Web  hindi.cri.cn
13-08-06:सब कुछ भूलना पर न भूलना माता-पिता का प्यार
2013-08-07 18:24:08

नमस्कार, चाइना रेडियो इंटरनेशनल के साप्ताहिक कार्यक्रम न्यूशिंग स्पेशल में आपका स्वागत है। मैं हूँ आपकी होस्ट और दोस्त हेमा कृपलानी।

ऐसा कहा जाता है कि इस दुनिया में आपको माता-पिता से ज्यादा कोई प्यार कर ही नहीं सकता। लेकिन हमारी आज की कहानी एक ऐसे बुजुर्ग माता-पिता के बारे में जिन्होंने अपने ही बेटे पर मुकदमा दायर किया।

"कौन समझ सकता है कि हम पर क्या बीती? हमारा बेटा जब से गया है तब से लेकर आज तक हमसे मिलने कभी नहीं आया। कोई दिन ऐसा नहीं बीता जब हमने उसका इंतज़ार न किया हो। हर त्योहार पर हम अपनी आँखें बिछाए रहते कि वह ज़रूर आएगा। लेकिन वह नहीं आया। वह कई सालों से नहीं आया है। वह हमसे फोन तक पर बात नहीं करता।"

"वह हमारा इकलौता बेटा है। हमने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि वह अपने बूढ़े माता-पिता के साथ ऐसा करेगा, हमारे साथ ही नहीं अपने दादा-दादी के साथ भी ऐसा करेगा। पिछले सात सालों से न वह कभी घर आया है न ही उसका कोई फोन। न ही तब जब उसकी बुआ चल बसी या उसके 92 वर्षीय दादाजी अस्पताल में भर्ती हुए। मैंने कसम ली है कि अगर वह अपने चालीसवें जन्मदिन तक हम से मिलने नहीं आता। मैं उसके साथ अपने पिता-पुत्र के सारे संबंध तोड़ दूँगा।"

ऐसा उस बुजुर्ग माता-पिता के बेटे ने क्या किया है जो वे उसके साथ संबंध तोड़ना चाहते हैं? क्यों वह पिछले सात सालों से अपने माता-पिता से मिलने नहीं गया है। क्यों उसके माता-पिता ने अपने इकलौते बेटे के खिलाफ मुकदमा किया ? चलिए, आज के कार्यक्रम में इसके बारे में और ज्यादा जानते हैं।

वांग योंगमिंग और उनकी पत्नी झांग होंगमिन बीजिंग के उपनगरीय जिले में गुओग गाँव में रहते थे। सेवानिवृत होने से पहले दोनों गाँव के स्कूल में शिक्षक थे। उनका इकलौता बेटा वांग आएगुओ, पूर्वी बीजिंग में तंगजुओ डिस्ट्रिक्ट में काम करता है। बुजुर्ग माता-पिता ने अपने जीवन भर की पूंजी बेटे के लिए तंगजुओ डिस्ट्रिक्ट में एक मकान खरीदने में लगा दी ताकि वह आराम से रह सके और अपने काम पर ध्यान दे सके।

"उसने जुलाई या अगस्त 1998 से काम करना शुरू किया। मैंने उससे पूछा क्या वह पिंगुओ वापस आकर वहाँ नौकरी खोजना चाहता है। तो उसका जवाब ना था। उसने कहा नहीं वह वापस पिंगुओ नहीं आ रहा।"

यह जानकर की उनका बेटा अपने गृहनगर में वापस आकर काम नहीं करना चाहता, उन दोनों ने अपने बेटे के दफ्तर के पास घर खरीदने का फैसला किया।

"पिंगुओ में हमारा मकान बहुत छोटा है और बेटे की शादी के बाद हम सब एक साथ वहाँ नहीं रह पाएँगे, यह सोच हमने अपनी इकलौती संतान के साथ अपना बुढा़पा सुख से गुजारने का विचार कर उसके लिए घर खरीदा।"

उन्होंने अपना पुराना घर बेच दिया और वापस अपने गाँव चले गए। उसके बाद उन्होंने अपनी सारी जमा पूंजी तंगजुओ में बेटे के दफ्तर के पास एक बड़ा मकान खरीदने में लगा दी।

"गाँव में जीवन शहर की तुलना कठिन और बहुत अलग था। हमें अपने गाँव में कई चीज़ों की जरुरत नहीं पड़ती थी। जैसे मैं अपने बगीचे में सब्जियाँ उगाता था और सर्दियों के लिए उन्हें स्टोर करता था। हमारे पास अपनी सेवानिवृत पेंशन के अलावा आय का कोई स्रोत नहीं था।"

