भारतीय स्थानीय मीडिया ने 4 जनवरी को रिपोर्ट दी कि भारतीय केंद्र सरकार व विभिन्न प्रदेशों की स्थानीय सरकारों ने रेप विरोधी कानून का सुधार करने और रेप अपराधियों को मौत की सज़ा देने पर सहमति प्राप्त नहीं की। पर वे महिलाओं की सुरक्षा के लिए कारगर कदम उठाए जाने पर एकमत है।
भारतीय कानून के अनुसार केवल कातिल को मौत की सज़ा दी जाती है, रेप अपराधियों को नहीं। पर भारत में रेप के विरोध में बने कानून ब्रिटिश हुकुमत के दौरान बनाए गए थे जो सौ वर्षों से ज्यादा पुराना है। इसलिये इस में सुधार होना चाहिये और रेप अपराधियों को भी मौत की सज़ा मिलनी चाहिए। 16 दिसंबर को हुई गैंगरेप दुर्घटना के बाद रेप विरोधी कानून में सुधार अत्यावश्यक हो गया है।
और कुछ खबरों के अनुसार गैंगरेप के पांच अपराधियों को मौत की सज़ा मिलने की संभावना है क्योंकि उन पर लड़की की हत्या का भी आरोप लगाया गया है। अगर निर्णय लिया गया, तो उन्हें शायद मौत की सज़ा दी जाएगी।(चंद्रिमा)





