तिब्बत के जलवायु परिवर्तन की ताज़ा निगरानी रिपोर्ट के अनुसार बीते 50 वर्षों में तिब्बत का वार्षिक औसत तापमान लगभग 1.6 सेल्सीयस बढ़ा और वर्षा लगभग 33 मिलीमीटर ज्यादा हुई। विशेषज्ञों के अनुसार यह छिंगहाए-तिब्बत पठार के पारिस्थिकी पर्यावरण पर ज्यादा कुप्रभाव नहीं डालेगा।
पिछले कुछ वर्षों से ग्लोबल वार्मिंग एक गंभीर समस्या बन गयी है। जो स्पष्ट रूप से छिंगहाए-तिब्बत पठार पर अपना प्रभाव डालती है। तिब्बत मौसम ब्यूरो द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 1961 से 2012 तक तिब्बत में हर दस वर्षों में वार्षिक तापमान 0.32 सेल्सीयस तक बढ़ गया और वर्षा हर दस वर्षों में 6.6 मिलीमीटर तक ज्यादा हुई।
लैङचो विश्वविद्यालय के जलवायु विज्ञान अकादमी के प्रोफ़ेसर वांग छन हाए ने कहा कि हालांकि तिब्बत का तापमान, खास तौर पर न्यूनतम तापमान बढ़ने से यहां के पर्यावरण पर कुछ असर पड़ेगा, लेकिन वह पारिस्थिकी पर्यावरण की अखिल स्थिति पर ज्यादा कुप्रभाव नहीं डालेगा।
चंद्रिमा