जैसे-तैसे खींच-तान कर 2002 में उन्होंने तंगजुओ जिले में 116 स्कवेयर मीटर का तीन कमरे का मकान खरीदा जिसकी कीमत 3 लाख युआन से ज्यादा थी।

"हमने थोड़े-थोड़े कर पैसे जमा किए। अपना पुराना मकान बेचकर और अपनी जमा-पूंजी से जैसे-तैसे हमने एक लाख पचास हज़ार जमा किए। लेकिन फिर भी कम थे। उस समय हमारे बेटे ने काम करना शुरू ही किया था। मैं उसे किसी भी तरह के दबाव में नहीं डालना चाहता था। तो मैंने कहा कि मैं पैसे उधार लेता हूँ ताकि मॉर्टगेज ऋण कम हो।"

वांग ने 95 हज़ार युआन अपने रिश्तेदारों से उधार लिए और 2लाख 40 हज़ार युआन देकर पहली किस्त चुकाई। बाकि बचे 60 हज़ार युआन मॉर्टगेज पर चुकाए जाएँगे।

"मेरे बेटे पर ज्यादा तो नहीं लेकिन थोड़ा प्रैशर जरुर था। इसलिए मैंने उससे 60 हज़ार मॉर्टगेज चुकाने के लिए कहा। क्योंकि मेरी सारी बचत खत्म हो चुकी थी।"

"वह हमारी इकलौती औलाद है, संपत्ति के टाइटल विलेख पर उसका नाम हो या मेरा कोई फर्क नहीं पड़ता। आगे-पीछे तो यह सब उसका ही है। इसलिए मैं उसके नाम पर संपत्ति के टाइटल विलेख पंजीकरण के लिए राजी हो गया।"

बूढ़े माता-पिता ने अपने जीवन भर की बचत अपने बेटे के लिए मकान खरीदने में लगा दी। तो ऐसा क्या हो गया जो उनका बेटा उनसे दूर हो गया। ऐसा क्या हुआ जो उन्हें उस पर मुकादमा करना पड़ा। वांग और उनके बेटे के बीच ऐसा क्या हुआ। उन दोनों ने बताया कि इन सबका कारण है गुओ यान नाम की एक महिला।

गुओ यान का कहना है कि उन्होंने घर की पहली किस्त के पैसे दिए थे।

"मैंने उसके साथ बात की थी और हम एक घर खरीदना चाहते थे ताकि हम शादी कर सकें। उसने 1 लाख 70 हज़ार दिए और मैंने भी 1 लाख 70 हज़ार दिए। बस इतना ही।"

गुओ यान ने कहा वांग आएगुओ ने उससे शादी करने के लिए घर खरीदा था। उसने भी घर खरीदने के लिए 70 हज़ार युआन दिए थे। गुओ यान वांग आएगुओ की टर्रशियरी स्कूल में सहपाठी थी। स्नातक होने के बाद उन्हें एक ही कंपनी में नौकरी मिली। पहले सहपाठी और फिर सहकर्मी के बीच दोस्ती और फिर प्यार हो गया।

"हम एक ही स्कूल में साथ पढ़े और हमारे संबंध अच्छे थे। मेरी कक्षा से 3-4 और उसकी कक्षा के 5-6 लोग एक साथ एक ही कंपनी में काम करने लगे। हम एक ही छात्रावास में रहते थे और एक-दूसरे के साथ सहज महसूस करते थे। "

वांग आएगुओ ने कहा कि उसने और गुओ ने अगस्त 2000 से साथ में रहना शुरू कर दिया।

"हम साथ में रहने लगे। वह अपना वेतन मुझे संभालने के लिए देता और हम एक परिवार की तरह रहने लगे। "

"मैं शुरुआत में दैनिक कार्य को लेकर उसे परेशान नहीं करना चाहता था। हमने उस विषय में आपस में बात की। शायद वह मेरी तुलना में इन सबसे निपटने में ज्यादा सक्षम और बेहतर थी। धीरे-धीरे उसने अपने नियंत्रण में सब कुछ ले लिया।"

वांग आएगुओ और गुओ यान ने 2005 में शादी कर ली और तब से वे तुंगझुओ जिले के शियाओशिनयुआन में रहने लगे। 2007 में उनकी एक बेटी हुई।

वांग आयगुओ और गुओ यान ने शादी कर ली और उनकी बेटी भी है। लेकिन वांग के माता-पिता खुश नहीं क्योंकि उनकी इकलौती संतान उनसे पिछले सात सालों से मिलने नहीं आई है और ना ही उन्होंने अभी तक अपनी पोती को देखा है। बुजुर्ग माता-पिता और उनके एक ही बेटे के बीच हुआ क्या था?

