समग्र-प्रक्रिया लोकतंत्र चीनी संस्कृति और चीनी बुद्धिमता पर आधारित है

2022-10-20 10:38:35

 

चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की 20वीं राष्ट्रीय कांग्रेस पेइचिंग में जारी है। सीपीसी के सर्वोच्च नेता शी चिनफिंग ने कांग्रेस को प्रस्तुत कार्य रिपोर्ट में समग्र-प्रक्रिया लोकतंत्र पर बल दिया । इतिहास में यह पहली बार है कि पार्टी की राष्ट्रीय कांग्रेस की कार्य रिपोर्टों में इस विचार का उल्लेख किया गया  ,जो कि  ध्यान देने के योग्य है ।

 

तो समग्र-प्रक्रिया लोकतंत्र का क्या मतलब है ।संक्षेप में कहा जाए तो चीनी राजनीतिक संचालन की हरेक कड़ी में जनता को कानून के मुताबिक अपना अधिकार होता है ,चाहे लोकतांत्रिक चुनाव ,लोकतांत्रिक सलाह मशविरे ,लोकतांत्रिक फैसला ,लोकतांत्रिक प्रबंधन हो या लोकतांत्रिक निगरानी हो । चीन में जन प्रतिनिधि का चुनाव होने के बाद आम लोग बुनियादी स्तर पर स्थित जन प्रतिनिधि संपर्क केंद्र से अपनी राय व सुझाव पेश कर सकते हैं ।

विभिन्न पार्टियों के बीच जद्दोजहद और उठापटक से समाज विभाजित हो जाता है ।चीनी लोग ऐसा लोकतांत्रिक तरीका पसंद नहीं करते ।प्राचीन समय से चीन में ऐसा अवधारणा रही है कि देश का शासन करने में न्याय पर कायम रहना है और जनता से केंद्रित भी।यह चीन की सांस्कृतिक परंपरा है ।सीपीसी के नेतृत्व में अब चीन में चीनी विशेषता वाली सलाह मशविरे पर आधारित लोकतंत्र व्यवस्था स्थापित की जा चुकी है ।चीन में विभिन्न स्तरों पर सलाह मशविरे का तंत्र होता है ।उदाहरण के लिए सीपीसी केंद्रीय कमेटी को वार्षिक अधिवेशन में महत्वपूर्ण फैसले लेने से पहले 8 लोकतांत्रिक दलों औऱ अखिल चीन उद्योग व वाणिज्य संघ के साथ सलाह मशविरा करना होता है ।

 

चीनी लोगों की नजर में लोकतंत्र न सिर्फ चुनाव से जाहिर है ,बल्कि देश व समाज के प्रबंधन में जनता की भागीदारी से भी जाहिर है ।लोकतंत्र समग्र मानवता का समान मूल्य है और सीपीसी से प्रवर्तित समाजवाद का केंद्रीय मूल्य भी है ।एक देश में किस तरह का लोकतंत्र लागू होता है ,उस देश की जनता को फैसला करने देना चाहिए ।(वेइतुंग)  

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