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बीजिंग में पांच वर्ष बिताए हैं, लेकिन जब भी वे दक्षिण चीन के युन्नान प्रांत में स्थित अपने घर के बारे में बात करते हैं तो वे गर्व के साथ मुस्कराते हुए बताते नहीं थकते । वांग जून की दिनचर्या कैसी है? चलिए, उनसे ही पूछते हैं।
"हमारा रेस्तरां (भोजनालय) सुबह 9:30 बजे खुलता है और ग्राहक 10 बजे के बाद अपना आर्डर दे सकते हैं। हमारे कर्मचारियों को सुबह 10:30 बजे नाश्ता दिया जाता है और दोपहर का भोजन 5 बजे। रात के भोजन का समय निश्चित नहीं है, कभी 9 बजे तो कभी-कभी आधी रात भी हो जाती है।"
यह थे, वांग जून, बीजिंग में स्काई इन लाइन नामक एक छोटे-से युन्नान रेस्तरां (भोजनालय) के मालिक। रेस्तरां(भोजनालय) के मालिक बनने से पहले वे अपने घर यानि युन्नान प्रांत की विशेषता वाले खाद्य उत्पादों का व्यापार करते थे। व्यापार इतना अच्छा नहीं चलता था इसलिए वांग अन्य बेहतर विकल्प की खोज करने लगे।
वांग को जब भी समय मिलता तो वे अपने मित्रों के लिए युन्नान का भोजन पकाते जो उन्हें भी अच्छा लगता था। वे सब उनके पकाए भोजन के दिवाने हो गए थे, इसलिए उन्होंने सोचा क्यों न अपना एक युन्नान रेस्तरां खोला जाए? एक साल बाद उन्होंने बीजिंग में स्काई इन लाइन नामक रेस्तरां(भोजनालय) का शुभारंभ किया। वे प्रतिदिन अपने दिन की शुरूआत नियमित रूप से स्वयं सुपरमार्केट(विक्रय-भंडार) जाकर भोजन में प्रयोग होने वाले ताज़े खाद्य पदार्थ और सामग्री खरीद कर लाने से करते हैं।
आज सुबह के 10 बजे हैं और वांग जून सुपरमार्केट(विक्रय-भंडार) में आए हैं।
"मैं यहाँ प्रतिदिन आता हूँ। भोजन की विशेष सामग्री जैसे कि ताज़ी सब्जियाँ यहाँ युन्नान से आती हैं।लेकिन, जैसे कि मछली जो जितनी ताज़ी हो भोजन उतना ही स्वाद बनता है इसलिए मैं प्रतिदिन बाज़ार जाकर उन्हें स्वयं खरीदता हूँ। स्वाद की गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए मैं केवल 3 से 5 तक मछलियाँ खरीदता हूँ क्योंकि मैं चाहता हूँ कि ये सारी मछलियाँ एक दिन में बिक जाएँ।"
सुबह के 11 बजे हैं, वांग खरीददारी करके अपने रेस्तरां(भोजनालय)में दोपहर के भोजन की तैयारी करने आएँ हैं। रेस्तरां(भोजनालय) बहुत छोटा है,करीब 30 वर्ग मीटर जिसमें 3 बैरे और 2 रसोइए काम करते हैं। यह बीजिंग के होहाए इलाके की एक गली में स्थित है जो कि कई बार्स और रेस्तरां(भोजनालय) के लिए प्रसिद्ध इलाका माना जाता है। मधुर लोक संगीत और आकर्षक सजावट के साथ-साथ युन्नान के परिदृश्य वाले चित्र देखकर वहाँ बैठकर भोजन करने वालों को लगता है कि वे वास्तव में युन्नान में हैं। दोपहर के भोजन में अभी समय बाकी है इसलिए नियमित कामों को निपटाने के बाद वांग ने हमें बताया कि उन्होंने अपने रेस्तरां(भोजनालय) का नाम 'स्काई इन लाइन' क्यों रखा।
'मेरे एक मित्र ने मेरे रेस्तरां(भोजनालय) का स्वप्न देखा। उस समय मैं रेस्तरां(भोजनालय) खोलने की तैयारियों में लगा हुआ था लेकिन तब तक मैं रेस्तरां(भोजनालय) के नाम को लेकर असमंजस में था। मेरे मित्र ने बताया कि स्वप्न में उसने मुझे एक छोटे कमरे में काम करते हुए व्यस्त देखा, कमरा इतना छोटा था कि एक लकीर की तरह दिख रहा था। और आप जानते हैं कि युन्नान के प्रमुख विशेष भोजन जिसको राइस नूडल्स कहते हैं भी लकीरों की तरह दिखते हैं। उसी समय सहसा मैंने निश्चय कर लिया कि रेस्तरां(भोजनालय) का नाम होगा 'स्काई इन लाइन' यानि लकीर में आसमान,जिस का अप्रत्यक्ष आशय है छोटी जगह पर बड़ा काम करना। ये सारा सजावट का सामान मेरी पहली यानी पुरानी दुकान का है, इनमें से कुछ भी अगर मेरे ग्राहकों को पसंद आ जाता है तो वे खरीद सकते हैं।'
