कई चीनी लोगों के लिए डॉक्टर कोटनिस का नाम कोई नया नहीं है। उन्होंने जापानी आक्रमण विरोधी युद्ध के दौरान चीन आकर अपने युवक जीवन को चीनी जनता को फार्सिसी विरोधी संघर्ष के लिए न्यौछावर किया है। डॉक्टर कोटनिस की कहानी कई वर्षों से चीनी जनता को प्रेरित करती रहती है। तो भारतीय लोगों की नजर में डॉक्टर कोटनिस कैसे हैं? हाल ही में नयी दिल्ली स्थित हमारे संवाददाता ने कई भारतीय लोगों से इस संबंध में बातचीत की। बातचीत करते समय हमें महसूस हुआ कि भारत में भी डॉक्टर कोटनिस की कहानी प्रसिद्ध है।
भारतीय विद्वान श्री रवि ने कहा कि डॉक्टर कोटनिस की कहानी भारत में बहुत प्रचलित है। उन्होंने भारत व चीन दोनों देशों के मैत्रीपूर्ण संबंधों के लिए उल्लेखनीय योगदान दिया है। लेकिन खेद की बात है कि आज के भारतीय युवा डॉक्टर कोटनिस से परिचित नहीं हैं। इसलिए, हमें कोशिश कर डॉक्टर कोटनिस की भावना का प्रसार करना चाहिए। रवि ने कहा कि दुनिया की दो सबसे ज्यादा आबादी वाले देश होने के नाते, भारत व चीन को एक दूसरे से सीखना चाहिए और समान प्रगति करनी चाहिए। उनके विचार में अगर डॉक्टर कोटनिस की महान भावना का प्रसार हो तो वह भारत-चीन मैत्री को प्रगाढ़ करने में मददगार साबित होगी।
भारत के बंगलौर में विदेशी मीडिया के लिए काम करने वाले फारूक ने कहा कि भारतीय मीडिया चीन-भारत संबंधों पर ज्यादा ध्यान देती है।लेकिन दुख की बात है कि हमारे मीडिया में अकसर कुप्रभाव की कथनी होती है। इस स्थिति में डॉक्टर कोटनिस की भावना का प्रसार करना अत्यन्त महत्वपूर्ण होगा।
डॉक्टर कोटनिस तथा भारतीय चिकित्सा दल की भावना का प्रसार प्रचार करने के लिए चीन व भारत ने वर्ष 2008 में संयुक्त चिकित्सक दल का गठन करके कार्यवाही की। दोनों देशों ने एक दूसरे को कुछ श्रेष्ठ युवा चिकित्सकों को भेजकर गरीब क्षेत्रों में लोगों का मुफ्त उपचार किया। भारतीय डॉक्टर अनुराधा उनमें से एक सदस्य हैं। गत वर्ष उन्होंने चीन-भारत संयुक्त चिकित्सक दल के साथ चीन के हपेई प्रांत की थांग काऊंटी आदि स्थल जाकर मुफ्त उपचार किया। इस यात्रा की चर्चा करते समय उन्होंने कहा, हमने पेइचिंग, शी चा च्वांग एवं थांग काऊंटी जैसे स्थलों का दौरा किया और डॉक्टर कोटनिस के रहने वाले स्थल जाकर लोगों को देखा। चीन यात्रा ने हम पर गहरी छाप छोड़ी है।
चीनी लोगों की चिकित्सा सेवा देने की प्रक्रिया में सुश्री अनुराधा एवं चीनी चिकित्सकों व लोगों के बीच गहरी मैत्री स्थापित हुई है। उन्होंने कहा कि एक चिकित्सक होने के नाते, वे डॉक्टर कोटनिस के पीछे जाकर चीन-भारत मैत्री के लिए अपना योगदान प्रदान करना चाहती हैं।