जापान के फुकुशिमा में परमाणु-दूषित जल के निपटान को लेकर चिंतित है अंतरराष्ट्रीय समुदाय:चीन

2022-12-14 19:18:30

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वनपिन ने 14 दिसंबर को कहा कि चीन ने पैसिफिक आइलैंड्स फोरम के संबंधित बयान पर ध्यान दिया है, जो एक बार फिर दर्शाता है कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को जापान के फुकुशिमा परमाणु-दूषित जल के निपटान के बारे में गंभीर चिंता है।

8 दिसंबर को पैसिफिक आइलैंड्स फोरम के प्रतिनिधियों ने संयुक्त राष्ट्र समुद्र कानूनी संधि के पारित होने की 40वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में संयुक्त राष्ट्र के सम्मेलन में भाषण दिया, जिसमें कहा गया है कि भविष्य में प्रशांत महासागर पर परमाणु प्रदूषण के सीमा पार प्रभाव से बचा जाना चाहिए। परमाणु प्रदूषण के मुद्दे पर अंतर्राष्ट्रीय परामर्श, अंतर्राष्ट्रीय कानून और स्वतंत्र व सत्यापन योग्य वैज्ञानिक मूल्यांकन सुनिश्चित करने का महत्व दोहराया गया। पैसिफिक आइलैंड्स फोरम के परमाणु दूषित जल विशेषज्ञ समूह ने सुझाव दिया कि जापान समुद्र में परमाणु दूषित जल के निर्वहन को स्थगित कर दे, और जापान को समुद्र में निर्वहन के अलावा अन्य विकल्पों पर विचार करने के लिए प्रोत्साहित किया।

इस बारे में वांग वनपिन ने कहा कि परमाणु प्रदूषित जल का निर्वहन वैश्विक समुद्री पर्यावरण और संबंधित देशों के सार्वजनिक स्वास्थ्य से संबंधित है, और यह जापानी पक्ष का निजी मामला नहीं है। अफसोस की बात है कि एक साल से अधिक समय से जापान सरकार ने परमाणु-दूषित जल की समुद्री निर्वहन योजना की वैधता, डेटा की विश्वसनीयता, शुद्धिकरण उपकरणों की प्रभावशीलता और पर्यावरणीय प्रभाव की अनिश्चितता जैसे प्रमुख मुद्दों पर पर्याप्त और विश्वसनीय स्पष्टीकरण नहीं दिया, और साथ ही पड़ोसी देशों सहित हितधारकों के साथ पर्याप्त और सार्थक परामर्श भी नहीं किया।

वांग वनपिन ने कहा कि चीन ने एक बार फिर जापान से आग्रह किया कि वह सभी पक्षों की वैध और उचित चिंताओं पर ध्यान दे, समुद्री निर्वहन योजना को मजबूर करना बंद करे,पड़ोसी देशों और प्रशांत द्वीप देशों सहित हितधारकों के साथ पूरी तरह से परामर्श करे और उचित समाधान की तलाश करे और साथ ही अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के सख्त पर्यवेक्षण को स्वीकार करे। वही इससे पहले, जापान को प्राधिकरण के बिना परमाणु दूषित जल को समुद्र में नहीं छोड़ना चाहिए।

(मीनू)

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