वांग योंगमिंग ने कहा कि समस्या 2007 मई में शुरू हुई, उनकी पोती के जन्म के कुछ अरसे बाद।

वांग योंगमिंग ने कहा कि जब उनकी पोती पैदा हुई तब उनकी पत्नी झांग होंगमिन उनकी पोती की देखभाल करने तंगजुओ गईं जबकि वे अपने गांव पिंगगू में ही रहे।

"मेरी पत्नी करीब 42 दिन वहाँ रहीं। एक दिन मेरी पत्नी ने मुझे फोन पर कहा कि मई दिवस की छुट्टियों के दौरान वह घर आकर अपने कुछ कपड़े लेकर जाना चाहती हैं ,लेकिन हमारी बहू गुओ यान नहीं चाहती कि मैं घर वापस आऊँ। इसलिए मेरी पत्नी ने कहा कि तुम यहाँ आ जाओ।"

लेकिन वांग योंगमिंग की बहू ने ऐसा कुछ कहा जिसे सुन वे उदास हो गए।

"मेरी बहू ने कहा कि मई दिवस की छुट्टियों में उसके माता-पिता आने वाले हैं इसलिए आप यहाँ मत आइए। आप मई दिवस के दौरान अपने गाँव में ही रहिए।"

अप्रैल 29, 2007, छुट्टी से एक दिन पहले उनकी पत्नी वांग योंगमिंग ने फोन पर कुछ ऐसा बताया जो बहुत चिंताजनक था।

"उसने कहा कि वे बच्ची को ले गए।"

बच्ची को ले गए? कौन कर सकता है ऐसा? वांग योंगमिंग यह सुन हैरान-परेशान हो गए।

"मेरी पत्नी रोज़ की तरह सुबह जल्दी उठ गईं, बच्ची को नहलाया और उसके बाद कपड़े धोने लगी तब ही हमारी बहू के माता-पिता आए। वे जैसे ही आए, उन्होंने बच्ची का सामान बांधना शुरू कर दिया। हमारी पोती के कपड़े, डाइपर और अपनी बेटी के कपड़े और उसका सारा सामान। सामान बांधकर वे सब नीचे गए और गाड़ी में बैठकर चल दिए।"

उनकी पत्नी ने कहा कि उन्होंने उससे कोई बात नहीं की बस इतना कि अपनी दादी को बॉय कहो। जब उनकी पत्नी ने पूछा कि कहाँ जा रहे हैं, तो उनका जवाब बस इतना था कि हम दूसरी जगह रहने जा रहे हैं। इतना कह वे चले गए और फिर वापस नहीं आए।

ये सब इतना जल्दी हुआ कि वे कुछ समझ ही नहीं पाए और उन्होंने अपने बेटे को फोन किया और पूछा तो उसने जवाब दिया कि वह जानता है लेकिन उसकी पत्नी ने उसे अपने माता-पिता को बताने से मना किया था।

वांग दंपत्ति के लिए अभी तक इतना सदमा काफी नहीं था कि उनके समधियों ने ये कहा कि अगर आप अपनी पोती की देखभाल करना चाहते हैं और उसके साथ रहना चाहते हैं तो आपको अपने परिवार का नाम बदलकर उनके सरनेम को अपनाना पड़ेगा। वांग दंपत्ति स्तब्ध रह गए।

"ये क्या कह रहे हैं आप?"

वांग योंगमिंग और उनकी बहू के बीच तनातनी यूँ ही चलती रही। हालात को और ज्यादा बिगड़ने से बचाने के लिए वे दोनों कई बातों को लेकर चुप्पी साध लेते। लेकिन यह बात उन्हें हर वक्त सताती कि उनके समधी अचानक उनकी पोती को ऐसे कैसे लेकर चले गए।

"मैं उनके बारे में हर समय सोचता रहता हूँ। यही सोचता हूँ कि बच्ची एक महीने की होगी तो वे लौट आएँगे, 100 दिन की होगी तो वे शायद आएँ। फोन करता हूँ तो कोई फोन नहीं उठाता, संदेश भेजता हूँ तो कोई जवाब नहीं आता। आप सोच नहीं सकते कि कैसा लगता हैं हमें। मैं उनसे एक बार पूछना चाहता हूँ कि उन्होंने हमारे साथ ऐसा बर्ताव क्यों किया।"

