वैसे चीन में कई खूबसूरत पर्यटक स्थल हैं, लेकिन एक ऐसा शहर भी है, जिसे पूर्व यानी चीन का वेनिस भी कहा जाता है। अब वेनिस की संज्ञा दी गई हो तो आप सोच ही सकते हैं कि यहां की ब्यूटी कैसी होगी।
शहर में हर जगह हरियाली ही नज़र आती है, पूरा शहर चारों ओर से पानी की नहरों व छोटी नदियों से घिरा हुआ है। इतना ही नहीं सूचोउ की सुंदरता में चार चांद लगाते हैं यहां के गार्डन। कहीं भी चले जाइए, बगीचे अपना अलग ही आकर्षण दिखाते हैं। पूर्वी चीन के च्यांगसू प्रांत के दक्षिण पूर्व में यांग्त्ज नदी के निचले छोर पर बसा हुआ है सूचोउ। वैसे तो लगभग चालीस लाख की आबादी वाला शहर है, लेकिन रात के वक्त घूमने निकल जाइए तो इंडिया के हिल स्टेशन की याद ताजा करता है, खासकर परंपरागत शैली के बाज़ार व गलियां और दुपहिया वाहनों की आवाज़ अलग ही अहसास कराती है।
कुछ दिन पहले सूचोउ जाना हुआ, हालांकि इससे पहले मैं उत्तरी चीन के कुछ शहरों में जा चुका हूं। लेकिन पूर्वी चीन स्थित इस शहर का नजारा ही और दिखा। यहां पहुंचते ही सबसे पहले रेलवे स्टेशन प्रभावित करता है, जिसे किसी एयरपोर्ट से कम नहीं आंका जा सकता। स्टेशन से बाहर निकलने पर हर तरफ हरे-भरे पेड़-पौधे मानो स्वागत करने के लिए तैयार हों।
तेज़ी से विकास कर रहे चीन ने वाकई सूचोउ की नेचुरल ब्यूटी को जिस तरह सहेज कर रखा है, वह अपने आप में एक मिसाल है। शहर की पहचान यहां के गार्डन हैं, जो सोंग, युआन, मिंग व छिंग राजवंशों की कला व ढांचे को दर्शाते हैं। इनमें चोउचंग युआन, ल्योयुआन, शच् लिन आदि गार्डन सूचोउ के प्रतीक के तौर पर भी जाने जाते हैं। मुझे भी मौका मिला, इन गार्ड्नस की ब्यूटी को करीब से देखने का, एक पल के लिए लगा कि शायद मैं किसी और ही दुनिया में आ चुका हूं। बगीचों से बाहर कदम रखते ही कैनाल यानी नहरें दिखाई पड़ती हैं। बताते हैं कि कैनाल पुराने समय में शहरी यातायात और लोगों की आवाजाही के मार्ग के रूप में इस्तेमाल होती थी, यूं कहें तो कोई दोराय नहीं होगी की एक तरह से ये कैनाल सिटी की लाइफलाइन थी। जिस व्यक्ति की जितनी बड़ी हैसियत, वह कैनाल यानी पानी के उतने ही नजदीक रहता था। आप इनकी इनकी प्राचीनता का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि इनका निर्माण 1200 वर्ष पहले हुआ था। भले ही आज शहर में सड़कों का जाल बिछ चुका हो, पर नहरें अब भी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं। साथ ही यहां के पुल भी शहर को जोड़ने का काम करते रहे हैं। बकि यहां के प्राचीन मंदिर चीन में बौद्ध धर्म के प्रवेश की कहानी बयां करते हैं, जिनमें हानशान, सीयुआन व स्वान म्याओ मंदिर प्रमुख हैं।