Web  hindi.cri.cn
पांचवा दिन(तिब्बत की यात्रा)
2011-08-06 19:49:56

आज सुबह लाह्सा वापिसी के लिए रवाना हुए।सिरदर्द की शिकायत अभी भी काफी साथियों को बनी हुई थी,लेकिन धीरे-धीरे यह एहसास भी हो रहा था कि लाह्सा वापिसी पर इस समस्या का समाधान हो जाएगा क्योंकि अब हमारे शरीर बदली हुए जलवायु,और कम दबाव वाले वातावरण के अनुकूल हो रहे थे।रास्ते में मौसम साफ होने के कारण बर्फीले पहाड़ों का नजारा देखने लायक था।इतनी करीब से बर्फीते पहाड़ और ग्लेशियर जीवन में शायद ही किसी को देखने का मौका मिला हो।इसलिए गाड़ियां रोक कर काफी देर तक सभी साथी फोटो खींचने के इस सुनहरे अवसर का लाभ उठा रहे थे।पास ही छिंगहाई लाहसा रेल गुजर रही थी। मन करता था कि यहीं रुक जाएं। यह अनुभव सभी को जीवन में हमेशा याद रहेगा।

लाहसा के रास्ते में हम यांग पा चिंग नामक जगह पर रुके और जमीनी गर्मी के इस्तेमाल से बिजली बनाने वाले विद्युत कारखाने को देखने गए और वहां के प्रबंधक से बात की।

जैसे-जैसे हम लाहसा की ओर बढ़ रहे थे,वातावरण बदल रहा था और कहीं-कहीं पेड-पौधे दिखाई पड़ने लगे थे।शाम होते होते हम ने लाहसा में प्रवेश किया।लाह्सा को मैंने पहली बार देखा।आधुनिक शहर जहां जीवन की हर सुविधा उपलब्ध है।चौड़ी सड़कें,बाजार,टैक्सियां,बड़ी-बड़ी इमारतें और लोगों की भीड़ भाड़।लाहसा शहर को देखने का मौका कुछ दिन बाद अच्छी तरह से मिलेगा ,आज को आराम कर कल सुहब लाहसा के शनान के सफर के लिए निकलना है।

आप की राय लिखें
Radio
Play
सूचनापट्ट
मत सर्वेक्षण
© China Radio International.CRI. All Rights Reserved.
16A Shijingshan Road, Beijing, China. 100040