चीन को समृद्धि की ओर ले जाती चीनी कम्युनिस्ट पार्टी

2022-10-09 19:32:42

चीन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, लेकिन यह देश पहले उतना उन्नत नहीं था जितना आज है। जब चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) ने 1 अक्टूबर 1949 को चीन लोग गणराज्य (पीआरसी) की स्थापना की थी। तब से, सीपीसी देश को उसकी वर्तमान समृद्धि की ओर ले जाने में अग्रणी है।

सीपीसी ने 23 जुलाई, 1921 को चीन के पूर्वी समुद्र तटीय प्रांत चच्यांग में एक नाव से केवल 50 सदस्यों के साथ अपनी ऐतिहासिक यात्रा शुरू की। इसकी स्थापना के लगभग तीन दशक बाद, सीपीसी ने पीआरसी की स्थापना की।

यह पार्टी सभी बाधाओं के बावजूद चीन के लोगों की सेवा करने के अपने मूल लक्ष्य को कभी नहीं भूली है। इसलिए सीपीसी चीन के हर इंच अपने सपने के अनुसार और चीनी लोगों की उम्मीदों पर खरा उतर सकी। यदि हम इतिहास को देखें, तो महसूस कर सकते हैं कि सीपीसी ने कितनी तेजी से और प्रभावी ढंग से चीन और उसके लोगों के भाग्य में सुधार किया है।


1930 के दशक में, चीन की जीडीपी गिरकर 21.3 अरब अमरीकी डॉलर हो गई। विदेशी निवेश कुल साढ़े 3 अरब अमरीकी डॉलर था, जबकि पूंजी निवेश घटकर केवल 3 अरब अमरीकी डॉलर रह गया। चीन ने इस समय कृषि कीमतों में भारी गिरावट देखी और कुछ क्षेत्रों में ग्रामीण किसानों की आय 57 प्रतिशत तक गिर गई।

साल 1937 में, जापान ने चीन पर आक्रमण किया और अधिकांश समृद्ध पूर्वी तट पर जापानियों का कब्जा हो गया। चीन द्वारा निर्मित सभी चीजों को नष्ट कर दिया गया। देश का कपड़ा उद्योग नष्ट हो गया और प्रमुख निर्यात गोंद, चाय, रेशम, गन्ना, तंबाकू, कपास, मक्का और मूंगफली तक ही सीमित थे।

साल 1949 में नये चीन की स्थापना से पहले, मुद्रास्फीति बड़े पैमाने पर थी, और प्रचलन में कुल मुद्रा साल 1936 की तुलना में 120 अरब गुना अधिक थी। देश के पास दुनिया का 40वां सबसे बड़ा सकल घरेलू उत्पाद था और अपनी बड़ी आबादी को पर्याप्त भोजन, कपड़े और अन्य बुनियादी जरूरतों को प्रदान करने के लिए संघर्ष करना पड़ा।

सीपीसी चीन को उसके मूल सपने के करीब ला रही है। चीन अब साल 2010 के बाद से जीडीपी में दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है, और साल 2028 तक सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की पुरी संभावना है।

साल 2020 तक, चीन में दुनिया में सबसे अधिक अरबपति और करोड़पति हैं। क्रेडिट सुइस ग्रुप की 2019 ग्लोबल वेल्थ रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने दुनिया की शीर्ष दस प्रतिशत आबादी की संपत्ति में अमेरिका को पीछे छोड़ दिया है।


साल 1978 में सुधार और खुलेपन की नीति अपनाने के बाद से, चीन ने 70 करोड़ से अधिक लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है, जो इस समय के दौरान कुल वैश्विक गरीबी में कमी का 70 प्रतिशत से अधिक है। इसलिए, इसने संयुक्त राष्ट्र द्वारा 2030 के लिए निर्धारित समय सीमा से एक दशक पहले अत्यंत गरीबी मिटाने का लक्ष्य पुरा कर लिया है।

चुनौतियों से पार पाने के लिए, सीपीसी ने अब साल 2049 तक चीन को एक आधुनिक समाजवादी राष्ट्र में बदलने की यात्रा शुरू कर दी है, जो चीन लोक गणराज्य की नींव की शताब्दी है।

(अखिल पाराशर)

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