साल 1993 में चीन में पांडा को बचाने वाला अभियान की 10वीं वर्षगांठ थी। उसी साल सितंबर में दक्षिण पश्चिमी चीन के सछ्वान प्रांत की राजधानी छंगतु में ”अंतरराष्ट्रीय पांडा दिवस” मनाया गया। इसके बाद हर साल 22 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय पांडा दिवस बनाने की परंपरा बन गई। यह दिन पांडा दिवस है।
गोल-गोल गाल, छोटी-छोटी नाक, बड़े-बड़े काले नेत्र घेरे, मोटा-मोटा शरीर... प्यारा-प्यारा पांडा सभी लोगों को पसंद है। वह न केवल प्रकृति का मॉडल, बल्कि चीन का शुभंकर और खास "सांस्कृतिक प्रतीक" भी है। अंतरराष्ट्रीय पांडा दिवस चीन में पांडा को बचाने वाला दिवस है। इसके आयोजन ने दुनिया में दुर्लभ जानवरों की रक्षा के लिए एक बेहतर आदर्श स्थापित किया है।
आपको बता दें कि पांडा पृथ्वी पर 80 लाख से अधिक साल जीवित रहा है, जो आज तक सुरक्षित सबसे प्राचीन प्रजातियों में से एक है, जिसे "जीवित जीवाश्म" और "चीनी राष्ट्रीय खजाना" के रूप में जाना जाता है। चीन में जंगली पांडा आबादी के चौथे राष्ट्रीय सर्वेक्षण के अनुसार, साल 2013 के अंत तक चीन में जंगली पांडा की संख्या 1864 तक पहुंच गई, जो तीसरे सर्वेक्षण की तुलना में 16.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई। पांडा चीन में एक राष्ट्रीय प्रथम श्रेणी संरक्षित पशु है। इसके अलावा, पांडा विश्व प्राकृतिक कोष की छवि का राजदूत और विश्व की जैव विविधता संरक्षण की प्रमुख प्रजाति भी है।
लुप्तप्राय जानवरों व वनस्पतियों के संसाधनों की रक्षा और पारिस्थितिक संतुलन का रखरखाव मानव जाति के अस्तित्व और विकास से संबंधित हैं, और किसी देश व राष्ट्र की सभ्यता की प्रगति को मापने के लिए महत्वपूर्ण संकेतक भी हैं। वर्तमान में चीन ने सैकड़ों दुर्लभ और लुप्तप्राय जंगली जानवरों के लिए स्थिर कृत्रिम प्रजनन स्थापित किया है, और जैव विविधता संरक्षण में सकारात्मक प्रगति हासिल हुई है।
इधर के वर्षों में चीन पारिस्थितिक सभ्यता के निर्माण को एक प्रमुख स्थान पर रखता है, विकास को निर्देशित करने के लिए पारिस्थितिक सभ्यता की अवधारणा का उपयोग करता है, जैव विविधता शासन को समन्वित रूप से बढ़ावा देता है, जंगली जानवरों और वनस्पतियों के संरक्षण में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को सक्रिय रूप से बढ़ावा देता है। वैश्विक पारिस्थितिक सभ्यता के समान पथ की खोज और पृथ्वी पर जीवन के साझे समुदाय के सह-निर्माण के लिए चीन की बुद्धि का योगदान देता है।
पांडा की रक्षा करने और जैव विविधता की रक्षा करने से सभी चीजों के सामंजस्यपूर्ण और सुंदर घर का निर्माण कर सकता है। पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखना मानव जाति के अस्तित्व और विकास से संबंधित है। लुप्तप्राय जानवरों और वनस्पतियों के संसाधनों की रक्षा करना हम मानवजाति की स्वयं रक्षा ही है।
(श्याओ थांग)