सुबह के 11:30 बजे हैं और लोगों को स्वादिष्ट भोजन की खुशबू रेस्तरां(भोजनालय) में खींच रही है। वांग व्यस्त हो गए हैं और बार–बार रसोई और खाने की टेबल के बीच आ-जा रहे हैं ताकि ग्राहकों को भोजन परोस सकें। हालांकि रेस्तरां(भोजनालय) वातानुकूलित है फिर भी उनके चहरे से पसीना टपक रहा था।
समय कैसे बीत गया पता ही नहीं चला, अब दोपहर के 2 बजे हैं। रेस्तरां(भोजनालय) में फिर से शांति छा रही है। कर्मचारी टेबलों को साफ कर रहे हैं और वांग अपने कंम्प्यूटर पर काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि हर रोज़ दोपहर के समय वे इंटरनेट पर अपने रेस्तरां(भोजनालय) के बारे में विज्ञापन देते हैं। वे चीनी रेस्तरां(भोजनालय) की वेबसाइट www.dianping.com पर जहाँ लोग विभिन्न रेस्तरां(भोजनालय) के विषय में संदेश देते हैं पर अपने विज्ञापन देते हैं।
ऐसा करके मैं देखता हूँ कि किसी ग्राहक ने कोई संदेश भेजा है या मैं कोई जानकारी दे सकता हूँ। अब मेरा काम बेहतर से बेहतर होता जा रहा है इसलिए मैं विस्तार योजना बना रहा हूँ। अगर मेरे पास समय होता है तो मैं साज-सज्जा का सामान जिसमें युन्नान के अभ्यावेदन हो खरीदने चला जाता हूँ।' वांग कहते हैं कि यहां बिजिंग में उनके कई मित्र हैं जो युन्नान से हैं। उनमें से अधिकतर युन्नान की विशेषता वाले खाद्य उत्पादों का व्यापार करते हैं। वे कभी-कभी मिलते हैं और एक-दूसरे से परिवार के सदस्यों जैसा व्यवहार करते हैं।
अपने प्रांत से प्रेम उनके वार्तालाप का स्थायी विषय है। वांग की तरह, वे भी किसी छोटी दुकान या बार के मालिक हैं परन्तु वे अधिक पैसे नहीं कमाते। फिर भी उनका मानना है कि यदि वे लोगों को खुशी और आनन्द दे सकते हैं तो उनका जीवन सफल है।
संध्या का समय है, वांग जून अपने रेस्तरां(भोजनालय) में जाकर फिर से काम में व्यस्त हो गए।
अब 8 बजे हैं, वांग जून अपने ग्राहकों का ध्यान रखने में व्यस्त हैं क्योंकि वे चाहते हैं कि लोग जब उनके रेस्तरां(भोजनालय) से जाएँ तो उनके पेट भरे हो और चेहरे पर मुस्कान हो। हालांकि वांग थोड़ा थक गए हैं, लेकिन वे कहते हैं कि उनकी व्यस्त दिनचर्या उन्हें खुश रखती है।
अब रात के 10 बजे हैं और एक और व्यस्त दिन खत्म हो गया। वांग रेस्तरां(भोजनालय) का दरवाज़ा बंद करके अपने घर की ओर चल दिए। वे अपने रेस्तरां(भोजनालय)के पास किराए के एक छोटे से मकान में रहते हैं।
वांग कहते हैं कि अब वे अपने जीवन से खुश हैं। अपने ग्राहकों के चेहरे पर खिली मुस्कान को देखकर उन्हें सुकून मिलता है कि उनके रेस्तरां(भोजनालय) का भोजन अच्छी गुणवत्ता की कसौटी पर खरा उतरा।
जैसा कि अपने रेस्तरां(भोजनालय) का नाम 'स्काई इन लाइन' है,वांग उम्मीद करते हैं कि इस `लाइन` के जरिए अपने प्रांत की खूबसूरती को वे अपने ग्राहकों से मिलाने में कामयाब रहेंगे।
हेमा कृपलानी