भारतीय रिजर्व बैंक ने 3 मई को रेपो दर में 0.25 फीसदी की कमी की। रेपो रेट 7.5 प्रतिशत से घटकर 7.25 प्रतिशत तक हो गई है। जबकि जमा आरक्षित अनुपात 4 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रहा। यह निर्णय बाजार की उम्मीद से मेल खाता है।
भारतीय केंद्रीय बैंक द्वारा जारी मौद्रिक नीति की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस वर्ष जनवरी से अब तक तीसरी बार रेपो और रिवर्स रेपो दरो में कमी की गई है। वर्तमान स्थिति से यह साबित हुआ है कि ढीली मौद्रिक नीति ने सफलतापूर्वक निवेश की स्थिति बदल दी है, लेकिन भविष्य में मौद्रिक नीति के ज़रिये अर्थव्यवस्था को विनियमित करने का अंतर बहुत ही सीमित होगा। साथ ही रिपोर्ट के मुताबिक, हालांकि हाल के थोक मूल्य सूचकांक की वृद्धि दर धीमी हो गयी है,लेकिन चालू खाता घाटा होने का खतरा अभी भी बना हुआ है।
भारतीय केंद्रीय बैंक ने उसी दिन सरकार से निवेश को प्रोत्साहित करने के लिये कई कदम उठाने और आपूर्ति पर मौजूद प्रतिबंध को कम करने की अपील की। भारतीय केंद्रीय बैंक द्वारा पूर्वानुमान के मुताबिक, इस वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में 5.7 प्रतिशत का इज़ाफा होगा, जबकि मुद्रास्फीति की दर में 5.5 प्रतिशत वृद्धि होने की आशंका है।
अंजली