हाल ही में चीनी राष्ट्रीय गरीबी उन्मूलन सारांश और पुरस्कार वितरण समारोह पेइचिंग के जन वृहत भवन में धूमधाम से आयोजित हुआ। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय कमेटी के महासचिव, चीनी राष्ट्रपति, चीनी सैन्य आयोग के अध्यक्ष शी चिनफिंग ने गरीबी उन्मूलन के राष्ट्रीय मॉडल मानद उपाधि के विजेताओं को पदक और प्रमाण पत्र वितरित किए और महत्वपूर्ण भाषण भी दिया। चीनी सामाजिक विज्ञान अकादमी के पूर्व विदेशी मामला ब्यूरो की शोधकर्ता श्यासेन ने "गरीबी उन्मूलन का राष्ट्रीय मॉडल" का मानद खिताब जीता। उसी दिन 98 वर्षीय बुजुर्ग श्यासेन ने व्हीलचेयर पर बैठकर मंच पर पदक व प्रमाण पत्र लिया। पुरस्कार वितरण के समय बुजुर्ग महिला श्यासेन ने व्हीलचेयर से खड़े होने की बड़ी कोशिश की, लेकिन विफल रहीं। फिर महासचिव शी चिनफिंग ने उनके कंधे पर हल्के से हाथ थपथपाया, और उन्हें प्रमाण पत्र देने के लिये नीचे झुके । उस समय सारे हॉल में गर्मजोश तालियां बजायी गयीं।
सुश्री श्यासेन का जन्म वर्ष 1923 के सितंबर में हुआ। 14 वर्ष की उम्र में वे क्रांतिकारी कार्य में शामिल हुईं। वर्ष 1938 में वे येनआन गयीं, ठीक उसी साल के अप्रैल में वे चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की एक सदस्य बनीं। चीन के मुक्ति युद्ध के दौरान उन्होंने उत्तर-पूर्वी चीन के मुक्त क्षेत्र में क्रांतिकारी कार्य की जिम्मेदारी संभाली। उन्होंने नये चीन की स्थापना के लिये योगदान दिया है। और नये चीन की स्थापना के बाद संस्कृति व शिक्षा कार्य सँभाला।
जिन्दगी भर श्यासेन ने हमेशा सरल व मितव्ययी जीवन बिताया। सेवानिवृत्त होने के बाद वे लगातार गरीब क्षेत्रों के शिक्षा कार्य में व्यस्त रहीं। शेनशी प्रांत के तानफ़ोन काऊंटी और च्यांगशी प्रांत की शानयो काऊंटी में स्थित गरीब गांवों के स्कूलों की सहायता देने के लिये वर्ष 2006 के अप्रैल से अब तक उन्होंने मितव्ययिता से बचाये गये धन का प्रयोग करके कुल मिलाकर 20 लाख 32 हजार युआन का दान किया । जिसमें से दस लाख युआन से श्यासेन नर्सरी की स्थापना भी की गयी। अभी तक 182 गरीब विद्यार्थियों ने उनकी मदद से विश्वविद्यालय में पढ़ाई करने का सपना पूरा किया है। इसके अलावा श्यासेन ने कई बार गरीब क्षेत्रों में स्कूलों के निर्माण और श्रेष्ठ शिक्षकों व विद्यार्थियों की प्रशंसा देने के लिये पैसे भी दिए हैं। यह बुजुर्ग महिला अपनी वास्तविक कार्रवाई से सीपीसी की एक पुरानी सदस्य की आरंभिक इच्छा व दृढ़ता दिखा रही हैं।
श्यासेन ने बल देकर कहा कि हमें केवल विद्यार्थियों के अकादमिक प्रदर्शन पर ध्यान नहीं देना चाहिये, उनके नैतिक प्रदर्शन पर भी ध्यान देने की जरूरत है। मुझसे सहायता पाने वाले विद्यार्थियों को अपने देश को प्यार करना है।
श्यासेन व उनके पति हमेशा साधारण जीवन बिताते रहे हैं। उनके अनुसार जीवन स्तर के मापदंड को बहुत ऊँचा नहीं होना चाहिये। पर्याप्त भोजन मिलना ठीक है। लेकिन स्कूल को दान करने के पक्ष में वे अपना सब कुछ दे सकते हैं। गौरतलब है कि शेनशी प्रांत के शांगलो शहर की तानफ़ोन काऊंटी और च्यांगशी प्रांत के कानचो शहर के शानयो काऊंटी चीनी सामाजिक विज्ञान अकादमी की दो निश्चित गरीबी उन्मूलन काऊंटियां हैं। श्यासेन दंपति ने निरंतर रूप से उक्त दो काऊंटियों को पैसे की सहायता दी। उन्होंने चीन के गरीबी उन्मूलन कार्य और देश के निर्माण के लिये सुयोग्य व्यक्तियों के प्रशिक्षण में अपना योगदान दिया है।
