नमस्ते !
मेरे नाम अखिल पाराशर हैं और मैं नई दिल्ली से हूँ. मुझे CRI द्वारा चीन आने का अवसर प्राप्त हुआ हैं. आज सुबह मैं १२ बजे बीजिंग हवाई अड्डा पहुँचा. बीजिंग पहुँचने पर मुझे ठण्ड का एहसास हो गया था. काफी ठण्ड हो रही थी. मुझे लेने के लिए CRI के हिन्दी विभाग के कर्मी मैडम चंद्रिमा आयी हुई थी. फिर वो मुझे CRI द्वारा तह किया हुआ होटल "ता चेंग लू होटल" लेकर आये. जब मैं एअरपोर्ट से होटल आ रहा था तो मैंने बीजिंग की सड़कें देखी, जो काफी चौड़ी और साफ़ सुथरी थी. ऊँची ऊँची इमारतें भी बहुत देखी. इसी से चीन की उन्नति का अंदाज़ा लगाया जा सकता हैं. गाडियाँ भी अपनी अपनी लेन में चल रही थी. मुझे यह देख कर काफी प्रसन्ता हो रही थी.
मैं अपने होटल पहुँच कर पहले फ्रेश हुआ, और फिर दोपहर का भोजन किया. भोजन काफी स्वादिष्ट था. मैंने अपना एक नया मोबाइल नंबर ख़रीदा. मुझे मैडम चंद्रिमा जी द्वारा बताया गया की CRI के हिन्दी विभाग के अध्यक्ष मैडम यांग ने रात के खाने पर आमन्त्रित किया हैं. मुझे यह जानकार बहुत खुशी हुई, और मैं बताये हुए समय पर CRI कार्यलय पहुँच गया. मैं वहाँ मैडम यांग जी से मिला, और अन्य सदस्यों से भी मिला. उन लोगो ने मेरा बहुत शानदार तरीके से स्वागत किया. मैं उनके लिए हार्दिक धन्यवाद करता हूँ. भोजन में काफी सारे व्यन्जन मंगाये. भोजन काफी स्वादिष्ट और लजीज था. भोजन समाप्त होने के बाद हम सब कार्यालय गए. वहाँ मैं अन्य सदस्यों से भी मिला. सभी से मेरा परिचित कराया गया. मैडम यांग ने मुझे ढेर सारे उपहार भेंट किये. मैं उनका तह दिल से धन्यवाद करता हूँ.
मैं यह बताना चाहूँगा कि CRI द्वारा चीन और अन्य देशों के बीच मैत्रीपूर्ण सम्बन्ध और ज्यादा घनिष्ट हो रहे हैं. यह कहना गलत नहीं होगा कि CRI चीन और विश्व के अन्य देशों से जोड़ने में एक महत्वपूर्ण भुमिका निभाता हैं. जैसा कि हम जानते हैं कि CRI में हिन्दी विभाग भी हैं, इससे चीन और भारत के सम्बन्ध और मजबूत होते जा रहे हैं. जैसा कि CRI के 70 साल पूरे हो गए हैं, मेरी सुभकामनाएँ हैं कि CRI इसी तरह से आगे बढ़ता रहे. मैं CRI और CRI के हिन्दी विभाग को ढ़ेर सारी सुभकामनाएँ देता हूँ.
धन्यवाद
अखिल पाराशर
01/12/2011