चीन का प्राचीन नगर शीनिंग विश्व की छत कहलाने वाले छिंगहाई-तिब्बत पठार के उत्तर-पूर्वी भाग में स्थित है।इस नगर का आसमान कितना नीला है,उस पर तैरते बादल कितने सफेद हैं,धूप कितना रोशनीदार है और `ह्वा-अर`नामक स्थानीय शैली वाला लोकगीत कितना मधुर है,उन सब की जितनी भी तारीफ की जाती है,उतनी भी कम है।
`ह्वा-अर`चीन के उत्तर-पश्चिमी भाग में प्रचलित एक प्रकार का लोकगीत है,जो मुख्य तौर पर प्रेम और विवाह को अपना विषय बनाते हैं।इस तरह के किसी एक गीत में ऐसा लिखा गया हैः
खिले हुए पुष्प लम्बी दूरी तक अपनी महक फैला रहे हैं,युवती के दिल में प्रेमी की याद लहरों की तरह बढ रही है---
चीनी पंचांग के अनुसार हर साल पांचवें और छठे माहों के दौरान छिंगहाई-तिब्बत पठार का दृश्य सब से सुन्दर दिखता है,तब यहां पेड़-पौधे हरे-भरे हैं,रंगंबिरंगे फूल खिले हुए हैं और लोग चाहें वे बुजुर्ग हो या बच्चे,पुरूष हो या स्त्री चमकीली पौशाकें पहनकर `ह्वा-अर`लोकगीत-मेले में भाग लेते हैं।मेले में लोग सवाल-जवाब के अंदाज में `ह्वा-अर` गाते हैं।कभी-कभी माहौल किसी होड़ जैसे गर्मजोशी से भरा दिखाई देता है।अगर आप को मौका मिलता,तो जरूर इस तरह का मेला देखने की कोशिश कीजिए।इस तरह के मेले में आप को शुद्ध `ह्वा-अर`सुनने का मजा आ सकता है।