शिनच्यांग वासियों के मन की बातें सुनकर, कौन विश्वास करेगा “जबरन श्रम” वाला झूठ?
“हम पैसे कमाने और कौशल सीखने के लिए शिनच्यांग से बाहर आए हैं। हम अपने हाथों से जीवन को बदलते हैं, क्या हमें दूसरों द्वारा जबरन श्रम की आवश्यकता है?” चीन के शिनच्यांग उइगुर स्वायत्त प्रदेश से आए शियाली मैमेटमिन ने 21 दिसम्बर को आयोजित शिनच्यांग मुद्दे से संबंधित एक पत्रकार सम्मेलन में तथाकथित “शिनच्यांग में जबरन श्रम मौजूद है” के प्रश्नोत्तर में यह सवाल पूछा।
सचमुच शिनच्यांग मुद्दे को लेकर स्थानीय नागरिकों के सबसे ज्यादा बोलने का अधिकार है। पत्रकार सम्मेलन में शियाली समेत 4 शिनच्यांग वासी देसी-विदेशी पत्रकारों से मिले। उन्होंने अपना अनुभव बताते हुए पश्चिमी राजनीतिज्ञों द्वारा बनाए गए झूठों को पर्दाफाश किया।
इस वर्ष अमेरिका समेत पश्चिमी चीन विरोधी पक्ष ने मानवाधिकार की आड़ में शिनच्यांग में तथाकथित “जबरन श्रम” मुद्दे का प्रसार किया और इसे बहाना बनाकर प्रासंगिक विधेयक भी पेश कर शिनच्यांग उइगुर स्वायत्त प्रदेश के अधिकारियों, संस्थाओं और उद्योग के विरुद्ध प्रतिबंध लगाया। इसमें आर्थिक कारण मौजूद है, बल्कि ज्यादातर पश्चिमी राजनीतिज्ञों की मंशा भी मौजूद है, वे चीन में जातियों के संबंधों को नष्ट करना चाहते हैं, अंतर्राष्ट्रीय जनमत भ्रामक करते हुए चीन को बदनाम करना चाहते हैं।
दरअसल, “जबरन श्रम” चीन का विरोध करने वाले पक्ष द्वारा नामांकित आपराधिक नाम है। उनका उद्देश्य शिनच्यांग में विभिन्न जातियों के नागरिकों के श्रम और रोजगार से बेहतर जीवन जीने के अधिकार को छीनना है, ताकि शिनच्यांग हमेशा से बंद होकर पिछड़ा रहा। इन दोनों शब्दों से उनका खराब इरादा जाहिर हुआ।
वास्तव में, रोजगार की स्थिरता और जन जीवन की गारंटी चीन सरकार द्वारा स्थिर और अनवरत आर्थिक विकास को साकार करने की महत्वपूर्ण गारंटी है, जो शिनच्यांग में स्थाई शांति और विभिन्न जातियों के नागरिकों के हितों से मेल खाता है।
इस वर्ष सितम्बर और अक्तूबर दोनों महीनों में चीन ने क्रमशः “शिनच्यांग में रोजगार की गारंटी” शीर्षक श्वेत पत्र और “शिनच्यांग में अल्पसंख्यक जातीय रोजगार जांच रिपोर्ट” जारी की, जो निरीक्षण दौरे के माध्यम से सर्वेक्षण किया गया कि शिनच्यांग में तथाकथित ”जबरन श्रम” वाली स्थिति बिलकुल नहीं रही। सरकार की सक्रिय श्रम रोजगार की गारंटी नीति के तहत, शिनच्यांग वासी अपनी इच्छा के अनुसार स्वतंत्र रूप से श्रम करते हैं। आंकड़ों के मुताबिक, साल 2014 से लेकर अब तक, कुल 1 लाख 17 हज़ार शिनच्यांग श्रमिक देश के भीतरी इलाकों में काम करते थे या कर रहे हैं।
वर्तमान में शियाली मैमेटमिन एक कारखाने के प्रधान बन चुके हैं। उन्होंने कहा कि उनका श्रम वेतन कार्य प्रदर्शन के अनुसार दिया जाता है। ज्यादा कार्य करने से अधिक आय मिलती है। वे अपने काम को लेकर संतुष्ट हैं।
वर्तमान में शिनच्यांग इतिहास में सबसे बेहतर विकास के दौर से गुजर रहा है। रोजगार से गरीबी उन्मूलन वाली नीति से प्रेरित होकर शिनच्यांग को गरीबी से पूरी तरह मुक्ति मिली। कोई भी निष्पक्ष अंतर्राष्ट्रीय लोग शिनच्यांग का दौरा करके सही निष्कर्ष बना सकता है। जैसा कि किर्गिस्तान के सांसद आदिलि गुनस का कहना है कि मैं कभी-कभी शिनच्यांग का दौरा करता हूँ, मैंने शिनच्यांग में जबरन श्रम वाली स्थिति कभी नहीं देखी।
चीन सरकार की शिनच्यांग नीतियों ने क्षेत्रीय स्थिरता और विकास को बड़ा बढ़ावा दिया। ये नीतियां स्थानीय नागरिकों के बेहतर जीवन जीने वाली अभिलाषा से मेल खाती हैं, जो कि सारी दुनिया की कसौटी पर खरा उतर सकती हैं। चीन का विरोध करने वाली पश्चिमी शक्ति के कथन के खंडन करते हुए शियाली मैमेटमिन ने समस्त शिनच्यांग वासियों के दिल की बात सुनाई, यानी कि कोई भी लोग हमारे बेहतर जीवन जीने के अधिकार को छीन नहीं सकता।
(श्याओ थांग)