प्राचीन काल से तिब्बती जन संख्या का अधिकांश भाग कृषि पर आश्रित रहा है । पर पुराने तिब्बत में उत्पादन सामग्री चंद कुछ भूदास मालिकों के पास थी , ऐसी स्थिति में तिब्बती कृषि व पशुपालन का विकास बड़ा बाधित हुआ । नये चीन की स्थापना , जनवादी सुधार और उत्पादन सामग्री की मुक्ति से उत्पादन शक्ति मुक्त हुई और लाखों करोड़ों किसानों व चरवाहों का भाग्य भी बदल गया ।
तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के कृषि व पशुपालन अधिकारी त्सेरिंग पिंत्सो ने परिचय देते कहा कि पिछले दसियों सालों में तिब्बती कृषि व पशुपालन वैज्ञानिक तकनीक के सहारे आदिम तौर तरीके से आधुनिक उत्पादन के फारमूले में बदल गया है ।