Web  hindi.cri.cn
समानता , सहयोग और उभय जीत चीन व अमरीका के नये आकार वाले फौजी संबंध का केंद्र व सार है
2012-05-10 17:01:03

गत वर्ष चीनी राष्ट्राध्यक्ष हू चिन थाओ और चालू वर्ष में चीनी उप राष्ट्राध्यक्ष शी चिन फिंग की अमरीका की यात्रा पर गये थे , हाल ही में चीनी रक्षा मंत्री ल्यांग क्वांग लय इसी माह की चार से दस तारीख तक अमरीका की यात्रा पर गये हुए हैं । चीन व अमरीका के बीच इस ध्यानाकर्षक सामरिक शिखर सम्पर्क , वार्तालाप व आदान प्रदान में बहुत से मतैक्य व शानदार परिणाम प्राप्त किये गये हैं । कहा जा सकता है कि यह यात्रा दोनों देशों के फौजी इतिहास में एक प्रतीकात्मक घटना ही है , जिस में समान रुप से नये आकार वाले फौजी संबंध की स्थापना के बारे में दोनों देशों की आवश्यकताओं पर जो सहमति हुई है , उस का भारी महत्व है ।

मौजूदा यात्रा के दौरान ल्यांग क्वांग लय ने पानेटा के साथ चीन व अमरीका दोनों देशों व दोनों सेनाओं के संबंधों , अंतर्राष्ट्रीय व क्षेत्रीय परिस्थितियों जैसे मामलों पर चार सूत्रीय सहमति प्राप्त कर ली है , जिन में प्रथम सहमति यह है कि चीन व अमरीका की सेनाओं का संबंध दोनों देशों के संबंधों का महत्वपूर्ण संगठित भाग है , दोनों पक्ष आपसी सम्मान , पारस्परिक लाभ , उभय जीत और सहयोग वाले साझेदार संबंध के ढांचे में स्वस्थ , स्थिर और विश्वसनीय फौजी संबंध को बढावा देंगे । ल्यांग क्वांग लय ने जोर देकर कहा कि चीन व अमरीका के इसी नये आकार वाले फौरी संबंध को समान , सहयोगी और विजयी होना चाहिये , न कि किसी प्रमुख पक्ष के नियंत्रण व बहिष्कार पर आधारित हो , इस में चीन व अमरीका के नये आकार वाले फौजी संबंध का केंद्र व सार इंगित किया गया है । चीन व अमरीका दोनों देशों व दोनों सेनाओं के बीच के इतिहास से साबित कर दिखाया गया है कि यदि चीन व अमरीका एक दूसरे के केंद्रीय हितों व भारी चिन्ताओं का सम्मान कर सहयोग व उभय जीत को अंतिम लक्ष्य के रुप में कार्यवाही करेंगे , तो दोनों देशों का यह संबंध लगातार मजबूत हो जाय़ेगा । इस के विपरीत यदि कोई भी प्रमुख पक्ष प्रभुत्व का रवैया अपनाकर दूसरे पक्ष के शांतिपूर्ण विकास को दुनिया में अपने प्रमुख स्थान के लिये चुनौति व खतरा समझेगा , तो चीन अमरीका संबंध ठंडा ही नहीं , पीछे भी हटेगा।

इतिहास में परम्परागत महा शक्तियों के प्रतिद्वंद्व की विशेषता वाले अंतर्राष्ट्रीय संबंध के फारमूले से विश्व में डावांडोल , अमन चैन और आपदा पैदा हो गयी है और देशों व देशों के बीच के सामान्य संबंध मापदंड और न्यायिक व युक्तिसंगत अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था को नुकसान पहुंच गया है , साथ ही मानव जाति के सामाजिक विकास का इतिहास भी बाधित हो गया है ।

स्पष्ट है कि चीन व अमरीका के लिये यह जरूरी है कि वे नये आकार वाले फौजी संबंध की स्थापना के लिये एक दूसरे को प्रतिद्वंद्वी समझने के बजाये पारस्परिक लाभ व उभय जीत के सहयोगी साझेदार मान लें , आपसी समझदारी बढ़ाने की प्रक्रिया में कदम ब कदम सामरिक आपसी विश्वास की स्थापना करें , ताकि गलतफहमी , गलत फैसले और लापरवाह निर्णय से बचा जाये । चीनी रक्षा मंत्री की मौजूदा अमरीका यात्रा अत्यंत फलदायक रही है , साथ ही अमरीकी रक्षा मंत्री पानेटा ने चालू वर्ष के उत्तरार्द्ध में चीन की यात्रा करने की योजना बना ली है । चीन व अमरीका दोनों पक्ष इस बात पर राजी भी हैं कि चालू वर्ष में मानवीय राहत बचाव , विपत्ति घटाव और समुद्री डाकू विरोधी संयुक्त युद्ध अभ्यास करेंगे , जिस से एक बार फिर जाहिर हो गया है कि नये आकार वाला चीन अमरीका फौजी संबंध आम तौर पर लगातार प्रगाढ़ होता जा रहा है ।

फौजी संबंध चीन अमरीका संबंध का बैरोमीटर ही है । चीन व अमरीका दोनों देशों का फौजी संबंध दोनों देशों के संबंधों और प्रशांत एशियाई क्षेत्रीय शांति व स्थिरता से घनिष्ट रुप से जुड़ा ही नहीं , वह निश्चय ही विश्व की सुरक्षा के लिये अहम महत्व भी रखता है । विश्व में सब से बड़ा विकासमान देश व सब से बड़ा विकसित देश होने के नाते महत्वपूर्ण फौजी संबंध समेत चीन व अमरीका का संबंध मात्र दोनों देशों तक सीमित नहीं है , वह विश्व का भारी दायित्व निभायेगा ।

बेशक , चीन व अमरीका के नये आकार वाले फौजी संबंध की स्थापना के लिये बहुत ज्यादा मुश्किलें व बाधाएं दूर करना जरूरी है , पर कुंजीभूत सवाल यह है कि अमरीका परिस्थितियों को अच्छी तरह समझकर अपने वचन का पालन करें । यदि एक तरफ मौखिक तौर पर तीन संयुक्त विज्ञप्तियों को मान लेता है , पर असल में थाईवान को हथियार बेचने की भरसक कोशिश करता है , दूसरी तरफ खुले तौर पर चीन अमरीका फौजी संबंध के महत्व को मान्यता देता है , पर वास्तव में आदान प्रदान व आपसी यात्राओं के लिये बाधा डालता है , तो इस नये आकार वाले फौजी संबंध को जरूर ही नुकसान पहुंच जायेगा ।

ध्यान देने योग्य बात यह है कि नये आकार वाले चीन अमरीका संबंध व फौजी संबंध के विकास की मूल प्रेरक शक्ति व गारंटी दोनों देशों की जनता की है । विश्वास है कि चीन व अमरीका दोनों देशों की जनता के समर्थन व बढावे में नये आकार वाले चीन व अमरीका फौजी संबंध व दोनों देशों के संबंध का भविष्य अवश्य ही आशाप्रद होकर ही रहेगा ।

आप की राय लिखें
Radio
Play
सूचनापट्ट
मत सर्वेक्षण
© China Radio International.CRI. All Rights Reserved.
16A Shijingshan Road, Beijing, China. 100040