चीन और अरब देशों में दीर्घकालिक सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व क्यों है ?

2022-12-08 18:40:22

सऊदी अरब के राजा सलमान बिन अब्दुल अज़ीज़ अल सऊद के निमंत्रण पर, चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग पहले चीन-अरब देशों के शिखर सम्मेलन, चीन-खाड़ी सहयोग परिषद शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे और 7 से 10 दिसंबर तक सऊदी अरब की राजकीय यात्रा करेंगे।चीन की स्थापना के बाद से चीन और अरब देशों ने सब से बड़ी और उच्चतम स्तर की कूटनीतिक कार्रवाई की है । तो चीन और अरब देशों में दीर्घकालिक सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व क्यों है ? यह मध्य पूर्व के प्रश्न पर चीन के रुख से निकटता से संबंधित है ।

साल 2016 में, शी चिनफिंग ने मध्य पूर्व के प्रश्न पर सुझाव दिया कि मतभेदों को हल करने की कुंजी संवाद को बढ़ावा देना है । रास्ता चुनने में सब से महत्वपूर्ण बात ये है कि राष्ट्रीय स्थिति के अनुकूल होना चाहिए । यही बात वास्तव में इस क्षेत्र के देशों के दिल की आवाज भी है ।

निंग शा विश्वविद्यालय के चीन-अरब अनुसंधान संस्थान के निदेशक ली शोश्येन के विचार में चीन सभी अरब देशों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध बनाए रखने का लाभ उठाकर अरब दुनिया के आंतरिक सामंजस्य को बढ़ा सकता है ।

ली शोश्ये अकसर अरब देशों का दौरा करते हैं ।उन्होंने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में सकारात्मक रूप से चीन का मूल्यांकन करने में अरब देश हमेशा पहले स्थान पर रहते हैं ।अधिकांश अरब देश चीन को एक सकारात्मक और रचनात्मक शक्ति के रूप में देखते हैं ।इस के अलावा, चीन के बारे में उन की समझ काफी गहरी है। दुनिया के बड़े देशों में सिर्फ चीन का ही किसी अरब देश से टकराव नहीं हुआ है।

दूसरी ओर, अरब देश हमेशा चीन की संप्रभुता और मूल हितों से जुड़े मुद्दों पर चीन काम मजबूती से समर्थन करते हैं ।(वेइतुंग)

रेडियो प्रोग्राम