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युवा बनाएंगे एशिया के भविष्य को और उज्ज्वल -----दूसरा चीनी और भारतीय विश्वविद्यालय छात्र मंच पेइचिंग में
2013-05-15 09:26:06

दी ईफ़ांग चीन में हिन्दी पढ़ाने वाली अध्यपिका हैं, जिन्हें हिन्दी सीखने वाले चीनी विद्यार्थी पसंद करते हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें अपनी पढ़ाई और विद्यार्थियों को सिखाने के दौरान आनंद आता है। आशा है कि अपने व्यक्तिगत प्रयासों से चीन-भारत संबंधों के विकास में कुछ योगदान कर सकेंगे। अध्यापिका दी ईफ़ांग ने हिन्दी में हमारे संवाददाता से बताया:

"इस मंच में भाग लेना मुझे और मेरे विद्यार्थियों को बहुत अच्छा लगता है। हमारे देश और भारत के विभिन्न सुप्रसिद्ध विश्वविद्यालयों से आए विद्यार्थियों ने एकत्र होकर आनंदमय पल बिताया। यहां हम नए ज्ञान को सीखने के साथ-साथ अच्छे मित्र बना सकते हैं।"

अपना नाम ली चेखाई बताने वाले भारतीय विद्यार्थी उत्तर पश्चिमी चीन के शान्नशी प्रांत की राजधानी शीआन शहर में शीआन विदेशी भाषा विश्वविद्यालय में पढ़ाई करते हैं। चीन में एक साल का समय बिताने के बाद उन्हें चीनी संस्कृति के प्रति गहरी रूचि हुई। ली चेखाई को आशा है कि वह चीन और भारत के बीच मित्रवत संबंधों के सेतु का काम करेंगे। स्नातक होने के बाद वे स्वदेश लौटकर चीन की रंग-बिरंगी संस्कृति और पुराने इतिहास को अधिक से अधिक भारतीय मित्रों को बताएंगे। भारतीय विद्यार्थी ली चेखाई ने कहा:

"वर्तमान में ज्यादा चीनी युवा भारत के प्रति कम जानकारी रखते हैं। संभवत:वे मात्र बॉलिवुड और योग के बारे में जानते हों। मुझे लगता है कि ज्यादा से ज्यादा चीनी छात्र भारत जाकर सीखेंगे और स्थानीय लोगों के साथ संपर्क करेंगे। ताकि भारतीय लोगों के विचार समझ सकें। नई पीढ़ी वाले युवा के रूप में चीनी और भारतीय युवाओं को आपस में आदान-प्रदान मज़बूत करना चाहिए। इससे द्विपक्षीय आवाजाही और आसान होगी।"

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