“प्लास्टिक को बांस में बदलने”की पहल "टू-कार्बन" लक्ष्य पाने में मदद देगी

2022-11-04 17:07:15

दूसरी विश्व बांस व रतन महासभा यानी अंतर्राष्ट्रीय बांस और रतन संगठन की स्थापना की 25वीं वर्षगांठ की उत्सव सभा 7 से 8 नवंबर तक पेइचिंग में आयोजित होगी।

इस बार महासभा की थीम है“बांस और रतन:प्रकृति आधारित अनवरत विकास का समाधान प्रस्ताव”। जिस का लक्ष्य बांस व रतन व्यवसाय के स्वस्थ विकास को बढ़ावा देना,“टू-कार्बन”लक्ष्य पाने में मदद देना, बांस व रतन व्यवसाय के विकास के नये मौके खोजना, और बांस व रतन से जुड़ी वार्ता के लिये नया मंच तैयार करना है। 7 नवंबर के दोपहर के बाद महासभा का उद्घाटन समारोह आयोजित होगा। चीन सरकार और अंतर्राष्ट्रीय बांस और रतन संगठन इस मौके पर एक साथ “प्लास्टिक को बांस में बदलने”की पहल जारी करेंगे।

बांस और रतन प्रकृति द्वारा मानव को दी गयी एक मूल्यवान संपत्ति है, जो मानव के उत्पादन व जीवन से घनिष्ठ रूप से जुड़े हुए हैं। वर्तमान में मानव व प्रकृति के बीच सामंजस्यपूर्ण सहअस्तित्व का आह्वान करने और मानव साझा भाग्य वाले समुदाय का निर्माण करने की पृष्ठभूमि में बांस और रतन धीरे-धीरे अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में अनवरत हरित विकास की समान इच्छा जोड़ने का एक बंधन बन गया है, और वह दक्षिण-दक्षिण सहयोग को बढ़ावा देने, बेल्ट एंड रोड पहल को लागू करने, और संयुक्त राष्ट्र संघ के वर्ष 2030 अनवरत विकास लक्ष्य को साकार करने का एक महत्वपूर्ण संसाधन भी है।

गौरतलब है कि चीन विश्व में सबसे समृद्ध बांस संसाधनों वाला देश है, बांस की खेती का लंबा इतिहास है, और चीन में बांस से जुड़ी संस्कृति दुनिया में सबसे गहन है। चीन को बांस के राज्य के रूप में जाना जाता है। वर्ष 1997 के नवंबर में अंतर्राष्ट्रीय बांस और रतन संगठन की स्थापना की गयी, जिसका मुख्यालय चीन में स्थित है। 25 वर्षों के दौरान इस संगठन के सदस्यों की संख्या 9 से 49 तक पहुंच गयी। इस संगठन की मेहनत से विश्व बांस व रतन कार्य का बड़ा विकास हुआ है।

चंद्रिमा

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