इधर के दिनों में रूस के इन्टरनेट पर जारी टिप्पणी में कहा गया है कि चीन के सैन्य खर्च में वृद्धि होना पूरी तरह से उस की राष्ट्रीय शक्ति की उन्नति के अनुरूप है।
इस टिप्पणी में कहा गया है कि इस साल चीन का सैन्य खर्च 6 खरब 11 अरब य्वान तक जा पहुंचेगा, जो पिछले साल से 12.7 प्रतिशत अधिक होगा। दुनिया के दूसरे बड़े आर्थिक समुदाय का सैन्य खर्च भी दुनिया का दूसरा बड़ा है। यह पूरी तरह अनुरूप है और उचित भी है।
ब्रिटेन के अखबार द टाईम्स की वेबसाईट पर जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि इस वृद्धि के बाद चीन का रक्षा बजट सिर्फ देश के कुल वित्तीय बजट का 6 प्रतिशत भाग रहेगा। यह अनुपात अन्य देशों के बजट से कम है।
अमरीकी अखबार न्यूयार्क टाईम्स में चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा के प्रवक्ता श्री ली च्यो शिंग के हवाले से कहा गया है कि चीन में बढने वाला रक्षा खर्च मुख्य तौर पर उपकरण के निर्माण को मजबूत करने व सैनिकों के जीवन के स्तर को उन्नत करने में खर्च किया जाएगा।