आज सुबह हम नाश्ता करके युंशोऊ शहर से नाननिंग के लिए निकल पड़े. हमने जाते हुए एक गुफ़ा देखी जो एक टूरिस्ट स्थल था. वो एक मशहूर गुफ़ा थी. उसका नाम लू ती येन हैं. उस गुफ़ा के अंदर पुरानी चट्टानों ने भिन्न भिन्न आकार ले रखी थी. अगर उस चट्टानों को कल्पना के तौर पर देखा जाये तो कुछ तो शेर का रूप ले रखा था, कुछ ने सब्जी या फलों का रूप ले रखा था. कुछ चट्टानों ने तो महल के दरबार की तरह लग रहा था. यह गुफ़ा बिलकुल अलग से थी. उसमे रंग बिरंगे रौशनी डालके और ज्यादा आकर्षित बना रखा था. फिर हमने सुबह के करीब 11:30 बजे इसे देख कर दोपहर का भोजन करने के लिए चल दिए. भोजन काफी स्वादिष्ट था.
आज हम नाननिंग रेल से गए. दोपहर के करीब 1:45 बजे नाननिंग जाने की हमारी ट्रेन थी. आज चीन की ट्रेन में सफर करने का अलग ही अनुभव हुआ. सभी चीनी लोग ट्रेन में खूब मस्ती करते हुए सफर करते हैं. कोई ताश खेलते रहते हैं, कोई चीनी शतरंज खेलते हैं, और कुछ खूब बातें करते हुए सफर का आनंद लेते हैं. मुझे ताश खलेने में कोई दिलचस्पी नहीं हैं, इसलिए मैंने बातें करते ही अपना सफर पूरा किया. लगभग शाम के 7:00 बजे हम नाननिंग स्टेशन पहुँच गए. फिर हमें लेने के लिए टूर गाइड स्टेशन पर आ गए. फिर हम रात का भोजन करने के लिए गए और उसी होटल में हमारे कमरे बुक थे. भोजन करने के बाद हम सब अपने कमरे में आ गए. आज रेल में सफर करना बहुत बढिया लगा.
अखिल पाराशर
06/12/2011