अनुभव जुटाने के लिए क्वान श्वांग श्वांग ने दूसरी इंटरनेट दुकानों में उपभोग्ता सेवा का काम भी किया ।
उस समय मैं ने एक इंटरनेट दुकान में उपभोग्ता सेवा का काम किया था, दो महीनों के बाद मैं इस इंटरनेट दुकान की प्रधान बन गयी थी, मैं ने मेहनत से काम किया था, दिन में 16 घंटे मैं काम करती थी, ऐसी स्थिति एक साल तक रही।
वर्ष 2007 में क्वान श्वांग श्वांग ने एक विशेष फोन लिया।
अब यह बात करते हुए मुझे लगता है कि यह घटना अभी भी बहुत ताजा है। उस समय ई-बेई जैसे चीनी प्रसिद्ध इटरनेट मॉल थाओ बाओ की कर्मचारी ने मुझे फ़ोन किया और मुझ से कहा कि मुझे थाओ बाओ इटरनेट मॉल के अध्यक्ष मा यून के साथ फोटो खिंचवाने का अवसर मिला है।
यह क्वान श्वांग श्वांग के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव है, थाओ बाओ द्वारा आयोजित वार्षिक सम्मेलन में व्हील चेयर पर बैठने वाली क्वान श्वांग श्वांग ने दो हजार से अधिक मेहमानों के सामने इंटरनेट दुकान का संचालन करने की अपनी कहानी कही, इस के बाद सब से दृढ़ इंटरनेट विक्रेता के रुप में क्वान श्वांग श्वांग इंटरनेट में लोकप्रिय हो गई।
मुझे लगता है कि ई-व्यापार भविष्य का रूझान होगा, अधिक से अधिक लोग बाहर जा कर चीज़ नहीं खरीद रहे हैं। मै आशा करती हूँ कि मेरी इंटरनेट दुकान अच्छी से अच्छी होगी, लेकिन अभी तक मेरी मांग नहीं पूरी नहीं हुई है , इसलिए मैं एक व्यवसायिक इंटरनेट दुकान बनाना चाहती हूँ।
तुम जो भी करो कर्तव्य की जरूरत है और धैर्य की भी, दूसरों की खातिर करनी चाहिए।
जब एक दिन का काम समाप्त होता है तो चकनाचूर क्वान श्वांग श्वांग बिस्तर में लेट कर भविष्य का विचार करती है। अच्छी तरह से मां-बाप की देखरेख करना, उन्हें खुश रखना क्वान श्वांग श्वांग का अंतिम लक्ष्य है।
मैं भविष्य की बात सोचने की हिम्मत नहीं करती, अब मेरा इरादा है कि जब तक मैं जीवित रहूंगी, मेहनत से काम करुंगी, अगर मैं नहीं रहती हूं तो उस समय के लिए अपने मां बाप के लिए मैं कुछ रखना चाहती हूं ताकि उन्हें बाद में परेशानी न झेलनी पड़े।
अपनी बेटी की मेहनत को देखकर क्वान श्वांग श्वांग की मा को खुशी और चिंता भी है
मुझे लगता है कि अब मेरी बेटी बहुत थकी है, मैं ऐसा नहीं चाहती हूँ कि वह इतना थके, मेरी आशा है कि वह स्वस्थ रहे और हर दिन खुशी से जीवन बिता सके।
शायद क्वान श्वांग श्वांग का जीवन दुखांत है, साथ ही क्वान श्वांग श्वांग का सौभाग्य भी है क्योंकि उसे इंटरनेट पर व्यापार करने का अवसर मिला है और विश्वास व खुशी भी मिली है। वास्तव में वह खुद अपने को पंखों पर रखती है, वे पारदर्शी पंख हैं। क्वान श्वांग श्वांग ने अपने गाने से अपना भाव प्रकट किए, हम जानते हैं कि उस के पास पारदर्शी पंख हैं।
आज का कार्यक्रम यहीं समाप्त होता है, फिर मिलेंगे, नमस्ते।