विकलांगों की बुनियादी आजीविका सुनिश्चित करने के लिये चीन ने सिलसिलेवार कदम उठाये

2022-12-01 18:37:29

वर्ष 1992 के 12 से 13 अक्तूबर तक 47वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा में संयुक्त राष्ट्र की स्थापना के बाद पहली बार विकलांगों से जुड़े मामलों पर एक विशेष सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसमें एक प्रस्ताव पारित किया गया, और हर वर्ष के 3 दिसंबर को “अंतर्राष्ट्रीय विकलांग दिवस” की स्थापना की गयी। इस दिवस की स्थापना का लक्ष्य  अक्षमता के मुद्दे पर आम लोगों की समझ को बढ़ावा देना और विकलांग व्यक्तियों की गरिमा, अधिकारों और कल्याण का समर्थन व रक्षा करने को प्रोत्साहन देना है।

गौरतलब है कि पूरी दुनिया में कुल 65 करोड़ विकलांग लोग मौजूद हैं, जो विश्व की कुल जनसंख्या के 10 प्रतिशत हैं। उनमें 80 प्रतिशत विकलांग लोग विकासशील देशों में रहते हैं। कई वर्षों में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की समान कोशिश से दुनिया भर में विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों की रक्षा करने और बाधा मुक्त समाज के निर्माण में कुछ प्रगति हासिल हुई है। लेकिन अनुचित पर्यावरण, सामाजिक और कानूनी बाधाएं अभी भी मौजूद हैं, इसलिये रोजगार, शिक्षा और चिकित्सा देखभाल में विकलांग व्यक्तियों के अधिकार अभी भी अलग-अलग डिग्री तक सीमित हैं।

बताया जाता है कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की 20वीं राष्ट्रीय कांग्रेस में जारी रिपोर्ट में “लोगों की आजीविका और कल्याण में सुधार करें, लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करें” पर बल दिया गया। इसमें स्पष्ट रूप से यह आग्रह किया गया है कि विकलांगों के लिए सामाजिक सुरक्षा प्रणाली और देखभाल सेवा प्रणाली में सुधार करें, और विकलांगों से जुड़े कार्यों के सर्वांगीण विकास को बढ़ावा दें। इस वर्ष चीन में विकलांगों के रोजगार का प्रचार-प्रसार वर्ष है। रोजगार पर ध्यान देना लोगों की सबसे बड़ी प्राथमिकता है और स्थिर रोजगार की प्राप्ति विकलांगों की तत्काल इच्छा है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिये चीन के विभिन्न क्षेत्रों ने विकलांगों के लिए रोजगार मंच स्थापित करने, रोजगार और उद्यमिता ऊष्मायन आधार स्थापित करने, रोजगार अभ्यास आधार और कृषि में विकलांगों के लिए सहायक रोजगार कार्य केंद्र स्थापित करने, और विकलांगों के लिये व्यावसायिक कौशल प्रतियोगिता का आयोजन करने जैसे सिलसिलेवार कदम उठाये हैं।

चंद्रिमा

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