वांग की न केवल बहू बल्कि उनके बेटे ने भी अपने माता-पिता से मुँह मोड़ लिया था। जब वे उससे पूछते कि तू कब आएगा ,तो कोई जवाब नहीं मिलता था। जब वे पूछते कि क्या तुझे याद है कि तेरे माता-पिता अब भी जिंदा हैं, तुझे अपना घर याद है। तो उसका जवाब होता कि उसका घर वहीं हैं जहाँ उसकी बेटी है। चीनी नव वर्ष आया और चला गया लेकिन वह घर नहीं लौटा। उनका बेटा अपने ससुराल और माता-पिता के बीच मानो फंस गया था। फिर एक दिन माता-पिता फैसला कर उससे मिलने दफ्तर गए। उन्होंने कहा कि वे अपनी पोता का पहला जन्मदिन मनाना चाहते हैं तो उसने कहा कि वे नहीं आ सकते क्योंकि बच्ची को बुखार है। तब भी उसके माता-पिता ने उसे 10,000 युआन दिए कि वह उनकी पोती के लिए कुछ कपड़े खरीदे उनकी तरफ से। वे तो उससे मिल नहीं सकते।

इस बात को सात साल हो गए जब आएगुओ अपने माता-पिता से मिलने घर गया हो। इन सालों में वांग योंगमिंग और उनकी पत्नी अपने समधियों के घर गए लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लगी।

"मैंने गुस्से में अपने बेटे से कह दिया कि अगर वह हमारे साथ इसी तरह बर्ताव करेगा तो हम भी अब उससे कभी मिलना नहीं चाहेंगे।"

एक छोटी सी बात के कारण हँसते-खेलते परिवार के बीच दरार पड़ गई। सात साल तक बेटा घर नहीं आया,माता-पिता से नहीं मिला लेकिन 2012 चीनी नववर्ष के चौथे दिन अचानक आएगुओ, अपने घर, अपने माता-पिता के पास आया। पूछने पर पता चला कि उसके चचेरे भाई ने उसे फोन पर कहा कि दादाजी से मिलने आओ, उनका स्वास्थ्य बहुत खराब रहता है। अपने बेटे को सात साल बाद मिल उनकी खुशी का ठिकाना न रहा। वे अपना सारा गुस्सा भूल गए। हुआ कुछ ऐसा कि जब वह अपने माता-पिता से मिलने आया तो उसे बुखार हो गया था और इस कारण उसे अपने माता-पिता के घर कुछ रहना पड़ा।

अपने बेटे को वापस लौट देख उनके मन में फिर से उम्मीद जागी कि उनकी बहू और पोती भी घर लौट आएँगी। लेकिन उन्हें कहाँ मालूम था कि एक बड़ा तूफान उनका इंतज़ार कर रहा है।

2012 ड्रैगन बॉट त्योहार पर वांग आएगुओ अपने घर वापस गया और उसे देखते ही माता-पिता समझ गए कि कुछ तो बुरा हुआ है। पूछने पर पता चला कि उसका तलाक हो गया है। संपत्ति दो हिस्से में बँट गई है और उसे अपनी पूर्व पत्नी को बच्ची की देखभाल के लिए हर महीने 2000 युआन देने हैं। जब उसने तलाक के कागजात दिखाए तो पता चला कि उसने पूरी संपत्ति गुओ यान को दे दी है। न केवल संपत्ति बल्कि बच्ची, गाड़ी और घर सब उसने अपनी पत्नी को दे दिया ये जानकर वांग के पैरों तले जमीन खिसक गई। उनके तलाक का कारण उसके नववर्ष के दौरान अपने माता-पिता के घर रहना था और वापस जाने के बाद उसके ससुराल वालों ने उससे किनारा करना शुरू कर दिया। पत्नी भी नई नौकरी करने लगी और अधिकतर समय घर से बाहर बिताने लगी। अधिकतर अपने माता-पिता के घर में ही रहती थी। कभी-कभी अपने घर में रहने आती। कुछ पूछता तो झगड़ा होता और इसी झगड़े-झगड़े में एक दिन पत्नी ने तलाक के कागज़ आगे रख दिए और उसने भी बिना पढ़े गुस्से में उन पर हस्ताक्षर कर दिए। पिता ने कहा कि अब तक तुम सिर्फ अपने बारे में सोचते आए हो और सारे निर्णय भी अपने लिए किए हैं। लेकिन कभी अपने माता-पिता के बारे में नहीं सोचा। उसकी पत्नी भी कहती है कि उसने अपनी मर्जी से तलाक के कागज़ पर हस्ताक्षर किए हैं। माता-पिता यह सोच-सोचकर परेशान थे कि इतना समझदार,पढ़ा-लिखा उनका बेटा इतना कमाने वाला, अच्छी-खासी नौकरी और ये क्या कर बैठा?

