तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की जन प्रतिनिधि सभा की स्थाई समिति के प्रमुख श्यांगबाभिंगत्सो ने 7 तारीख को कहा कि चीन सरकार तिब्बत में सामाजिक स्थिरता को लम्बे अरसे के लिए बनाए रखने में पूरी तरह से सक्षम है।
पेइचिंग में हो रहे राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा के वार्षिक सम्मेलन के दौरान तिब्बती प्रतिनिधि मंडल में खुला विचार-विमर्श हुआ।श्री श्यांगबाभिंगत्सो ने संवाददाताओं के प्रश्नोत्तर में कहा,
दलाई लामा को देश छोड़ बाहर गए करीब 60 वर्ष हो गए हैं।तिबब्त में स्थिति अधिकाधिक सुधरती चली गई है और स्थायित्व बना रहा है।अगर दलाई का निधन हो जाता है,तो उससे तिब्बत की समग्र स्थिति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।हम अवश्य ही तिब्बत में सामाजिक स्थिरता को दीर्धकाल के लिए बरकरार रख सकते हैं।
दवाई लामा के इस बयान कि वो स्वयं अपने उतराधिकारी चुनेंगे और जीवित बुद्ध के अवतार संबंधी प्रणाली को खत्म करेंगे, के बारे में तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के अध्यक्ष पाईमात्सीलिंग ने कहा कि तिब्बती बौद्ध धर्म का 1000 वर्षों से अधिक पुराना इतिहास है।जीवित बुद्ध का अवतार तिब्बती बौद्ध धर्म की परंपरा और ऐतिहासिक नियमों के अनुसार चुना जाना चाहिए।इसमें दलाई लामा का कहना कोई मायने नहीं रखता।
पाईमात्सीलिंग ने यह भी कहा कि विदेशों में दलाई लामा की गतिविधियों से तिब्बत का समाज प्रभावित हो सकता है,लेकिन प्रभाव ज्यादा नहीं है।तिब्बती जनता यों ही एकता,समृद्धि और सामंजस्य की ओर बढ रही है।