2009-01-22 14:41:25

रंगबिरंगे पेइचिंग आपेरा

पहला अक्तुबर को चीन का राष्ट्रीय दिवस है। इस के उपलक्ष्य में हर साल पेइचिंग में विविध रूपों के सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत होते हैं। विशेष कर इस साल राष्ट्रीय दिवस के दौरान पेइचिंग में अनेक किस्मों के ओपेरा कार्यक्रमों ने पेइचिंग के त्यौहार को रंगारंग बनाया ।

राष्ट्रीय दिवस की पूर्ववेला में त्यौहार के आगमन के स्वागत में राजधानी पेइचिंग में इतिहास में सब से बड़े पैमाने वाला पेइचिंग युवा ओपेरा दिवस आयोजित किया गया। दिवस के दौरान विभिन्न किस्मों के आकर्षक और मनमोहक ओपेरा पेइचिंग के विभिन्न थिएटरों में धूमधाम के साथ प्रस्तुत किये गये हैं ।

आप सुन रहे हैं 2008 पेइचिंग युवा ओपेरा दिवस में प्रस्तुत पश्चिम की तीर्थ यात्रा नामक नाटक का एक अंश । यह नाटक चीन के सुप्रसिद्ध प्राचीन उपन्यास पश्चिम की तीर्थ यात्रा के मुख्य पात्र वानर राजा सुन वु खोंग के पुराने कथानक बदल कर उसे नया कथानक प्रदान कर बनाया गया है , जिस में आधुनिक काल के चीनी बच्चों के स्कूली जीवन की कहानी बतायी गयी और चीनी दर्शकों को अपने बचपन के जीवन की याद दिलायी जाती है, यह नाटक 30 साल से अधिक आयु वाले चीनियों के लिए बहुत सुपरिचित और मनमोहक है। मंच पर यह नाटक परंपरागत ओपेरा की विशेषता व मांग छोड़कर एक विशेष शैली में प्रदर्शित हुआ है, इस से प्रेरित हो कर दर्शक बहुत आनंदप्रद व उत्साहित हो उठते हैं, खुशी के साथ साथ वे इन सामाजिक सवालों पर विचार करने के लिए भी मजबूर किए जाते हैं।

2008 पेइचिंग युवा ओपेरा दिवस युवा लोगों का दिवस है, जो व्यक्तिगत भावना से परिपूर्ण हुआ है और चीनी ओपेरा जगत के बहुत से प्रसिद्ध कलाकार व स्टार इस से खास आकर्षित हुए हैं। पेइचिंग ओपेरा कलाकार संघ के महासचिव यांग छ्यान वू ने परिचय देते हुए कहाः

इस साल आयोजित 2008 पेइचिंग युवा ओपेरा दिवस का कोई विशेष विषय नहीं रखा गया है, सभी कार्यक्रम मूल रचनाएं हैं, वे अपने दिल का उद्गार है और समाज व यथार्थ को विशेष ध्यान देते है और शैली खुली और पाबंदी रहित है । हम ने कोई मांग नहीं पेश की है। हम युवा कलाकारों को खुल कर अपनी कला प्रतिभा और अपना सोच चिंतन बताने देते हैं ।

पेइचिंग युवा ओपेरा दिवस में भाग लेने वाले तेरह निर्देशकों की औसत आयु तीस वर्ष की है, जिन में से पचास प्रतिशत लोगों ने कालेज में नाटक ओपेरा का विषय नहीं सीखा था, वे पेशेवर निर्देशक नहीं थे , लेकिन अब वे नाटक ओपेरा क्षेत्र में नौसिखिया भी नहीं हैं है, उन्होंने ओपेरा क्षेत्र में दसेक सालों तक अध्ययन और खोज भी किया है।

पेइचिंग वासी निर्देशक सुन श्याओ हांग ने पेइचिंग में रहने वाले विभिन्न वर्गों के लोगों का वास्तविक जीवन अभिव्यक्त करने के लिए 12 लोगों का संघर्ष नामक ओपेरा लिखा , इस का कथानक पेइचिंग में काम करने आए किसान, ललित कला कालेज में मॉडलिंग का काम करने वाली विश्वविद्यालय छात्रा, कंपनी के कर्मचारी आदि 12 व्यक्तियों के असली जीवन से ले लिया गया। ओपेरा के पात्र भी छात्र, कर्मचारी आदि शौकिया अभिनेता अभिनेत्री निभाते हैं। सुन श्याओ हांग ने कहा कि वे चाहते हैं कि थिएटर में उपस्थित दर्शकों को वास्तविक जीवन से प्रभावित किया जा सकता है। (रूपा)