लेकिन वांग आएगुओ के माता-पिता को ये संपत्ति समझौता पूरी तरह अस्वीकार्य था क्योंकि ये घर उन्होंने अपने खून-पसीने की कमाई से खरीदा था। 29 अगस्त 2012 को वांग योंगमिंग और झांग होंगमिन ने अपने बेटे और उसकी एक्स पत्नी पर बीजिंग के तंगजुओ जिला पीपुल्स कोर्ट में संपत्ति के अपने संयुक्त स्वामित्व और सत्यापन की अभिपुष्टि की माँग करते हुए मुकादमा दायर किया।

चीनी नए विवाह कानून अनुच्छेद 22 के अनुसार अगर माता-पिता ने अपने बच्चों की शादी से पहले मकान खरीदने के लिए पैसे दिए हैं तो इस तरह की संपत्ति को माता-पिता के दान या गिफ्ट के रूप में माना जाएगा। लेकिन अगर शादी के बाद तलाक होता है और बेटा अपनी पत्नी को वह संपत्ति दे देता है तो यह भी एक प्रकार का दान है। क्योंकि यह दो बार दिया गया दान है तो माता-पिता का इस संपत्ति पर कोई अधिकार नहीं रहता चाहे सीधे तौर पर या उनके बेटे की ओर से। अगर अदालत ने कानून के अनुसार निर्णय लिया होता तो माता-पिता को कोई समर्थन नहीं मिलता। लेकिन इस केस में प्रतिवादी ने अदालत की मध्यस्था स्वीकार कर एक लाख पचास हज़ार युआन का भुगतान देने के लिए सहमत हुई।

वांग ने अदालत की मध्यस्था का सम्मान करते हुए कहा कि पैसे से ज्यादा हम चाहते है कि गुओ परिवार के साथ हमारा संघर्ष खत्म हो और हमें अपने बेटे और पोती को साथ में देखने के अधिक अवसर मिले। वांग 59 साल के हैं और उनकी पत्नी 60 की। अब इस उम्र में हम सिर्फ इतना ही चाहते हैं कि हमारा बेटा हमारा ध्यान रखे। जब हम बीमार हों तो वह हमारे पास रहे। इससे अधिक हम अपेन बेटे से कोई उम्मीद नहीं रखते।

वो कहते हैं न इस दुनिया में माता-पिता के प्यार से ज्यादा कोई कीमती चीज़ नहीं है। वे अपने बच्चों से इतना प्यार करते हैं कि वे उनके लिए कुछ भी कर सकते हैं। इस दुनिया में सबसे बड़ा गुण अगर किसी में है तो वह है माता-पिता का सम्मान करना। इसलिए किसी के बच्चे होने के नाते हमें अपने माता-पिता के लिए समय निकाल उनके लिए कुछ करना चाहिए। अगर कुछ बड़ा नहीं कर सकते तो कुछ छोटा ही सही। एक फोन कॉल, प्यार भरी बातें और उनसे जाकर मिलना जो उन्हें सबसे ज्यादा खुशी देगा। और अब तो चीन में नया कानून बना है कि अगर आप अपने बूढ़े माता-पिता को अनदेखा करते हैं तो आपको जेल भी हो सकती है। ये कानून बुढ़ापे में अकेलापन झेल रहे लोगों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखकर बनाया गया है। कानून कहता है कि वयस्क बच्चों को अपने माता-पिता की आध्यात्मिक ज़रूरतों का ख़्याल रखना चाहिए और उन्हें कभी भी डांटना नहीं चाहिए। इसी के साथ मैं हेमा कृपलानी लेती हूँ विदा। नमस्कार।

आप की राय लिखें
Radio
Play
सूचनापट्ट
मत सर्वेक्षण
© China Radio International.CRI. All Rights Reserved.
16A Shijingshan Road, Beijing, China. 100040