विकासशील देशों के गरीबी उन्मूलन की मिसाल है चीन

2020-10-19 08:57:03 CRI

16 अक्तूबर विश्व खाद्यान्न दिवस है। इस साल विश्व खाद्यान्न दिवस का मुख्य विषय है एकसाथ विकसित, समृद्ध और बरकरार रहना और कार्रवाई से भविष्य का निर्माण करना। संयुक्त राष्ट्र व्यवस्था में सबसे बड़ी मानवीय राहत संस्था के नाते विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) हर साल लगभग 80 देशों के 9 करोड़ लोगों को राहत पहुंचाता है। डब्ल्यूएफपी और चीन के बीच क्या संबंध है और दोनों पक्ष क्या सहयोग करते हैं.... इन मुद्दों पर चाइना मीडिया ग्रुप के संवाददाता ने चीन स्थित डब्ल्यूएफपी के प्रतिनिधि छ्यू सीशी के साथ एक विशेष साक्षात्कार किया, जिसमें उन्होंने बताया कि चीन विकासशील देशों के गरीबी उन्मूलन की मिसाल है। अन्य विकासशील देश चीन के अनुभवों से बहुत कुछ सीख सकते हैं।

विकासशील देशों के गरीबी उन्मूलन की मिसाल है चीन

वर्ष 1979 में विश्व खाद्य कार्यक्रम चीन में परिचित हुआ। वह चीन में गरीबी उन्मूलन और आर्थिक विकास का साक्षी है। छ्यू सीशी के विचार में चीन विकासशील देशों में गरीबी मिटाने का आदर्श मॉडल है। उन्होंने कहा कि निसंदेह गरीबी दूर करने में चीन सभी विकासशील देशों में एक आदर्श देश है। सुधार और खुलेपन से अब तक चीन ने निरंतर कोशिशों से 80 करोड़ से अधिक गरीब आबादी को गरीबी से बाहर निकाला है। यह विश्व गरीबी उन्मूलन कार्य के लिए एक बड़ा योगदान है। इस दौरान प्राप्त देर सारे अनुभव अन्य विकासशील देशों के लिए सीखने के योग्य हैं। कहा जा सकता है कि चीन की असाधारण उपलब्धियों ने अन्य विकासशील देशों को प्रेरणा दी है।

डब्ल्यूएफपी ने चीन में 70 से अधिक गरीबी उन्मूलन और आपदा के बाद पुनर्निमाण परियोजनाओं को लागू किया और चीन में तेज आर्थिक विकास और भूखमरी मिटाने की प्रक्रिया के साथ वर्ष 2005 में चीन के प्रति राहत परियोजना बंद की। चीन अनाज स्वीकार करने वाले देश से डब्ल्यूएफपी के वैश्विक कार्यक्रम में महत्वपूर्ण योगदान देने वाला देश बन गया।

विकासशील देशों के गरीबी उन्मूलन की मिसाल है चीन

छ्यू सीशी के परिचय के अनुसार अब डब्ल्यूएफपी चीन में सक्रियता से सृजनात्मक परियोजना चलाकर चीन सरकार के साथ लक्षित गरीबी उन्मूलन और ग्रामीण पुनरुत्थान कार्य में सहयोग दे रहा है। इसके अलावा डब्ल्यूएफपी चीन में संसाधन भी जुटाता है और चीन में ग्रामीण विकास और गरीबी उन्मूलन में प्राप्त अनुभव दूसरे विकासशील देशों को अवगत करवाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में हम चीन की नयी स्थिति के मुताबिक कुछ सृजनात्मक प्रोग्राम चलाते हैं। उनका पैमाना पहले से काफी छोटा हो गया है। मौजूदा प्रोग्राम के दो वर्ग हैं- पहला, गरीब क्षेत्र में प्री-स्कूल बच्चों के पोषण हस्तक्षेप और दूसरा, गरीब क्षेत्र में किसानों की आयु वृद्धि। हम चीन को ग्रामीण विकास के लिए मदद देंगे और दक्षिण-दक्षिण सहयोग के तरीके से चीन का अनुभव अन्य विकासशील देशों में लोकप्रिय बनाएंगे।

वर्ष 1961 में स्थापित संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम हर दिन 5 हजार ट्रकों, 20 जहाजों और 92 विमानों से ऐसे क्षेत्रों में अनाज तथा राहत सामग्री पहुंचाता है, जिनको मदद की अति जरूरत है। दक्षिण-दक्षिण सहयोग डब्ल्यूएफपी और चीन के बीच सहयोग का मुख्य क्षेत्र है।

विकासशील देशों के गरीबी उन्मूलन की मिसाल है चीन

छ्यू सीशी ने यह भी कहा कि डब्ल्यूएफपी और चीन चार मुख्य क्षेत्रों में दक्षिण-दक्षिण सहयोग बढ़ाते हैं, जिनमें छोटे किसान और बाजार के मूल्य चेन को जोड़ना, प्रसंस्करण और भंडारण का प्रबंधन, जलवायु परिवर्तन से निपटने की क्षमता का निर्माण और आपदा के खतरे का नियंत्रण और पूरी तरह से भूखमरी मिटाना और पोषण सुधारना शामिल हैं।

उन्होंने आगे कहा कि बाद में विश्व खाद्य कार्यक्रम चीन सरकार के साथ दक्षिण-दक्षिण सहयोग मजबूत करने के साथ चीनी उद्यमों के साथ सहयोग का विस्तार भी करेगा। राष्ट्रीय स्तर पर हमने कई मंत्रालयों के साथ औपचारिक साझेदारी स्थापित की है। अध्ययन संस्था के संदर्भ में हमने कई अनुसंधान संस्थाओं और विश्वविद्यालयों के साथ सहयोग संबंध स्थापित किये हैं। वर्तमान में चीनी उद्यम अधिकतर घरेलू परियोजना में शामिल हैं। बाद में, दक्षिण-दक्षिण सहयोग में अधिक चीनी उद्यमों की भागीदारी की आवश्यकता है। (वेइतुंग)

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