सीपीसी की 20वीं राष्ट्रीय कांग्रेस देश के लिए एक रोडमैप पेश करेगी : भारतीय एडवोकेट

2022-10-14 18:05:47

"चीन इस समय जटिल जोखिमों और चुनौतियों का सामना कर रहा है, और इस बीच, चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) की 20वीं राष्ट्रीय कांग्रेस के पास अगले पांच वर्षों और उससे आगे के लिए पार्टी का रोडमैप पेश करने का महत्वपूर्ण कार्य होगा," भारत के सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता आर.के. शर्मा ने चाइना मीडिया ग्रुप से खास बातचीत में यह बात कही।

एडवोकेट आर.के. शर्मा ने कहा कि चीन की राजधानी बीजिंग में रविवार को होने जा रहे 20वीं सीपीसी राष्ट्रीय कांग्रेस को विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि हमने देखा है कि चीन ने पिछले साल एक समृद्ध समाज के निर्माण के कार्य को पूरा किया है, और अब सीपीसी चीन को एक आधुनिक समाजवादी देश बनाने के लिए एक नई यात्रा शुरू करने में चीनी लोगों का नेतृत्व कर रही है।

उन्होंने आगे कहा कि चीन ने संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) में निर्धारित समय से 10 साल पहले गरीबी उन्मूलन लक्ष्य को पूरा कर लिया है, जिसमें पिछले एक दशक के दौरान लगभग 10 करोड़ गरीब ग्रामीण निवासियों को गरीबी से बाहर निकाला गया है।

चीन की कई बार यात्रा कर चुके एडवोकेट शर्मा ने कहा कि पिछले एक दशक में, चीन ने अपने लोगों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने और वैश्विक विकास को गति देने में असाधारण उपलब्धियां हासिल की हैं। चीन के विकास और अंतरराष्ट्रीय मामलों में उसकी भूमिका चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की 20वीं राष्ट्रीय कांग्रेस के साथ शुरू होगी।

उन्होंने उम्मीद जतायी कि 20वीं सीपीसी राष्ट्रीय कांग्रेस के बाद, सीपीसी चीनी विशेषताओं के साथ समाजवाद को और विकसित करने में चीनी लोगों का नेतृत्व करना जारी रखेगी और स्वतंत्र विकास पथ चुनने में अन्य देशों के लिए एक अच्छा मॉडल प्रदान करेगी।

भारत की राजधानी दिल्ली में रहने वाले एडवोकेट शर्मा ने यह भी कहा कि लोगों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए, चीन ने आर्थिक विकास और महामारी की रोकथाम और नियंत्रण के समन्वय के मामले में दुनिया में सर्वोत्तम परिणाम प्राप्त करते हुए, कोविड-19 महामारी के प्रसार के खिलाफ प्रभावकारी उपाय किए हैं।

उनका यह भी कहना है कि अगले पांच वर्षों में, चीन के लिए यह आवश्यक है कि वह सीपीसी के मजबूत नेतृत्व में सही दिशा में आगे बढ़े, ताकि तेजी से जटिल और चुनौतीपूर्ण अंतरराष्ट्रीय वातावरण में विकास को बढ़ावा दे सके।

(अखिल पाराशर)

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