 2003 की तुलना में लगभग 25 हज़ार बढ़ गई है। वहीं, तिब्बती एंटीलोप की संख्या 80 हज़ार से बढ़कर 2 लाख से अधिक हो गई, तिब्बती जंगली गधों की संख्या 50 हज़ार से लगभग 90 हज़ार तक बढ़ गई। इसके साथ ही, तिब्बत में पाँच नई प्रजाति वाले दुर्लभ जंगली जानवरों का पता लगा है। विलुप्त होने की कगार पर खड़े तिब्बती हिरणों की संख्या 10 हज़ार से अधिक हो गई है, जबकि भूरे भालू, भेड़िये और रेत-लोमड़ियों जैसे जंगली जानवरों की संख्या में भी काफी वृद्धि हुई है।
(श्याओ थांग)