ब्रिटेन सरकार द्वारा भारी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए जाने के बाद लंदन समेत कई शहरों में दंगे समाप्त होने लगे हैं। एक हज़ार से अधिक दंगाइयों को गिरफ्तार किया गया है। अदालत ने उनके खिलाफ़ सुनवाई शुरू की है।
सरकार और जनता सफाई करने के साथ-साथ आत्म समीक्षा भी कर रही है।
दस अगस्त की रात तक ब्रिटेन के बड़े शहरों में व्यापक दंगे नहीं हुए। मैनचेस्टर, लिवरपूल और बर्मिंघम आदि शहरों में दंगे समाप्त हो रहे हैं। कई नागरिक सफाई करने में सरकारी विभागों की मदद कर रहे हैं।
साथ ही मीडिया और विभिन्न सामाजिक जगत अलग-अलग दृष्टिकोण से दंगे होने की वजहों के बारे में आत्म समीक्षा करने लगे हैं। विश्लेषकों का मानना है कि शुरूआत में पुलिस ने दंगों को अच्छी तरह नहीं संभाला, इसलिए दंगे और फैल गए। इनके अलावा नेटवर्क और मोबाइल ने भी इसमें भूमिका निभाई।
अन्य विश्लेषकों का मानना है कि दंगे वर्तमान में बिगड़ रही आर्थिक स्थिति से संबंधित हैं। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने कहा कि दंगे में भाग लेने वाले युवाओं में शिक्षा व नैतिकता की कमी है। साथ ही उन्होंने यह भी माना कि ब्रिटिश समाज के कुछ पक्षों में समस्याएं हैं।
(दिनेश)