वर्ष 2006 में श्यासेन ने शेनशी प्रांत की तानफ़ोन काऊंटी का दौरा किया। उन्होंने अपनी आंखों से वहां की एक स्कूल के कठोर वातावरण को देखा। उन्होंने इस पर कहा कि वे स्थानीय गरीबी उन्मूलन और शिक्षा कार्य के लिये अपनी शक्ति देंगी। और ठीक उसी साल में उन्होंने 20 हजार युआन दान किए। जिससे स्कूल में नयी मेज़ व कुर्सियां लगायी गयीं। अप्रैल 2008 में उन्होंने फिर एक बार इस स्कूल के लिये 20 हजार युआन दान कर 165 श्रेष्ठ विद्यार्थियों को पुरस्कार दिये। ठीक उसी साल में उन्होंने 2 लाख युआन देकर इस स्कूल के लिये एक नयी शिक्षा इमारत का निर्माण करवाया। और वर्ष 2013 में श्यासेन ने बहुत सालों में अपने आप बचाये गये 10 लाख युआन का दान करके श्यासेन नर्सरी की स्थापना की। इसके बाद उन्होंने बारी बारी दान करके इस नर्सरी में पैसे दिये। अब तक कुल मिलाकर 17 लाख 60 हजार युआन इस नर्सरी में शामिल हुए हैं। बहुत गरीब विद्यार्थियों ने श्यासेन की मदद से विश्वविद्यालय में पढ़ने का सपना पूरा किया है। इसके साथ ही वर्ष 2016 में उन्होंने 63 हजार युआन का प्रयोग करके शानयो काऊंटी में एक मिडिल स्कूल के लिये शिक्षा उपकरणों का प्रबंध किया। श्यासेन की कार्रवाई ने बहुत लोगों को प्रभावित किया। सहायता पाने वाले तमाम विद्यार्थी व उनके मां-बाप सच्चे दिल से श्यासेन को धन्यवाद देते हैं। उक्त दो काऊंटियों की विशाल जनता व अधिकारियों और शिक्षा विभागों ने श्यासेन की खूब प्रशंसा की।
श्यासेन दंपति अपने बच्चों की तरह गरीब क्षेत्रों के विद्यार्थियों को प्रेम देते हैं। उन्होंने विभिन्न तरीके से विद्यार्थियों की पढ़ाई व जीवन की स्थिति जानने की कोशिश की। वर्ष 2018 के त्वानवू त्योहार पर श्यासेन दंपति ने ऐसे दो विद्यार्थियों को घर में भोजन करने के लिए बुलाया, जो श्यासेन की मदद से पेइचिंग के विश्वविद्यालय में पढ़ाई कर रहे हैं। घर में दोनों युवाओं को परिजनों जैसे स्नेह मिला है।
गरीब विद्यार्थियों को दान करने के अलावा श्यासेन ने कई बार चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के आह्वान पर विशेष पार्टी सदस्यता फ़ीस देने के माध्यम से प्रेम का समर्पण भी दिया। वर्ष 2008 में चीन के वनछ्वान क्षेत्र में भीषण भूकंप आने के बाद श्यासेन ने भूकंप से ग्रस्त क्षेत्रों के लिये 20 हजार युआन दिए। और वर्ष 2020 में उन्होंने फिर एक बार एक लाख युआन दान कर कोविड-19 महामारी की रोकथाम व नियंत्रण कार्य का समर्थन दिया।
गौरतलब है कि वर्ष 2018 में श्यासेन को चीनी राष्ट्रीय गरीबी उन्मूलन का समर्पण पुरस्कार मिला। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय कमेटी के पोलित ब्यूरो के सदस्य, चीनी जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन की राष्ट्रीय समिति के अध्यक्ष वांग यांग समेत पार्टी व देश के नेताओं ने स्नेह के साथ उनसे मुलाकात की। वर्ष 2011 व वर्ष 2014 में उन्हें क्रमशः चीनी सामाजिक विज्ञान अकादमी की श्रेष्ठ पार्टी सदस्य और सेवानिवृत्त संवर्ग में उन्नत व्यक्ति आदि मानद उपाधियां हासिल हुई।
चंद्रिमा