शनचन प्रतिभा दिवस:प्रतिभाओं का सम्मान देश के विकास के लिए जरूरी

2022-10-31 17:14:12

आप सब जानते हैं कि प्रतिभाएं समाज,शहर और देश के विकास की अमूल्य पूंजी होती हैं, प्रतिभाओं का सम्मान और संरक्षण बहुत जरूरी है। दुनिया में वही देश और समाज अग्रणी रहा है जहां प्रतिभाओं को महत्व दिया गया। अगर किसी राष्ट्र को सफल होना है तो प्रतिभाओं का सम्मान करना होगा।

लेकिन इन प्रतिभाओं यानी कि सुयोग्य व्यक्तियों में से कुछ लोगों को अपने ही देश या शहर में कोई सन्तोषजनक काम नहीं मिल पाता या किसी न किसी कारण से वे अपने वातावरण से तालमेल नहीं बिठा पाते। जैसे कि कम वेतन, खराब कामकाजी माहौल और ज़्यादा इज्जत न मिलना आदि। ऐसी परिस्थितियों में ये लोग बेहतर काम और जीवन की खोज के लिए अथवा अधिक भौतिक सुविधाओं के लिए दूसरे देशों या शहरों में चले जाते हैं। इसके साथ ही कुछ देशों या शहरों में अच्छी शिक्षा व्यवस्था न होने जैसे कारणों से भी प्रतिभा प्रशिक्षण में बाधा उत्पन्न होती है। जिससे इन देशों व शहरों के विकास में प्रतिभाओं की कमी की समस्या का सामना करना पड़ता है।

इसलिए, प्रतिभाओं को कैसे विकसित किया जाए और उन्हें कैसे महत्व दिया जाए, ताकि वे देश और शहर के विकास के लिये अहम भूमिका निभा सकें। यह एक समस्या है जिस पर सभी देश और शहर अध्ययन कर रहे हैं और इस पर ध्यान दे रहे हैं। वहीं बात करें चीन में प्रतिभाओं की तो चीन सरकार हमेशा प्रतिभाओं के प्रशिक्षण,इनके लिये सुविधाएं मुहैया करने और इनके सम्मान को बहुत महत्व देती रही है।

विशेष रूप से वर्ष 2012 में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की 18वीं राष्ट्रीय कांग्रेस के बाद से, चीन सरकार ने उच्च स्तरीय प्रतिभाओं के लिए राष्ट्रीय विशेष सहायता योजना शुरू की है, जो देश के स्वस्थ और सतत विकास के लिए मौलिक दिशानिर्देश प्रदान करती है। आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2012 से 2021 तक, इस योजना से देश में 6 हज़ार से अधिक सबसे उच्च-स्तरीय प्रतिभाओं का चयन और समर्थन किया गया है। साथ ही वर्ष 2021 के अंत तक, चीन में कुशल प्रतिभाओं की कुल संख्या 20 करोड़ से अधिक पहुंची, और उच्च कुशल प्रतिभाओं की संख्या 6 करोड़ से अधिक हो गई है। जिससे ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में चीन की रैंकिंग 2012 में 34वें से बढ़कर 2021 में 12वें स्थान तक पहुंची। साथ ही, देश के आर्थिक विकास में प्रतिभाओं की योगदान दर 2010 में 26.6 प्रतिशत से बढ़कर 2020 में 35 प्रतिशत तक पहुंची है।

दक्षिण चीन के शनचन शहर में स्थानीय सरकार ने वर्ष 2017 में से हर वर्ष पहली नवंबर को विशेष रूप से प्रतिभा दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। जिसका उद्देश्य वैश्विक प्रतिभाओं को आकर्षित करने के साथ-साथ प्रतिभाओं के प्रशिक्षण को मजबूत करना और इनका महत्व समझना है। वास्तव में इधर के वर्षों में यह दिवस न केवल शनचन शहर में, बल्कि पूरे देश में मनाया जाने लगा है। साथ ही देश के तमाम शहरों या प्रांतों में प्रतिभाओं के प्रति सम्मान और उन्हें पुरस्कृत करने की व्यवस्था भी स्थापित की गई है।   

प्रतिभाएं देश के विकास के लिये“पहला संसाधन”होती हैं। वर्ष 2020 में आयोजित वैज्ञानिकों की संगोष्ठी में चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने अपने भाषण में यह बात कही। हाल में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की 20वीं राष्ट्रीय कांग्रेस राजधानी पेइचिंग में आयोजित हुई। इस दौरान शी चिनफिंग ने रिपोर्ट प्रस्तुत करते समय एक बार फिर इसके बारे में जोर दिया। उन्होंने बल देते हुए कहा कि चीन प्रतिभाओं से शक्तिशाली देश बनने की रणनीति लागू करेगा। उन्होंने कहा कि श्रम का सम्मान, ज्ञान का सम्मान, प्रतिभाओं का सम्मान, और सृजन का सम्मान करने पर कायम रहेगा, दुनिया के महत्वपूर्ण प्रतिभा केंद्रों और नवाचार केंद्रों के निर्माण में तेजी लाएगा। साथ ही प्रतिभाओं के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में तुलनात्मक लाभ हासिल करने पर ध्यान केंद्रित करेगा, और सभी क्षेत्रों से उत्कृष्ट प्रतिभाओं को सीपीसी और लोगों के कार्यों से जोड़ेगा।

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