लोगों के लिए गीत गाने वाले तिब्बती गायिका चोंगयोंगच्वमा

2023-03-03 13:34:24

 

"मातृभूमि के लिए गायन, लोगों के लिए गायन, और समय के लिए गायन" चीन की राष्ट्रीय प्रथम श्रेणी की अभिनेत्री, प्रसिद्ध सोप्रानो गायिका चोंगयोंगच्वमा का जीवन खोज और प्रयासों की कहानी है। एक तिब्बती गायिका जो एक सुदूर पहाड़ी गाँव से आई थी, चाहे वह कहीं भी हो, वह अपने गृहनगर को कभी नहीं भूलती।

  चोंगयोंगच्वमा का जन्म युन्नान प्रांत में डिछिंग काउंटी के यांगला गाँव में हुआ था। वह बचपन से ही तिब्बती लोक गीतों के साथ रही है। उनकी चेतना में मजबूत जातीय अल्पसंख्यक संस्कृति व्याप्त है, वह धीरे-धीरे पूरे देश में एक प्रसिद्ध अल्पसंख्यक साहित्यकार और कला कार्यकर्ता बन गई है। युन्नान की राष्ट्रीय संगीत संस्कृति के प्रति अपने प्रेम को व्यक्त करते हुए, "द डॉटर ऑफ़ मीली स्नो माउंटेन" और " गृहनगर का हाडा" जैसी उनकी उत्कृष्ट कृतियाँ सभी के लिए प्रसिद्ध हैं। उन्होंने अपने गृहनगर में जातीय अल्पसंख्यक संस्कृतियों को विरासत में लेने और उनकी रक्षा करने, जातीय संस्कृतियों का आकर्षण दिखाने की प्रक्रिया देखी है, और युन्नान जातीय क्षेत्रों में गरीबी उन्मूलन और अच्छी तरह से खुशहाल समाज के निर्माण के लिए ऐतिहासिक बदलाव को देखा है।

   चोंगयोंगच्वमा ने अकसर कहा कि मेरे गृहनगर ने मुझे पाला, और मैं अपने गृहनगर का ऋण चुकाना चाहती हूं। उन्होंने स्थानीय विशिष्ट उद्योगों के विकास में राष्ट्रीय संस्कृति की स्थिति और श्रेष्ठताओं को गहराई से महसूस किया। वो कहती हैं कि मैं यूनान की कीमती सांस्कृतिक संसाधनों का अच्छा उपयोग करने, सांस्कृतिक विकास की अंतर्जातीय शक्ति को प्रोत्साहित करने, ग्रामीण विशिष्ट उद्योगों को विकसित करने और ग्रामीण पुनरोद्धार में मदद करने की आशा करती हूं।

 सीपीपीसीसी की राष्ट्रीय समिति की सदस्य के रूप में चोंगयोंगच्वमा से हम साहित्य और कला कार्यकर्ताओं के लिए सम्मान को देख सकते हैं। इस वर्ष एनपीसी और सीपीपीसीसी के वार्षिक सम्मेलन के दौरान चोंगयोंगच्वमा "ग्रामीण सांस्कृतिक निर्माण को मजबूत करने और ग्रामीण पुनरोद्धार को बढ़ावा देने पर सुझाव" प्रस्तुत करेंगी। वह प्रस्ताव के माध्यम से ग्रामीण संस्कृति की रक्षा और विकास करने, सीमावर्ती क्षेत्रों को सांस्कृतिक संसाधनों को एकीकृत करने में मदद देने की उम्मीद करती हैं ताकि सांस्कृतिक और पर्यटन उद्योग को प्रोत्साहन मिले और ग्रामीण पुनरोद्धार में योगदान दिया जा सके।

(वनिता)

 

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